बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस: कारण, पहचान और उपचार
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बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस: कारण, पहचान और उपचार

Summary

बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस (JRA) जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न पैदा करने वाला एक ऑटोइम्यून विकार है। जल्दी पहचान और उपचार, जिसमें दवा, फ़िज़िकल थेरेपी और सही आहार शामिल हैं, लक्षणों को नियंत्रित कर जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।

आर्थराइटिस या गठिया एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण दर्द तो होता ही है, लेकिन इसके कारण बहुत सारी शारीरिक एवं मानसिक समस्या का सामना करना पड़ता है। सभी प्रकार के गठिया में से जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस (RA) एक ऐसी समस्या है, जो बच्चों के लिए बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण और दर्दनाक साबित हो सकता है। 

यदि सही समय पर इसे पहचान लिया जाए, तो इसके कारण जीवन की गुणवत्ता में बहुत सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। यदि आपके बच्चों में भी जोड़ों में लगातार दर्द, सूजन, या कठोरता की समस्या है, तो समय है आप अपने बच्चों के इलाज के बारे में विचार करें और हमारे अनुभवी रूमेटाइड अर्थराइटिस विशेषज्ञ से मिलें। चलिए इस ब्लॉग में बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस (JIA) के बारे में बात करते हैं और जानते हैं कि यह कैसे होता है, इसे कैसे पहचानें और इसका इलाज कैसे किया जाए।

बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या होता है? 

बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस (RA) या जुवेनाइल आर्थराइटिस (JIA) बच्चों में होने वाली एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बच्चों के जोड़ों में सूजन, दर्द, और कठोरता आ जाती है। इसके कारण बच्चों को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है, और वह अपना सामान्य काम भी आसानी से नहीं कर पाते हैं। 

यह एक ऑटोइम्यून विकार है। चलिए इसे सरल भाषा में समझते हैं। जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करता है, उसे ही ऑटोइम्यून विकार कहा जाता है। जुवेनाइल आर्थराइटिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय रहते उपचार से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में बच्चों की मदद की जा सकती है। 

अक्सर देखा गया है कि जोड़ों में सूजन के कारण अक्सर बच्चों में दर्द और अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बच्चों में जुवेनाइल आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि पॉलीआर्टिकुलर, पॉसिआर्टिकुलर, और सिस्टमेटिक। इनमें से, पॉलीआर्टिकुलर JIA सबसे आम प्रकार का आर्थराइटिस है, जो पूरे शरीर के 5 या अधिक जोड़ों को प्रभावित करता है। 

बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के संभावित कारण

चलिए सबसे पहले समझते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस क्यों होता है? बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन इस स्थिति के विकास में कई फैक्टर शामिल हो सकते हैं जैसे कि - 

  • ऑटोइम्यून प्रक्रिया इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने स्वस्थ ऊतकों पर हमला कर देता है। 
  • जीन में बदलाव और अन्य पर्यावरणीय कारण भी इसके उत्पन्न होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

हालांकि इस स्थिति के कारण पर अभी भी रिसर्च चल रही है, लेकिन यह मान लिया गया है कि कुछ जीन और पर्यावरणीय प्रभाव, जैसे किसी प्रकार का संक्रमण या वायरस, बच्चों में इस बीमारी का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, जैविक कारक भी इस बीमारी के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि लड़कियों में यह बीमारी अधिक देखी जाती है। इसके अतिरिक्त, कुछ संक्रमण जैसे कि वायरस और बैक्टीरिया, इम्यून सिस्टम को उत्तेजित कर सकते हैं, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण भी हो सकता है।

रूमेटाइड गठिया के लक्षण और शुरुआती पहचान कैसे करें?

