ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक की समस्या तब होती है, जब मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है और उन कोशिकाओं की अचानक मृत्यु भी हो जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक की समस्या तब होती है, जब मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है और उन कोशिकाओं की अचानक मृत्यु भी हो जाती है। इसके कारण रक्त प्रवाह में भी रुकावट होती है जिसके कारण धमनी फट भी सकता है। इस रुकावट के कारण मस्तिष्क के ऊतकों तक ऑक्सीजन के साथ आवश्यक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की मानी जाए तो स्ट्रोक मृत्यु और विकलांगता (Disability) का तीसरा प्रमुख कारण है।
मुख्य रूप से ब्रेन स्ट्रोक तीन प्रकार के होते हैं -
ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है और इस स्थिति में व्यक्ति को निम्न लक्षणों का अनुभव हो सकता है -
ब्रेन स्ट्रोक के कई कारण होते हैं। चलिए मुख्य कारणों को समझते हैं -
ब्रेन स्ट्रोक का इलाज इस स्थिति के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। चलिए स्ट्रोक के प्रकार के आधार पर जानते हैं कि इलाज के विकल्प क्या-क्या है।
यहां एक बात का और ख्याल रखना होगा कि माइनर ब्रेन स्ट्रोक या मेजर, व्यक्ति को सही समय पर उत्तम इलाज अवश्य लेना चाहिए। इसकी सहायता से उसे बचाने में मदद मिलती है।
लगभग सभी स्वास्थ्य समस्या का इलाज स्वस्थ जीवन शैली को अपना कर आराम से किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए एक अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करना बेहद आवश्यक होता है। हालांकि कुछ उपाय हैं, जिससे आपको मदद मिल सकती है जैसे -
स्ट्रोक के सभी मामले में रिकवरी टाइम अलग-अलग होता है। सामान्यतः रोगी को पूर्ण रूप से रिकवर होने में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों या फिर सालों तक का समय लग सकता है। वहीं कुछ लोग पूर्ण रूप से रिकवर भी नहीं हो पाते हैं। दरअसल रिकवरी का समय रोगी के व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति और जटिलता पर निर्भर करती है। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में तुरंत इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
जिन रक्त वाहिकाओं का कार्य मस्तिष्क तक ले जाना है, यदी वह ब्लॉक हो जाएं, तो ब्रेन स्ट्रोक की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
तीन अलग-अलग प्रकार के ब्रेन स्ट्रोक होते हैं और इन्हीं प्रकारों के आधार पर ही इलाज की योजना तैयार होती है। डॉक्टर निदान करते हैं और परिणाम के आधार पर इलाज की योजना बनाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से मदद मिलेगी -
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A DM in Neurology from All India Institute of Medical Sciences, New Delhi, Dr. Sharma’s areas of special interest includes Epilepsy, Neuro-muscular disorders and Stroke. After serving SMS Medical College for 22 years, he took Voluntary Retirement as Senior Professor and Unit Head in 2017 and has officiated as the internal and external examiner for DM – Neurology at various Medical Institutes across the Country. He has conducted several free medical camps across Rajasthan and participated in several Public Education Programmes on News Channels and Radio Channels on Neurological issues. Dr. Sharma was awarded Indian College of Physicians Fellowship in 2009.
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