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ब्रेन स्ट्रोक: प्रकार, कारण, लक्षण, रोकथाम और उपचार

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ब्रेन स्ट्रोक: प्रकार, कारण, लक्षण, रोकथाम और उपचार

Neurosciences | Posted on 06/02/2024 by Dr. Anjani Kumar Sharma



ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक की समस्या तब होती है, जब मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है और उन कोशिकाओं की अचानक मृत्यु भी हो जाती है। इसके कारण रक्त प्रवाह में भी रुकावट होती है जिसके कारण धमनी फट भी सकता है। इस रुकावट के कारण मस्तिष्क के ऊतकों तक ऑक्सीजन के साथ आवश्यक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की मानी जाए तो स्ट्रोक मृत्यु और विकलांगता (Disability) का तीसरा प्रमुख कारण है।

ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार -

मुख्य रूप से ब्रेन स्ट्रोक तीन प्रकार के होते हैं - 

  • इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic stroke): यह सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक है, जिसमें रक्त के थक्के के कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुक जाता है। 
  • हेमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic stroke): यह समस्या तब होती है जब मस्तिष्क में नसें फट जाती है, जिससे मस्तिष्क के अंदर रक्त हानि होती है जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचता है।
  • ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) {Transient Ischemic Attack (TIA)}: इसे "मिनी-स्ट्रोक" के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह में रुकावट थोड़े समय के लिए ही होती है। 

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण -

ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है और इस स्थिति में व्यक्ति को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है - 

  • चेहरे, बांह या पैर का अचानक सुन्न होना या कमजोरी आना।
  • कंफ्यूजन या बोलने में कठिनाई होना।
  • चलने-फिरने में परेशानी होना।
  • अचानक आंखों से देखने में समस्या होना।
  • अचानक से तेज सिरदर्द का शुरू हो जाना।
  • चक्कर आना, मतली या उल्टी होना।
  • संतुलन बनाए रखने में दिक्कत होना।

ब्रेन स्ट्रोक के कारण -

ब्रेन स्ट्रोक के कई कारण होते हैं। चलिए मुख्य कारणों को समझते हैं - 

  • हाई ब्लड प्रेशर: स्ट्रोक के सभी कारणों में से हाई ब्लड प्रेशर सबसे आम जोखिम कारक है। रक्त प्रवाह का तेज होना स्ट्रोक के खतरे को कई गुणा बढ़ा देता है।
  • धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन: धूम्रपान की समस्या स्ट्रोक के खतरे को दोगुना कर देती है। 
  • डायबिटीज: धूम्रपान की तरह ही डायबिटीज भी ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कई गुना बढ़ा सकती है। अनियंत्रित डायबिटीज अधिक खतरनाक है।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिसके कारण रक्त के थक्के जमने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। 
  • हृदय रोग: कुछ प्रकार के हृदय रोग भी ब्रेन स्ट्रोक का कारण होते हैं। मुख्य रूप से एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial Fibrillation) की समस्या स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है। 
  • मोटापा और बुढ़ापा: यह दोनों ही स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाते हैं। पुरुषों के मुकाबले यह कारक महिलाओं में अधिक आम है।
  • नशीली दवाओं का उपयोग: कुछ अवैध ड्रग्स दिमाग पर असर करती हैं, जिसके कारण स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 

ब्रेन स्ट्रोक का इलाज -

ब्रेन स्ट्रोक का इलाज इस स्थिति के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। चलिए स्ट्रोक के प्रकार के आधार पर जानते हैं कि इलाज के विकल्प क्या-क्या है। 

  • इस्केमिक स्ट्रोक: इस प्रकार के स्ट्रोक में रक्त के थक्के को खत्म करने के लिए दवा दी जाती है। इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में रक्त के थक्के को हटाने की थेरेपी भी की जाती है। 
  • हेमोरेजिक स्ट्रोक: रक्त हानि को रोकने और मस्तिष्क के अंदर बन रहे दबाव को कम करने के लिए कुछ दवाएं या सर्जरी की जाती है।
  • टीआईए: टीआईए के लिए कोई खास उपचार नहीं है, लेकिन भविष्य में स्ट्रोक के जोखिम को करने के लिए कुछ दवाएं या फिर जीवन शैली में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। 

यहां एक बात का और ख्याल रखना होगा कि माइनर ब्रेन स्ट्रोक या मेजर, व्यक्ति को सही समय पर उत्तम इलाज अवश्य लेना चाहिए। इसकी सहायता से उसे बचाने में मदद मिलती है।

ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपाय -

लगभग सभी स्वास्थ्य समस्या का इलाज स्वस्थ जीवन शैली को अपना कर आराम से किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए एक अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करना बेहद आवश्यक होता है। हालांकि कुछ उपाय हैं, जिससे आपको मदद मिल सकती है जैसे - 

  • पौष्टिक आहार चुनें: अपने आहार को ऐसा बनाएं जिसमें आवश्यक पोषण भरपूर हो। अपने आहार में अच्छी मात्रा में ताज़े फल और सब्जियों को जोडें। सैचुरेटेड और ट्रांस फैट के साथ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले खाद्य पदार्थ को अपने आहार में जोड़ें। 
  • सोडियम कम करें:सोडियम की मात्रा कम रखने से ब्लड प्रेशर भी कम होता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक और दिल की समस्याएं व्यक्ति के जल्दी परेशान नहीं करती हैं।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: जैसा कि हमने आपको बताया है कि अधिक वजन या मोटापा स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए प्रयास करें कि आप अपना स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • व्यायाम करें: व्यायाम आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त व्यायाम कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद कर सकता है। 
  • धूम्रपान और शराब का सेवन रोकें: इसके सेवन को कम करने से आपको लाभ होगा। 
  • अपने डॉक्टर से बात करें: हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज होने पर डॉक्टर से बात करें और उनसे नियमित जांच कराएं। उनके निर्देशों का पालन करने से आपको बहुत मदद मिलेगी। 

स्ट्रोक के सभी मामले में रिकवरी टाइम अलग-अलग होता है। सामान्यतः रोगी को पूर्ण रूप से रिकवर होने में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों या फिर सालों तक का समय लग सकता है। वहीं कुछ लोग पूर्ण रूप से रिकवर भी नहीं हो पाते हैं। दरअसल रिकवरी का समय रोगी के व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और जटिलता पर निर्भर करती है। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में तुरंत इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।

ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

ब्रेन स्ट्रोक कैसे होता है?

जिन रक्त वाहिकाओं का कार्य मस्तिष्क तक ले जाना है, यदी वह ब्लॉक हो जाएं, तो ब्रेन स्ट्रोक की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 

ब्रेन स्ट्रोक कैसे ठीक होता है?

तीन अलग-अलग प्रकार के ब्रेन स्ट्रोक होते हैं और इन्हीं प्रकारों के आधार पर ही इलाज की योजना तैयार होती है। डॉक्टर निदान करते हैं और परिणाम के आधार पर इलाज की योजना बनाते हैं। 

ब्रेन स्ट्रोक में क्या खाना चाहिए?

ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से मदद मिलेगी - 

  • फल, सब्जियां
  • होल ग्रेन
  • कम वसा वाला डेयरी प्रोडक्ट
  • लीन प्रोटीन
  • भरपूर मात्रा में पानी पिएं