बच्चों में मधुमेह: लक्षण और उपचार
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बच्चों में मधुमेह: लक्षण और उपचार

Summary

दो प्रकार की डायबिटीज एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है - टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज । इन दोनों प्रकार के लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं, लेकिन दोनों ही बच्चों के लिए यह खतरनाक हो सकते हैं।

आज के समय में मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जो न केवल वयस्कों बल्कि बच्चों को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। इस बीमारी का प्रभाव बच्चों में धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, जो कि एक चिंता का विषय भी है। 

यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में ग्लूकोज का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। हर उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन 5 से 15 साल के बच्चों में इसका प्रसार अधिक देखा जा रहा है। इसलिए, बच्चों में डायबिटीज का समय पर निदान एवं इलाज अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे उनकी जान बचाई जा सके और बेहतर जीवन प्रदान किया जाए। इस बीमारी के इलाज के लिए एक अनुभवी बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना बहुत ज्यादा जरूरी है।

डायबिटीज के टाइप

दो प्रकार की डायबिटीज एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है - टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज । इन दोनों प्रकार के लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं, लेकिन दोनों ही बच्चों के लिए यह खतरनाक हो सकते हैं। आइए, इन दोनों प्रकार के मधुमेह को एक-एक करके समझते हैं।

टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस क्या होता है?

टाइप 1 डायबिटीज या डायबिटीज मेलिटस एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अपनी ही शरीर की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला कर देते हैं। इस स्थिति में शरीर स्वयं इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल अपने आप बढ़ने लगता है। बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस के लक्षण इस प्रकार है - 

  • अत्यधिक प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • वजन कम होना 

यह सभी लक्षण टाइप 1 डायबिटीज के प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा कुछ सामान्य लक्षण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है।

टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस क्या होता है?

टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस में शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है, लेकिन शरीर इसे सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता। इस स्थिति का प्रबंधन जीवनशैली में बदलाव करके किया जा सकता है। शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा, और खराब आहार, बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के मुख्य कारण हैं। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज में उत्पन्न होने वाले लक्षण सामान्य होते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है। बच्चों में शुगर लेवल को नियंत्रित रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है और नियमित जांच से इसमें मदद मिल सकती है।

बच्चों में डायबिटीज के लक्षण

बच्चों में मधुमेह के कुछ सामान्य लक्षण हो सकते हैं, जैसे कि:

  • बार-बार पेशाब आना: शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने पर किडनी को इसे बाहर निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे बार-बार पेशाब की इच्छा होती है। यह एक सामान्य लक्षण है।
  • अत्यधिक प्यास लगना: शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से पानी की कमी होती है, जिससे अधिक प्यास लगती है।
  • मूत्र में कीटोन्स की उपस्थिति: कीटोन्स मांसपेशियों और फैट के टूटने से बनता है, जो इंसुलिन की कमी के कारण उत्पन्न होता है।
  • अचानक वजन कम होना: बिना किसी कारण के वजन कम होना टाइप 1 और टाइप 2 दोनों प्रकार के मधुमेह का संकेत हो सकता है।
  • थकान महसूस होना: कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा न मिलने के कारण थकान महसूस होती है।
  • धुंधला दिखाई देना: हाई ब्लड शुगर का स्तर आंखों की लेंस को प्रभावित कर सकता है।
  • घाव का धीमा ठीक होना: मधुमेह के कारण रक्त प्रवाह प्रभावित होने से घाव ठीक होने में अधिक समय लगता है।

अन्य संभावित लक्षण:

  • बार-बार भूख लगना

  • चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स
  • पेट दर्द और मतली

यदि बच्चों में शुगर के लक्षणों को अनदेखा किया जाए, तो इससे गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

बच्चों में मधुमेह के कारण

बच्चों में मधुमेह के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि - 

  • फैमिली हिस्ट्री: यदि परिवार में किसी सदस्य को मधुमेह है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि बच्चे को भी यह समस्या परेशान करे। इसके साथ-साथ कुछ जीन ऐसे भी होते हैं, जो मधुमेह के खतरे को कई गुना बढ़ा सकते हैं। 
  • ऑटोइम्यून विकार: कभी-कभी, शरीर की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पैनिक्रयाज पर हमला कर देते हैं। पैंक्रियाज का कार्य इंसुलिन का निर्माण करना है और जब इंसुलिन का निर्माण नहीं होगा तो डायबिटीज की समस्या व्यक्ति को परेशान कर सकती है। 
  • अस्वस्थ जीवनशैली: बच्चों में टाइप 2 मधुमेह की समस्या बहुत कम मामले में देखी जाती है। लेकिन अस्वस्थ जीवनशैली और खराब खानपान के कारण टाइप 2 मधुमेह की समस्या बच्चों को हो सकती है। 

