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हर्निया के लक्षणों को समझें और सही समय पर कराएं इलाज

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हर्निया के लक्षणों को समझें और सही समय पर कराएं इलाज

General Surgery | by Dr. Debashis Mukherjee | Published on 01/04/2024



हर व्यक्ति ने अपने जीवन में कभी न कभी हर्निया के बारे में ज़रूर सुना होगा। वहीं कुछ लोगों को हर्निया के बारे में सामान्य जानकारी भी नहीं होती है जैसे हर्निया क्या होता है और इसका इलाज कैसे होता है। सभी को सबसे पहले समझना होगा कि हर्निया की समस्या एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। चलिए इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि हर्निया क्या है और यह समस्या एक व्यक्ति को परेशान क्यों करती है?

हर्निया रोग क्या है?

हर्निया वह स्थिति है, जिसमें शरीर के किसी अंग या ऊतक का एक भाग कमजोर मांसपेशियों या ऊतकों से होकर बाहर निकल जाता है। आमतौर पर हर्निया की समस्या पेट या कमर पर होती है, लेकिन यह शरीर के किसी भी भाग को प्रभावित कर सकती है।

सामान्यतः हर्निया की समस्या पेट में देखने को मिलती है। जब पेट की अंदरूनी परत में किसी भी कमजोर भाग में छेद हो जाता है और आंत उस तरफ से बाहर निकलने लगती है या फिर उभरने लगती है, तो उस स्थिति को हर्निया कहा जाता है।

ऐसा कई बार देखा गया है कि हर्निया के कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन रोगी को हर्निया का दर्द ज़रूर होगा। यह दर्द कभी कम, कभी ज्यादा हो सकता है, लेकिन आराम करते समय और खांसते हुए दर्द दर्शाता है कि हर्निया की समस्या परेशान कर रही है और आपको इलाज की आवश्यकता है।

हर्निया क्यों होता है?

अधिकतर मामलों में हर्निया की समस्या जन्मजात होती है, वहीं कुछ मामलों में लोगों के पेट की दीवारें समय के साथ कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण आंत उस कमजोर भाग से बाहर आने लगती है। इसके कारण शरीर के उस भाग में सूजन दिखती है, जिसे चिकित्सा भाषा में हर्निया कहा जाता है। 

हर्निया रोग मांसपेशियों की कमजोरी व तवान दोनो के संयोजन का संकेत देता है। यह एक ऐसी समस्या, जिसके समय सारणी का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। हर्निया की समस्या कभी-कभी कुछ ही समय में विकसित हो जाती है, तो कभी-कभी यह समस्या विकसित होने में लंबा समय भी लग सकता है। यह हर्निया के कारण पर भी निर्भर करता है। हर्निया के कारणों को समझने के लिए हमें यह समझना होगा कि शरीर की मांसपेशियां कमजोर किन कारणों से होती है -

  • जन्म से ही बच्चों की पेट की दीवारों की मांसपेशियों या परत का सही से विकसित न होना। इसे आप जन्मजात दोष कह सकते हैं। 
  • बढ़ती उम्र
  • लंबे समय तक खांसी की समस्या
  • चोट या सर्जरी के कारण घाव
  • गर्भावस्था
  • मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाना
  • कब्ज
  • भारी वजन उठाना
  • अचानक वजन बढ़ना
  • लगातार खांसी या छींक आना

वहीं इसके अतिरिक्त कुछ दूसरे कारक भी होते हैं, जो शरीर में तनाव को बढ़ा सकते हैं, जिसके कारण भी हर्निया की समस्या होती है। यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हो और तनाव ने आपको घेर रखा है, तो हर्निया की समस्या निश्चित रूप से आपको परेशान करेगी।

हर्निया के लक्षण

हर्निया के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। वहीं कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि लिंग के आधार पर भी कुछ लक्षण उत्पन्न होते हैं। चलिए पुरुषों और महिलाओं में उत्पन्न होने वाले लक्षणों को जानते हैं। उससे पहले कुछ ऐसे लक्षणों को जानते हैं जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती हैं - 

  • कमर या पेट में दर्द, खासकर खांसते, झुकते, या भारी वस्तु उठाते समय दर्द
  • कमर या पेट में एक उभार या गांठ
  • कमर में जलन या खिंचाव
  • पेट फूलना
  • कब्ज
  • पेशाब में जलन
  • योनि में दर्द या दबाव
  • कमजोरी या थकान

पुरुषों में हर्निया के लक्षण:

  • ग्रोइन क्षेत्र (पेट और जांघों के बीच का भाग) पर गांठ या उभार: अक्सर यह उभार खड़े होने या फिर शारीरिक श्रम के दौरान ज्यादा दिखता और महसूस होता है। वहीं आराम करने के दौरान यह फिर से नॉर्मल हो जाता है। 
  • पेट के निचले भाग में दर्द: यह दर्द उठते-बैठते, खांसते या जोर लगाते समय बढ़ सकता है। कभी-कभी दर्द अंडकोष तक भी जा सकता है, जिससे बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

महिलाओं में हर्निया के लक्षण:

  • पेट के निचले भाग या कमर में भारीपन या खिंचाव: महिलाओं को ऐसा अक्सर तब महसूस होता है, जब वह खड़े रहते हैं या फिर कोई शारीरिक गतिविधि करने लगते हैं। 
  • बार-बार पेशाब आना: सामान्यतः यह लक्षण कई अन्य बीमारियों का संकेत देती है। कभी-कभी हर्निया महिलाओं में पेशाब की थैली को प्रभावित कर सकता है, जिससे बार-बार पेशाब आने की शिकायत महिलाओं को होती है। यह मूत्र पथ पर संक्रमण का भी संकेत है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।

