प्रोस्टेट की समस्या: शुरुआती संकेत और उपचार के तरीके
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प्रोस्टेट की समस्या: शुरुआती संकेत और उपचार के तरीके

Renal Sciences | by Dr. Anjan Das on 01/10/2024

Summary

प्रोस्टेट की समस्या कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है। जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, हार्मोनल परिवर्तन प्रोस्टेट के बढ़ने का कारण बनते हैं, जिसे बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है। यह सबसे आम प्रोस्टेट की समस्या है। 

प्रोस्टेट पुरुषों में मूत्राशय के नीचे स्थित एक छोटे, अखरोट के आकार का ग्लैंड है, जो शुक्राणु को पोषण देने और उसे एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने का कार्य करने वाला एक तरल पदार्थ है। प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वहीं दूसरी तरफ यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का स्रोत भी है। 

प्रोस्टेट की समस्या के शुरुआती लक्षणों को समझना और समय पर इलाज करना बहुत ज्यादा ज़रूरी है। ऐसा करना क्यों ज़रूरी है, इसके बारे में हम इस ब्लॉग में बताने वाले हैं। प्रोस्टेट की समस्या के इलाज के लिए तुरंत हमारे सर्वश्रेष्ठ मूत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के विकल्पों के बारे में जानें।

प्रोस्टेट की समस्या के क्या कारण है?

प्रोस्टेट की समस्या कई कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है। जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, हार्मोनल परिवर्तन प्रोस्टेट के बढ़ने का कारण बनते हैं, जिसे बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है। यह सबसे आम प्रोस्टेट की समस्या है। 

प्रोस्टेटाइटिस और प्रोस्टेट की सूजन ऐसी समस्या है, जो अक्सर जीवाणु संक्रमण के कारण उत्पन्न होती हैं। प्रोस्टेट कैंसर, एक अधिक गंभीर स्थिति है, जो तब उत्पन्न होती है, जब प्रोस्टेट में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है।

प्रोस्टेट समस्याओं के प्रकार

प्रोस्टेट ग्लैंड को कई सारी समस्याएं प्रभावित कर सकती हैं जैसे कि - 

  • बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH): इसमें प्रोस्टेट का आकार बढ़ जाता है। इसके कारण मूत्र संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि पेशाब शुरू करने में कठिनाई, कमजोर मूत्र प्रवाह, या बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होन।
  • प्रोस्टेटाइटिस: प्रोस्टेट की सूजन बैक्टीरियल या नॉन-बैक्टीरियल हो सकते हैं। लक्षणों में पेशाब के दौरान दर्द, बुखार या पीठ के निचले भाग में दर्द शामिल है। 
  • प्रोस्टेट कैंसर: पुरुषों में सबसे आम कैंसरों में से एक है प्रोस्टेट कैंसर। पिछले दोनों प्रकारों में कैंसर की संभावना नहीं होती है, लेकिन यदि प्रोस्टेट की कोई भी समस्या लंबे समय तक अनुपचारित रह जाए, तो इसके कारण बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

प्रोस्टेट की समस्या के लक्षण 

प्रोस्टेट की समस्याओं की स्थिति में कुछ शुरुआती लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • पेशाब करने में कठिनाई: पेशाब करते समय कठिनाई या फिर धारा बनाए रखने में दिक्कत होना इस स्थिति का शुरुआती लक्षण है।
  • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में: आपको अधिक बार पेशाब करने की ज़रूरत महसूस होना, खासकर रात के समय प्रोस्टेट की समस्या का एक मुख्य संकेत है।
  • पेशाब करते समय दर्द या जलन: पेशाब करते समय तेज दर्द या जलन होना मूत्र पथ पर संक्रमण के साथ-साथ इस समस्या का भी संकेत दे सकता है।
  • मूत्र या वीर्य में रक्त: यदि मूत्र या वीर्य में रक्त दिखाई दे, तो यह एक गंभीर समस्या का संकेत दे सकता है। 
  • पीठ के निचले भाग, श्रोणि या ऊपरी जांघ में दर्द: इन क्षेत्रों में असुविधा प्रोस्टेट में सूजन या प्रोस्टेट से संबंधित अन्य समस्याओं से जुड़ी हो सकती है।

यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो उचित निदान और उपचार के लिए तुरंत एक अच्छे एवं अनुभवी डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। 

प्रोस्टेट की जांच कैसे की जाती है?