बच्चों में मधुमेह के जोखिम कारक और जटिलताएं

बच्चों में मधुमेह का सबसे बड़ा जोखिम कारक बच्चों का भविष्य ही है। यदि किसी बच्चे को बच्चपन में ही डायबिटीज की समस्या रही है, तो भविष्य में उसे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मधुमेह के कारण बच्चे को दिल की बीमारियां, किडनी की समस्याएं, और दृष्टि से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। यही कारण है कि बच्चों में शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना बहुत ज्यादा अनिवार्य है। इसके लिए तुरंत एक अच्छे और अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों के बारे में जानें। 

बच्चों और किशोरों में डायबिटीज का निदान

बच्चों में डायबिटीज की जांच के लिए ब्लड टेस्ट को प्राथमिकता दी जाती है। इसमें भी 4 प्रकार के टेस्ट होते हैं जो बच्चों के रक्त में ग्लूकोज के स्तर की पहचान कर सकते हैं - 

  • रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट: 200 mg/dL से अधिक का स्तर डायबिटीज का संकेत देता है। 
  • फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट: 126 mg/dL से अधिक का स्तर डायबिटीज का संकेत देता है।
  • HbA1C टेस्ट: 6.5% से अधिक का स्तर मधुमेह का संकेत देता है। इसमें पिछले 3 महीनों के औसत स्तर की जांच हो जाती है। 
  • ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट: 200 mg/dL से अधिक का स्तर मधुमेह हो सकता है। 

इन टेस्ट के साथ लक्षणों की जांच भी आवश्यक होती है। इसके लिए परामर्श के दौरान डॉक्टर आप से कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं। 

बच्चों में मधुमेह का उपचार और प्रबंधन

बच्चों में मधुमेह का प्रबंधन बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। इससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी होता है और जटिलताओं को भी रोकने में मदद मिलती है। निम्न तरीकों से बच्चों में मधुमेह का उपचार और प्रबंधन संभव है - 

  • अधिकतर मामलों में इंसुलिन थेरेपी का उपयोग होता है। 
  • आहार में बदलाव मधुमेह वाले बच्चों के इलाज के लिए सबसे आवश्यक प्रबंधन तकनीक है। संतुलित आहार का सेवन बहुत ज्यादा आवश्यक है। 
  • नियमित व्यायाम शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। 
  • नियमित जांच से मधुमेह के स्तर पर निगरानी रखने में मदद मिल सकती है। इससे इलाज की प्रभावशीलता के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो सकती है। 

नोट: बच्चों में मधुमेह के संबंध में किसी भी घरेलू उपाय पर भरोसा न करें और प्रयास करें कि जैसे ही इस स्थिति की पुष्टि हो, तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और परामर्श लें। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या बच्चों में मधुमेह का इलाज संभव है?

मधुमेह का पूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसका प्रबंधन आसानी से हो सकता है। आधुनिक चिकित्सा माध्यम जैसे कि इंसुलिन थेरेपी, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से इस स्थिति का प्रबंधन संभव है। 

बच्चों में मधुमेह के क्या कारण हो सकते हैं?

बच्चों में मधुमेह के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि - फैमिली हिस्ट्री, ऑटोइम्यून रोग और अस्वस्थ जीवनशैली। यही कारण ही इस रोग के इलाज में भी अहम भूमिका निभाते हैं। 

बच्चों में मधुमेह के लक्षण क्या है?

बच्चों में डायबिटीज के कई लक्षण उत्पन्न होते हैं लेकिन सामान्य लक्षणों की सूची इस प्रकार है - 

  • अत्यधिक प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • वजन कम होना
  • थकान
  • धुंधला दिखाई देना 
  • घाव का धीरे ठीक होना 

लक्षण दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें।


 

Written and Verified by:

Dr. J. P. Dadhich

Dr. J. P. Dadhich

Director Exp: 30 Yr

Pediatrics and Neonatology

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