बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस (JRA) जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न पैदा करने वाला एक ऑटोइम्यून विकार है। जल्दी पहचान और उपचार, जिसमें दवा, फ़िज़िकल थेरेपी और सही आहार शामिल हैं, लक्षणों को नियंत्रित कर जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
आर्थराइटिस या गठिया एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण दर्द तो होता ही है, लेकिन इसके कारण बहुत सारी शारीरिक एवं मानसिक समस्या का सामना करना पड़ता है। सभी प्रकार के गठिया में से जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस (RA) एक ऐसी समस्या है, जो बच्चों के लिए बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण और दर्दनाक साबित हो सकता है।
यदि सही समय पर इसे पहचान लिया जाए, तो इसके कारण जीवन की गुणवत्ता में बहुत सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। यदि आपके बच्चों में भी जोड़ों में लगातार दर्द, सूजन, या कठोरता की समस्या है, तो समय है आप अपने बच्चों के इलाज के बारे में विचार करें और हमारे अनुभवी रूमेटाइड अर्थराइटिस विशेषज्ञ से मिलें। चलिए इस ब्लॉग में बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस (JIA) के बारे में बात करते हैं और जानते हैं कि यह कैसे होता है, इसे कैसे पहचानें और इसका इलाज कैसे किया जाए।
बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस (RA) या जुवेनाइल आर्थराइटिस (JIA) बच्चों में होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बच्चों के जोड़ों में सूजन, दर्द, और कठोरता आ जाती है। इसके कारण बच्चों को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है, और वह अपना सामान्य काम भी आसानी से नहीं कर पाते हैं।
यह एक ऑटोइम्यून विकार है। चलिए इसे सरल भाषा में समझते हैं। जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करता है, उसे ही ऑटोइम्यून विकार कहा जाता है। जुवेनाइल आर्थराइटिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय रहते उपचार से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में बच्चों की मदद की जा सकती है।
अक्सर देखा गया है कि जोड़ों में सूजन के कारण अक्सर बच्चों में दर्द और अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बच्चों में जुवेनाइल आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि पॉलीआर्टिकुलर, पॉसिआर्टिकुलर, और सिस्टमेटिक। इनमें से, पॉलीआर्टिकुलर JIA सबसे आम प्रकार का आर्थराइटिस है, जो पूरे शरीर के 5 या अधिक जोड़ों को प्रभावित करता है।
चलिए सबसे पहले समझते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस क्यों होता है? बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन इस स्थिति के विकास में कई फैक्टर शामिल हो सकते हैं जैसे कि -
हालांकि इस स्थिति के कारण पर अभी भी रिसर्च चल रही है, लेकिन यह मान लिया गया है कि कुछ जीन और पर्यावरणीय प्रभाव, जैसे किसी प्रकार का संक्रमण या वायरस, बच्चों में इस बीमारी का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, जैविक कारक भी इस बीमारी के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि लड़कियों में यह बीमारी अधिक देखी जाती है। इसके अतिरिक्त, कुछ संक्रमण जैसे कि वायरस और बैक्टीरिया, इम्यून सिस्टम को उत्तेजित कर सकते हैं, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण भी हो सकता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण शुरुआत में सामान्य बीमारियों की तरह ही लगते हैं, और इसी कारण इसका सही समय पर पता नहीं चल पाता है। बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण को पहचानना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। बच्चों में रूमेटाइड गठिया के सामान्य लक्षण इस प्रकार है -
इन्हें पहचानना आसान नहीं होता, और इन लक्षणों को सामान्य समस्याओं के रूप में गलत समझा जा सकता है। इसलिए, यदि यह लक्षण कुछ दिनों से लगातार बने रहते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस का रामबाण इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है, लेकिन इस स्थिति को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द को कम करना, सूजन को घटाना, जोड़ों के नुकसान को रोकना और बच्चों को सामान्य जीवन जीने में मदद करना है। चलिए इलाज के कुछ विकल्पों के बारे में जानते हैं, जिनसे बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज हो सकता है।
माता-पिता की भूमिका इस बीमारी के इलाज और बच्चे की देखभाल में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। उन्हें बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने होते हैं -
बच्चों को ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, और एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, और फल खाना चाहिए।
रूमेटाइड अर्थराइटिस आमतौर पर 6 महीने से 16 वर्ष तक के बच्चों में पाई जाती है।
सही उपचार से बच्चे के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। हालांकि, बहुत से बच्चे इस बीमारी के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं।
हां, रूमेटाइड अर्थराइटिस और कुछ उपचार, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, बच्चों के ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं।
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