प्रोस्टेट समस्याओं की जांच के लिए कुछ प्रकार के परीक्षण का सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं जेसे कि - 

  • डिजिटल रेक्टल परीक्षा (DRE): डॉक्टर प्रोस्टेट की जांच के लिए एक ग्लव्स में वैक्स लगा कर गुदा में डालते हैं। इससे वह गुदा में मौजूद असमान्यता की जांच कर सकते हैं। 
  • प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) टेस्ट: यह एक रक्त परीक्षण है, जो PSA के स्तर को मापता है। इससे प्रोस्टेट कैंसर या अन्य प्रोस्टेट की स्थितियों की जांच हो पाती है।
  • मूत्र विश्लेषण और अल्ट्रासाउंड: यह परीक्षण मूत्राशय और मूत्र पथ का मूल्यांकन करने में मदद करते हैं और किसी भी रुकावट या संक्रमण का पता लगा सकते हैं।
  • बायोप्सी: ऐसे मामलों में जहां कैंसर का संदेह होता है, वहां प्रोस्टेट के एक भाग को सर्जरी से निकाला जाता है और उसे लैब में टेस्ट कराया जाता है। 

प्रोस्टेट की समस्याओं के लिए इलाज

प्रोस्टेट की समस्या इसके प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। चलिए प्रोस्टेट के सभी प्रकारों के आधार पर इसके इलाज विकल्पों के बारे में जानते हैं -

  • BPH: हल्के मामलों में, तरल पदार्थ का सेवन कम करने और कैफीन से बचने जैसे जीवनशैली में बदलाव का सुझाव दिया जाता है। अल्फा-ब्लॉकर्स और 5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर जैसी दवाएं प्रोस्टेट के आसपास की मांसपेशियों को आराम दे सकते हैं या ग्लैंड के आकार को छोटा कर सकते हैं। गंभीर मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
  • प्रोस्टेटाइटिस: बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है, जबकि क्रोनिक प्रोस्टेटाइटिस के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं या फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है।
  • प्रोस्टेट कैंसर: इस प्रकार की समस्या के इलाज के लिए कैंसर के चरण का पता होना आवश्यक होता है और इसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी या कम आक्रामक मामलों में दवाएं और समय समय पर जांच काफी है। 

निष्कर्ष

प्रोस्टेट की समस्या पुरुषों में एक आम समस्या है। इसके लक्षणों के बारे में जागरूक होना और समय पर इलाज कराना बहुत सहायक होता है। नियमित जांच, विशेष रूप से 50 से अधिक उम्र के लोगों के लिए, प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बनाए रखने और BPH या प्रोस्टेट कैंसर जैसी समस्याओं का पता लगाना बहुत अनिवार्य होता है। इस स्थिता का त्वरित इलाज तभी संभव है जब आप इस स्थिति को गंभीर होने से पहले पहचान लें। 

प्रोस्टेट समस्याओं के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रोस्टेट समस्याओं का पहला लक्षण क्या है?

प्रोस्टेट समस्याओं का पहला ध्यान देने योग्य लक्षण अक्सर पेशाब शुरू करने में कठिनाई या कमजोर मूत्र प्रवाह होता है। बार-बार पेशाब आना, विशेष रूप से रात में, एक और प्रारंभिक संकेत है।

किस उम्र में प्रोस्टेट की समस्याएं अधिक होती हैं?

प्रोस्टेट की समस्याएं, विशेष रूप से BPH और प्रोस्टेट कैंसर, 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक आम है। पुरुषों की उम्र बढ़ने के साथ जोखिम काफी बढ़ जाता है। 70 और 80 के दशक में 90% पुरुष BPH से प्रभावित होते हैं।

क्या प्रोस्टेट की समस्याएं आनुवांशिक हो सकती हैं?

हां, प्रोस्टेट की समस्याओं, विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर आनुवांशिक होती है। प्रोस्टेट कैंसर के फैमिली मेडिकल हिस्ट्री वाले पुरुषों में स्वयं इस बीमारी के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।

प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है

प्रोस्टेट का बढ़ना, जिसे प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया या बेनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है, आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होता है।

Written and Verified by:

Dr. Anjan Das

Dr. Anjan Das

Consultant - Urologist Exp: 28 Yr

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Dr. Anjan Das with valuable experience of 23 Years in the field of Urology including Uro-Oncology and Reconstructive Urology joined Fortis Hospital Kidney Institute at Rash Behari Avenue, Kolkata on 1st August 2014 as Consultant-Urology. He has received his MS (Gen. Surgery) and M.Ch (Urology) from one of the premier medical institutions - PGI, Chandigarh. Prior to joining the Fortis Group, he was and is still associated with well-known hospitals and Medical College in Kolkata as a Consultant-Urologist and / Professor of Urology. He was also associated with PGI, Chandigarh as Sr. Resident, and later on, as Assistant Professor of Urology. He has presented papers at various Urological Conference including the prestigious USICON. He has also many Publications on Urology to his credit. Dr. Das is a life member of various Urological Societies including the Urology Society of India (USI) and American Urology Association (AUA)

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