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण शुरुआत में सामान्य बीमारियों की तरह ही लगते हैं, और इसी कारण इसका सही समय पर पता नहीं चल पाता है। बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण को पहचानना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। बच्चों में रूमेटाइड गठिया के सामान्य लक्षण इस प्रकार है - 

  • जोड़ों में दर्द और सूजन: बच्चों के घुटने, हाथों, या पैरों में सूजन और दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह दर्द समय के साथ बढ़ सकता है।
  • सुबह की जकड़न: बच्चों को सुबह के समय जोड़ों में जकड़न का अनुभव हो सकता है।
  • बुखार और रैश: रूमेटाइड अर्थराइटिस से प्रभावित बच्चों को बुखार और शरीर पर रैश भी हो सकते हैं।
  • कमजोरी और थकान: बच्चा अचानक थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। जब लंबे समय तक एक ही स्थान पर वह बैठे रहे, तो यह थकान और भी अधिक महसूस होता है।
  • आंखों में सूजन: यूवाइटिस या आइरिडोसायक्लाइटिस जैसे रोग बच्चों में हो सकते हैं, जिससे आंखों में सूजन और जलन होती है।

इन्हें पहचानना आसान नहीं होता, और इन लक्षणों को सामान्य समस्याओं के रूप में गलत समझा जा सकता है। इसलिए, यदि यह लक्षण कुछ दिनों से लगातार बने रहते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।

रूमेटाइड अर्थराइटिस कैसे ठीक होता है?

रूमेटाइड अर्थराइटिस का रामबाण इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है, लेकिन इस स्थिति को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द को कम करना, सूजन को घटाना, जोड़ों के नुकसान को रोकना और बच्चों को सामान्य जीवन जीने में मदद करना है। चलिए इलाज के कुछ विकल्पों के बारे में जानते हैं, जिनसे बच्चों में रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज हो सकता है।

  • दवाइयां: कुछ दवाएं जैसे कि NSAIDs (नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) दर्द और सूजन को कम करने के लिए दी जाती हैं। वहीं दूसरी तरफ DMARDs (Disease-Modifying Antirheumatic Drugs) जोड़ों को नुकसान से बचाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त बायोलॉजिकल एजेंट्स, जैसे कि एटेनरसेप्ट, सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके साथ-साथ कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स सूजन को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, लेकिन इन्हें कम समय के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • फिजिकल थेरेपी और एक्सरसाइज: बच्चों के लिए फिजिकल थेरेपी और योग जैसे व्यायाम बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। योग रूमेटाइड अर्थराइटिस में जोड़ों की लचीलापन बनाए रखने और तनाव कम करने का एक बेहतरीन उपाय है।
  • आहार: बच्चों को एक संतुलित आहार देना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे तत्व हों, जो सूजन को कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
  • सर्जरी: कुछ मामलों में, जब जोड़ों का नुकसान बहुत अधिक हो जाता है, तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

बच्चों की देखभाल में माता-पिता की भूमिका और जरूरी सावधानियां

माता-पिता की भूमिका इस बीमारी के इलाज और बच्चे की देखभाल में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। उन्हें बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने होते हैं - 

  • चेकअप और उपचार: बच्चों को नियमित रूप से डॉक्टर के पास चेकअप के लिए ले जाना चाहिए और इलाज कराने के लिए हमेशा तट पर रहें।
  • शारीरिक गतिविधियां: बच्चों को आराम करने के साथ-साथ हल्की शारीरिक गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि तैराकी, वॉकिंग करना या जॉगिंग करना, इत्यादि।
  • आहार पर ध्यान दें: बच्चों को एक स्वस्थ आहार देने से हड्डियों और जोड़ों की ताकत बनी रहती है।
  • मनोबल बनाए रखें: बच्चों का मनोबल बनाए रखना भी आवश्यक है, क्योंकि मानसिक स्थिति उनके शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए?

बच्चों को ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, और एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, और फल खाना चाहिए।

बच्चों में यह बीमारी किस उम्र में हो सकती है?

रूमेटाइड अर्थराइटिस आमतौर पर 6 महीने से 16 वर्ष तक के बच्चों में पाई जाती है।

क्या रूमेटाइड अर्थराइटिस बच्चों में ठीक हो सकता है?

सही उपचार से बच्चे के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। हालांकि, बहुत से बच्चे इस बीमारी के साथ सामान्य जीवन जी सकते हैं।

क्या रूमेटाइड अर्थराइटिस बच्चों की ग्रोथ को प्रभावित करता है?

हां, रूमेटाइड अर्थराइटिस और कुछ उपचार, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, बच्चों के ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Lalit Modi

Dr. Lalit Modi

Additional Director Exp: 11 Yr

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