ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके कारण हड्डियां फ्रैक्चर या अपना आकार खोने लगती है। कई डॉक्टर इस रोग को एक साइलेंट डिजीज के नाम से जानते हैं, क्योंकि कब यह बीमारी किसी व्यक्ति को प्रभावित कर दे, इसका कोई पता नहीं चलता है।
हड्डियों की मजबूती को बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए इसके लक्षणों, कारणों और निवारक उपायों को समझना आवश्यक है। ऑस्टियोपोरोसिस एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके इलाज और निदान के लिए एक अच्छे और अनुभवी ऑस्टियोपोरोसिस विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों को जानें।
जैसा कि हमने अभी समझा कि ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी की बीमारी है, जिसमें हड्डियों का घनत्व और द्रव्यमान कम हो जाता है, जिससे वह कमजोर हो जाती हैं। समय के साथ यह हड्डियां कमजोर तो होती हैं, इसके साथ-साथ कुछ हड्डियां जैसे कि बॉल एंड सॉकेट जॉइंट अपना आकार खो देते हैं।
इस रोग में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि धीरे से भी गिरने पर या शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ने पर फ्रैक्चर की संभावना बन जाती है। सामान्य तौर पर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रीढ़, कूल्हों और कलाई की हड्डियों को प्रभावित करती है।
ऑस्टियोपोरोसिस को अक्सर "साइलेंट डिजीज" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस रोग के लक्षण तब तक उत्पन्न नहीं होते हैं, जब तक हड्डी टूट न जाए या इसमें फ्रैक्चर न आए। हालांकि ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति में कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि -
ऑस्टियोपोरोसिस का कोई एक कारण नहीं है। कई कारकों के संयोजन से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है जैसे कि -
डॉक्टर ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के लिए कई तरीकों का उपयोग करते हैं जैसे कि -
कुछ डॉक्टर मात्र एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के आधार पर ही इस स्थिति की पुष्टि कर सकते हैं, लेकिन स्टेज की पुष्टि के लिए DXA स्कैन एक सही टेस्ट है।
एक बार जांच हो जाने के बाद, ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज का लक्ष्य हड्डियों के और अधिक नुकसान और फ्रैक्चर को रोकना है। सामान्य तौर पर इलाज के लिए निम्न विकल्पों का प्रयोग किया जाता है -
इसके अतिरिक्त कुछ और टिप्स भी होंगे, जो आपके डॉक्टर आपको बता सकते हैं, जिससे हड्डियों को होने वाली क्षति को आसानी से रोका या कम किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए डॉक्टर हड्डियों की जांच के बाद ही कोई निर्णय लेते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव और सक्रिय जीवन शैली बहुत ज्यादा जरूरी है। इसके अतिरिक्त हम आपको 8 ऐसे उपायों के बारे में बताने वाले हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं -
ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों में फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ सकता है या वह आसानी से टूट भी सकती हैं। हालांकि, नियमित व्यायाम, कैल्शियम युक्त आहार और धूम्रपान से दूरी जैसे अच्छी आदतों से हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। हड्डी रोग विशेषज्ञों से नियमित जांच कराएं और स्वस्थ रहें।
हां, ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है। इस दौरान हल्की सी भी चोट या फिर धीरे से भी गिरने के कारण हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के लिए सबसे आम परीक्षण DXA स्कैन है, जिससे हड्डियों के डेंसीटी की जांच होती है। प्रारंभिक जांच के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग भी किया जा सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज इसके स्टेज पर निर्भर करता है। अधिकांश लोगों को जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता होती है, जिसमें अक्सर ज्यादा समय लगता है। कितना समय लगेगा, इसका जवाब डॉक्टर जांच के बाद ही दे पाएंगे।
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