पल्मोनरी एम्बोलिज्म: इस साइलेंट किलर के बारे में आपको क्या जानना चाहिए
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पल्मोनरी एम्बोलिज्म: इस साइलेंट किलर के बारे में आपको क्या जानना चाहिए

Pulmonology | by Dr. Raja Dhar on 10/10/2024

Summary

पल्मोनरी एम्बोलिज्म को आप एक मेडिकल इमरजेंसी के रूप में देख सकते हैं, जिसमें रक्त का थक्का फेफड़ों के एक या अधिक धमनियों को अवरुद्ध कर देता है। मुख्य रूप से यह रक्त के थक्के पैरों की गहरी नसों में होते हैं, जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) कहा जाता है। इस रुकावट के कारण फेफड़ों में भी परेशानी हो सकती है। 

इस बात में कोई संशय नहीं है कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई) एक गंभीर स्थिति है, जिसका इलाज समय पर किया जाना बहुत ज्यादा आवश्यक है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मेडिकल क्षेत्र में इसे "साइलेंट किलर" के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस स्थिति के शुरुआत में इसका निदान करना मुश्किल होता है। 

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण, कारण और रोकथाम को समझने से आपको बहुत मदद मिल सकती है। इस ब्लॉग में हम पल्मोनरी एम्बोलिज्म के बारे में वह सब जानेंगे, जो आपको जानना चाहिए। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत हमारे फेफड़ा रोग विशेषज्ञ या हृदय रोग विशेषज्ञ से बात करें और इलाज लें। 

पल्मोनरी एम्बोलिज्म क्या है? 

पल्मोनरी एम्बोलिज्म को आप एक मेडिकल इमरजेंसी के रूप में देख सकते हैं, जिसमें रक्त का थक्का फेफड़ों के एक या अधिक धमनियों को अवरुद्ध कर देता है। मुख्य रूप से यह रक्त के थक्के पैरों की गहरी नसों में होते हैं, जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) कहा जाता है। इस रुकावट के कारण फेफड़ों में भी परेशानी हो सकती है। 

यह रुकावट फेफड़े के ऊतकों में रक्त के प्रवाह को प्रतिबंधित करते हैं, जिससे फेफड़े के ऊतकों को नुकसान होता, ऑक्सीजन के स्तर में कमी आती और गंभीर मामलों में दिल के दौरे जैसी गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। जटिलताओं को रोकने और जीवन बचाने के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता महत्वपूर्ण है। 

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण थक्के के आकार और फेफड़े के जिस हिस्से को यह प्रभावित करता है, उसके आधार पर भिन्न होते हैं। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के सामान्य लक्षण इस प्रकार है - 

  • अचानक सीने में दर्द होना: सबसे ज्यादा मामलों में यही लक्षण उत्पन्न होते हैं। सीने में दर्द की समस्या जब तेज सांस लेने या खांसते समय बढ़ जाए, तो यह एक चिंता का विषय है। 
  • सांस की तकलीफ: शारीरिक गतिविधि करने या इसके बिना भी यदि सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और इलाज लें। 
  • तेज हृदय गति:टैचीकार्डिया या तेज हृदय गति का होना इस समस्या की तरफ इशारा कर सकता है। इसके पीछे का कारण रक्त में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा होती है। 
  • खांसी: कभी-कभी, पल्मोनरी एम्बोलिज्म वाले लोगों को खून या खून से सना हुआ बलगम खांसी में आ सकता है।
  • चक्कर आना या हल्का-हल्का महसूस होना: यह मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण हो सकता है।
  • पैर में दर्द या सूजन: यदि थक्का पैरों में बनता है, तो आपको प्रभावित पैर में दर्द, कोमलता या सूजन का अनुभव होता है।

इन लक्षणों को पहचानना बहुत ज्यादा जरूरी है। यदि समय पर इलाज नहीं होता है, तो गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है। 

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कारण

आमतौर पर पल्मोनरी एम्बोलिज्म पैरों में होने वाले रक्त के थक्के के कारण होता है, जो फेफड़ों तक पहुंच सकता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार है - 

  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT): पल्मोनरी एम्बोलिज्म के अधिकांश मामलों में DVT या डीप वेन थंब्रोसिस इसका मुख्य कारण हैं, जो फेफड़ों तक पहुंचता है। 
  • लंबे समय तक स्थिर रहना: यदि आप एक ही स्थान पर बैठे या लेटे रहते हैं, तो रक्त के थक्के के बनने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। 
  • सर्जरी और आघात: यदि पैर या पेट से जुड़ी कोई बड़ी सर्जरी पहले कभी हुई है, तो इसके कारण रक्त के थक्के बन सकते हैं। 
  • चिकित्सा स्थितियां: उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर और हृदय रोग पल्मोनरी एम्बोलिज्म के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • प्रेगनेंसी: प्रेगनेंसी के दौरान श्रोणि और पैरों की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं में भी इस रोग का जोखिम भी बढ़ जाता है।
  • गर्भनिरोधक गोलियों या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग: यह दवाएं अपने कार्य को सही से तो करती है, लेकिन यह रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति को भी बढ़ा सकते हैं, जिससे थक्के बनने का जोखिम भी कई गुना बढ़ जाता है।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म होने की संभावना किसे अधिक होती है?

