गर्भावस्था या प्रेगनेंसी हर महिला के लिए एक खूबसूरत सपने जैसा है, क्योंकि इस दौरान उनमें एक नई जान पल रही होती है। प्रेगनेंसी का समय थोड़ा महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं। इसी समय कुछ समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जो दोनों मां और बच्चे को परेशान कर सकती हैं। किडनी की समस्या उनमें से मुख्य समस्या है।
गर्भावस्था या प्रेगनेंसी हर महिला के लिए एक खूबसूरत सपने जैसा है, क्योंकि इस दौरान उनमें एक नई जान पल रही होती है। प्रेगनेंसी का समय थोड़ा महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं। इसी समय कुछ समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जो दोनों मां और बच्चे को परेशान कर सकती हैं। किडनी की समस्या उनमें से मुख्य समस्या है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को किडनी की कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे -
गर्भ में बच्चे की किडनी में भी कई समस्या उत्पन्न हो सकती है। इनमें से मुख्यतः दो प्रकार की समस्याएं होती हैं जैसे कि -
गर्भवती महिलाओं में किडनी की समस्याओं का पता कुछ लक्षणों से चल सकता है जैसे -
प्रेगनेंसी में हर कुछ समय में अल्ट्रासाउंड होता है। इस जांच की मदद से एम्ब्र्यो हाइड्रोनफ्रोसिस का पता चलता है। बच्चा गर्भ में होता है, इसलिए बच्चों में किडनी की समस्या का कोई संकेत नहीं मिलता है। नियमित अल्ट्रासाउंड जांच से बच्चे के विकास की जानकारी मिलती है, जो किडनी की संभावित समस्याओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।
एम्ब्र्यो हाइड्रोनफ्रोसिस या फिर गर्भ में बच्चे की किडनी से जुड़ी समस्याएं के कई संभावित कारण हैं, जैसे कि -
एम्ब्र्यो हाइड्रोनेफ्रोसिस का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे सूजन की गंभीरता और अन्य स्वास्थ्य समस्या। अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि संतान के जन्म के बाद महिलाएं इस रोग से मुक्त हो जाती हैं। इसलिए गर्भवती माताओं को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
सामान्यतः बच्चों में भी समस्या जन्म के बाद ही ठीक होने लग जाती है। यदि जन्म के बाद भी किडनी में सूजन रहती है, तो तुरंत बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। वह दवाओं और कुछ बदलावों से आपकी मदद कर सकते हैं।
हालांकि आप कुछ उपायों का पालन कर स्वयं और बच्चे दोनों के सेहत का ख्याल अच्छे से रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त समय-समय पर यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श इस स्थिति के इलाज में आपकी मदद कर सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं में किडनी की समस्याओं से बचाव में निम्नलिखित उपाय आपकी बहुत मदद कर सकते हैं -
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें -
इस ब्लॉग की मदद से आप प्रेगनेंसी में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में पहले से सूचित रहेंगे। नियमित जांच और डॉक्टरी सलाह इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
इस प्रश्न का उत्तर किडनी की समस्या के प्रकार के आधार पर निर्भर करता है। क्रोनिक किडनी रोग में किडनी को खराब होने में कई महीने लग जाते हैं, तो वहीं एक्यूट किडनी रोग में किडनी तुरंत एक या दो दिन में खराब हो जाती है।
प्रेगनेंसी में किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, लेकिन किडनी की गंभीर समस्या बहुत कम मामलों में देखने को मिलती है। नियमित जांच कराते रहें।
यदि मां को किडनी की समस्या है, तो बच्चा भी इस रोग से पीड़ित हो सकता है। हालांकि यह प्रमाणित नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा हुआ है।
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