महिलाओं को पुरुषों की तुलना में घुटने की समस्या अधिक होती है, इसके पीछे शारीरिक संरचना, हार्मोनल बदलाव और चलने के तरीके जैसे कारण जिम्मेदार है। इस ब्लॉग में घुटने के दर्द से बचने के उपायों और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी आपको मिल जाएगी।
यदि आप इस ब्लॉग के विषय को पढ़कर सोच रहे हैं कि यह सच है या नहीं, तो इस बात का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि महिलाओं में घुटने के दर्द और विशेष रूप से घुटने की चोटों से पीड़ित होने की संभावना पुरुषों की तुलना में 2 से 8 गुना अधिक होती है। यह आंकड़ा नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन रिसर्च के द्वारा प्रकाशित है, इसलिए इसे नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि इसके कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें हम इस ब्लॉग में समझने वाले हैं।
लेकिन इससे पहले आपको समझना होगा कि महिलाओं में घुटने का दर्द कोई सामान्य स्थिति नहीं है। यदि किसी को भी घुटने में बार-बार दर्द होता है, और लगातार होता है, तो तुरंत एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
कई कारण हैं, जो बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को घुटने में दर्द और चोट का सामना अधिक करना पड़ता है। चलिए सभी कारणों को एक-एक करके समझते हैं -
इसके अतिरिक्त प्रेगनेंसी भी घुटने में दर्द का एक मुख्य कारण होता है, जिसके बारे में हम नीचे बताने वाले हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान, वजन बढ़ना और हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से हार्मोन में बदलाव के दौरान घुटनों के आस-पास के लिगामेंट को ढीला कर देता है, जिससे अस्थिरता और तनाव की स्थिति बनी रहती है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में अतिरिक्त वजन बढ़ता है, जिसके कारण घुटने के जोड़ों पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है, जिससे दर्द होता है। वहीं मेनोपॉज के दौरान, एस्ट्रोजन में कमी से लिगामेंट और उपास्थि (कार्टिलेज) भी कमजोर हो सकते हैं, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस और घुटने की चोटों का खतरा बढ़ जाता है।
यदि आप भी घुटने में समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इससे बचने के कुछ आसान उपाय हैं, जिनका पालन आप आसानी से कर सकते हैं जैसे कि -
महिलाओं में घुटने की समस्याएं कई कारणों से हो सकती है। इससे बचने के लिए उचित जूते पहनना, स्वस्थ वजन बनाए रखें और कम प्रभाव वाले व्यायाम करें, जिससे आपको घुटने में दर्द से आराम निश्चित रूप से मिलेगा। प्रभावी उपचार और प्रबंधन के लिए समय पर हस्तक्षेप और चिकित्सा सलाह महत्वपूर्ण है। यदि अधिक समस्या हो, तो तुरंत अनुभवी हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
गलत जूते पहनने से सिर्फ घुटने की समस्या के साथ-साथ पैरों में भी दिक्कत होने लगती है। जो जूते ठीक से फिट नहीं होते हैं या जिनमें उचित आर्च सपोर्ट नहीं होता है, तो वह आपके शरीर के अलग-अलग भाग को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण अधिक जोखिम भी होता है, खासकर मेनोपॉज के बाद यह समस्या अधिक प्रभावी हो जाती है। इसके कारण ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या भी अधिक हो सकती है।
हां, जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, मांसपेशियों में कमी, कार्टिलेज का नुकसान और हार्मोनल परिवर्तन जैसे कारकों के कारण घुटने के दर्द का जोखिम भी बढ़ जाता है।
कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व मजबूत हड्डियों और स्वस्थ जोड़ों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
हां, आनुवांशिक कारक घुटने की समस्याओं में योगदान कर सकते हैं। यदि महिलाओं के परिवार में ऑस्टियोआर्थराइटिस या लिगामेंट की चोटों जैसी स्थितियों की फैमिली हिस्ट्री होती है, तो इससे अधिक समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
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