कुछ व्यक्तियों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या अधिक देखने को मिलती है जैसे कि - 

  • रक्त के थक्के या DVT की मेडिकल हिस्ट्री वाले लोगों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म का खतरा लगातार बना रहता है। 
  • उच्च रक्तचाप, कैंसर या हृदय रोग वाले रोगियों को इस रोग का जोखिम अधिक होता है। 
  • अधिक वजन होने से पैरों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिसके कारण रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है। 
  • उम्र एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, क्योंकि समय के साथ रक्त रक्त संचार में समस्या आती है। 
  • कई बार देखा गया है कि यह रोग एक फैमिली में भी चलता रहता है। यदि घर-परिवार में यह रोग किसी को है, तो इसके जोखिम के दायरे में आप हमेशा आएंगे।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म का उपचार

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के प्रबंधन के लिए समय पर उपचार आवश्यक है। उपचार का मुख्य लक्ष्य मौजूदा थक्कों को तोड़ना, नए थक्कों को बनने से रोकना और उचित रक्त प्रवाह सुनिश्चित करना है। इस रोग के सामान्य उपचारों में निम्न शामिल है - 

  • एंटीकोगुलेंट दवाएँ: हेपरिन या वारफेरिन जैसी रक्त पतला करने वाली दवाएं नए थक्कों के निर्माण को रोकने और मौजूदा थक्कों को बड़ा होने से रोकने में मदद करती हैं।
  • थ्रांबोलिटिक थेरेपी: इसमें आपातकालीन मामलों में थक्के को घोलने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है, जहां बड़े थक्के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
  • सर्जिकल हस्तक्षेप: गंभीर मामलों में, रक्त के थक्कों को हटाने के लिए सर्जरी या कैथेटर-आधारित थ्रोम्बोलिसिस जैसी प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है।
  • इन्फीरियर वेना कावा (IVC) फ़िल्टर: इसमें एक उपकरण को हृदय की ओर जाने वाली बड़ी नस में लगाया जाता है जिससे थक्कों को फेफड़ों तक पहुंचने से रोका जा सके।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म के रोगियों को बेहतर इलाज के लिए स्थिति को जल्दी पहचानना बहुत ज़रूरी है, जिससे व्यक्ति को जल्दी इलाज प्राप्त हो सके।

निष्कर्ष

पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, लेकिन जागरूकता और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप इस स्थिति में आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। यदि आप जागरूक होंगे, लक्षणों को जानेंगे तो जटिलताओं को रोकने और स्थिति को समझने में मदद मिल सकती है। 

जहां संभव हो जीवनशैली में बदलाव करें और किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ से परामर्श लें और इलाज प्राप्त करें। 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

रक्त के थक्के बनने का क्या कारण है?

रक्त के थक्के कई कारणों से बन सकते हैं, जैसे कि लंबे समय तक गतिहीन रहना, सर्जरी और कुछ स्वास्थ्य समस्या। 

क्या आप पल्मोनरी एम्बोलिज्म से पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं?

हां, समय पर निदान और उचित इलाज पल्मोनरी एम्बोलिज्म से आपको पूर्ण रूप से बचा सकता है। पूरी तरह से स्वस्थ होने में दवाएं, जीवनशैली में बदलाव और बार-बार लक्षण उत्पन्न होने पर डॉक्टर से परामर्श आपकी मदद कर सकते हैं।

पल्मोनरी एम्बोलिज्म का जोखिम किसे अधिक है?

डीवीटी की मेडिकल हिस्ट्री वाले रोगियों को पल्मोनरी एम्बोलिज्म का जोखिम सबसे अधिक होता है। इसके अतिरिक्त अधिक वजन और प्रेगनेंसी भी इस रोग का एक जोखिम कारक है। 

क्या जीवनशैली में बदलाव पल्मोनरी एम्बोलिज्म को रोक सकते हैं?

हां, जीवनशैली में बदलाव करने से पल्मोनरी एम्बोलिज्म के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ वजन बनाए रखना, लंबे समय तक गतिहीन रहने से बचना और हाइड्रेटेड रहना इस स्थिति में लाभदायक होंगे। 

Written and Verified by:

Dr. Raja Dhar

Dr. Raja Dhar

Director & HOD, Pulmonology Exp: 27 Yr

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Dr. Raja Dhar has joined as Director & HOD, Department of Pulmonology at The Calcutta Medical Research Institute. Dr Dhar brings with himself more than 27 years of experience in Pulmonology, Critical Medical Management and Interventional Pulmonology. Dr. Dhar is proficient in all disciplines of Respiratory Medicine including airways disease, pulmonary fibrosis, pulmonary hypertension, transplant, lung cancer, sleep medicine, lung infections including TB, and respiratory emergencies. His special interest lies in Interventional Pulmonology including electrocautery, APC, cryotherapy, stent placements and Medical Thoracoscopy. He is passionate about teaching and is an avid researcher and academician.

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