बिना ऑपरेशन हर्निया का इलाज

जरूरी नहीं है कि हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है। जीवनशैली और आहार में परिवर्तन से हर्निया की समस्या का प्रबंधन संभव होता है। सबसे पहले समय पर निदान और उचित इलाज एक व्यक्ति को हर्निया की समस्या से दूरी बनाने और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आप बिना ऑपरेशन हर्निया का इलाज करना चाहते हैं तो निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए - 

  • अधिक भोजन करने से बचें।
  • भोजन करने के बाद झुकने और मुड़ने से बचें।
  • अपने वजन को नियंत्रित करें।
  • गर्ड (जीईआरडी) की समस्या से बचने के लिए मसालेदार खाना, टमाटर से बना हुआ खाने से परहेज करें। 
  • धूम्रपान छोड़ें
  • पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें। 
  • गलत व्यायाम न करें, अन्यथा स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।

लेकिन आपको यहां एक बात समझने की आवश्यकता है कि हर्निया की समस्या इन घरेलू उपायों से समाप्त नहीं होती है। यदि घरेलू उपायों से आराम न मिले तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव देते हैं।

महिलाओं में हर्निया का इलाज

सबसे पहले यह समझना होगा कि पुरुषों और महिलाओं में हर्निया का इलाज एक समान ही होता है। हर्निया का इलाज इसके आकार और उत्पन्न हो रहे लक्षणों के आधार पर भी भिन्न हो सकते हैं। इलाज के दो विकल्पों का सुझाव डॉक्टर देते हैं - दवाएं और सर्जरी। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं। 

हर्निया के इलाज के लिए कुछ दवाएं

हाइटल हर्निया के मरीजों को डॉक्टर ऑवर-द-काउंटर मेडिसिन देते हैं। यह दवाएं बिना प्रिस्क्रिप्शन के नहीं ली जाती है और न ही ली जानी चाहिए। इसके लिए डॉक्टर एंटासिड्स, H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स और प्रोटॉन पंप इनहिबिटर का सुझाव डॉक्टर देते हैं।;

हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी

यदि हर्निया की समस्या दवाओं और घरेलू उपाय से ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव देते हैं। सर्जरी के लिए डॉक्टर ओपन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का सुझाव देते हैं।

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में एक दूरबीन का प्रयोग होता है, जिसमें एक कैमरा और सर्जिकल उपकरण लगे होते हैं। इसमें प्रभावित क्षेत्र में एक कट लगाया जाता है और शरीर के दूसरे अंग इससे प्रभावित नहीं होते हैं। वहीं दूसरी तरफ ओपन सर्जरी के बाद रोगी को ठीक होने के लंबा समय लगता है।

दोनों ही सर्जरी में स्थिति के आधार पर सर्जिकल मेश का प्रयोग होता है, जिससे कमजोर मांसपेशियों को सपोर्ट मिलता है और हर्निया की समस्या फिर से उत्पन्न नहीं होती है। 

हर्निया से होने वाले नुकसान

हर्निया के कारण कुछ जटिलताएं उत्पन्न होती है। चलिए हर्निया के नुकसान के बारे में एक-एक करके समझते हैं -

  • दर्द और बेचैनी: यदि समय पर इलाज नहीं होता है, तो हर्निया वाले क्षेत्र में दर्द, जलन और बेचैनी होती है।
  • आंतों का फंसना: हर्निया की समस्या के कारण आंत फंस जाती है, जो कि एक गंभीर स्थिति है।
  • स्ट्रगुलेशन: फंसी हुई आंत में रक्त प्रवाह कम हो जाती है, जिससे ऊतकों में क्षति और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • आंत्र में रुकावट: यह एक जानलेवा स्थिति है, इसलिए हर्निया के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से मिलें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

हर्निया कैसे ठीक होता है?

हर्निया के इलाज के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। घरेलू उपायों से और दवाओं से स्थिति का कुछ समय के लिए रोका जा सकता है। लेकिन सर्जरी से ही इस स्थिति का इलाज संभव है। दो मुख्य प्रकार की सर्जरी होती है - 

  • ओपन सर्जरी
  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

हर्निया कितने प्रकार की होती है?

हर्निया कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं - 

  • इनगुइनल हर्निया
  • हाइटल हर्निया
  • अम्बिलिकल हर्निया
  • इंसिज़नल हर्निया
  • स्पोर्ट्स हर्निया

हर्निया के ऑपरेशन में कितना समय लगता है?

आमतौर पर हर्निया के ऑपरेशन में 30 मिनट से 2 घंटे तक का समय लगता है। लगने वाला समय कई चीजों पर निर्भर करता है। 

हर्निया के ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?

हर्निया के ऑपरेशन का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि हर्निया का प्रकार, सर्जरी का प्रकार, और अस्पताल का स्थान। हर्निया के ऑपरेशन में लगने वाले खर्च के बारे में जानने और हर्निया के इलाज के लिए आप हमें कॉल कर सकते हैं।

क्या हर्निया जानलेवा बीमारी है?

आमतौर पर हर्निया को जानलेवा बीमारी की श्रेणी में नहीं गिना जाता है। लेकिन यदि इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।