ऑस्टियोपोरोसिस: हड्डियों की कमजोरी के लक्षण और बचाव के उपाय

ऑस्टियोपोरोसिस: हड्डियों की कमजोरी के लक्षण और बचाव के उपाय

Endocrinology |by CMRI| Published on 30/09/2024

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके कारण हड्डियां फ्रैक्चर या अपना आकार खोने लगती है। कई डॉक्टर इस रोग को एक साइलेंट डिजीज के नाम से जानते हैं, क्योंकि कब यह बीमारी किसी व्यक्ति को प्रभावित कर दे, इसका कोई पता नहीं चलता है। 

हड्डियों की मजबूती को बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए इसके लक्षणों, कारणों और निवारक उपायों को समझना आवश्यक है। ऑस्टियोपोरोसिस एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके इलाज और निदान के लिए एक अच्छे और अनुभवी ऑस्टियोपोरोसिस विशेषज्ञ से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों को जानें। 

ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?

जैसा कि हमने अभी समझा कि ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी की बीमारी है, जिसमें हड्डियों का घनत्व और द्रव्यमान कम हो जाता है, जिससे वह कमजोर हो जाती हैं। समय के साथ यह हड्डियां कमजोर तो होती हैं, इसके साथ-साथ कुछ हड्डियां जैसे कि बॉल एंड सॉकेट जॉइंट अपना आकार खो देते हैं।

इस रोग में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि धीरे से भी गिरने पर या शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ने पर फ्रैक्चर की संभावना बन जाती है। सामान्य तौर पर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रीढ़, कूल्हों और कलाई की हड्डियों को प्रभावित करती है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

ऑस्टियोपोरोसिस को अक्सर "साइलेंट डिजीज" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस रोग के लक्षण तब तक उत्पन्न नहीं होते हैं, जब तक हड्डी टूट न जाए या इसमें फ्रैक्चर न आए। हालांकि ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति में कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • कशेरुक के ढहने (collapse of the vertebrae) या फ्रैक्चर होने के कारण पीठ दर्द होना।
  • समय के साथ व्यक्ति की लंबाई में कमी
  • झुका हुआ पॉश्चर
  • बार-बार फ्रैक्चर होना, खास तौर पर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होना।

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण

ऑस्टियोपोरोसिस का कोई एक कारण नहीं है। कई कारकों के संयोजन से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है जैसे कि - 

  • उम्र: उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और वह अपना द्रव्यमान स्वाभाविक रूप से खोने भी लगती है, जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या उत्पन्न होने लगती है। 
  • लिंग: महिलाएं, विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद की महिलाएं, एस्ट्रोजन के कम स्तर के कारण इस रोग के खतरे के दायरे में होती हैं।
  • आनुवंशिकी: इस रोग की फैमिली हिस्ट्री एक मुख्य जोखिम कारक है। यदि किसी के घर परिवार में किसी को भी ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या है तो वह भी इस रोग के जोखिम के दायरे में आते हैं।
  • आहार: कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती है।
  • जीवनशैली: धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन और गतिहीन जीवनशैली ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस का निदान

डॉक्टर ऑस्टियोपोरोसिस की जांच के लिए कई तरीकों का उपयोग करते हैं जैसे कि - 

  • बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) टेस्ट: यह एक DXA (डुअल-एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पियोमेट्री) स्कैन है जिसमें रीढ़, कूल्हे और कभी-कभी अन्य हड्डियों के घनत्व की जांच होती हैं। इसे बोन स्कैन भी कहा जाता है और अधिक सटीकता के लिए इसमें एक इंजेक्शन भी लगाया जाता है।
  • क्वांटिटेटिव अल्ट्रासाउंड (QUS): इस टेस्ट को हड्डी की कमजोरी के लिए प्रारंभिक परीक्षण के रूप में उपयोग किया जाता है। विशेष रूप से एड़ी की हड्डियों की जांच के लिए यह टेस्ट होता है। 

कुछ डॉक्टर मात्र एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के आधार पर ही इस स्थिति की पुष्टि कर सकते हैं, लेकिन स्टेज की पुष्टि के लिए DXA स्कैन एक सही टेस्ट है।

ऑस्टियोपोरोसिस का उपचार

एक बार जांच हो जाने के बाद, ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज का लक्ष्य हड्डियों के और अधिक नुकसान और फ्रैक्चर को रोकना है। सामान्य तौर पर इलाज के लिए निम्न विकल्पों का प्रयोग किया जाता है - 

  • बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स, कैल्सीटोनिन और हार्मोन से संबंधित दवाएं दी जा सकती है, जिससे हड्डियों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
  • शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने के लिए कुछ सप्लीमेंट्स दिए जा सकते हैं। 
  • जीवनशैली में बदलाव करें और वेट ट्रेनिंग शुरु करें। इसके अतिरिक्त धूम्रपान भी छोड़ दें। 

इसके अतिरिक्त कुछ और टिप्स भी होंगे, जो आपके डॉक्टर आपको बता सकते हैं, जिससे हड्डियों को होने वाली क्षति को आसानी से रोका या कम किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए डॉक्टर हड्डियों की जांच के बाद ही कोई निर्णय लेते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम

ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव और सक्रिय जीवन शैली बहुत ज्यादा जरूरी है। इसके अतिरिक्त हम आपको 8 ऐसे उपायों के बारे में बताने वाले हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं - 

  • कैल्शियम का सेवन बढ़ाएं: प्रयास करें कि आप अपने आहार में कैल्शियम के सेवन को बढ़ाएं। ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जोड़ें जिसमें कैल्शियम की मात्रा बढ़िया हो। आवश्यकता पड़ने पर सप्लीमेंट्स लें।
  • विटामिन डी के स्तर को बढ़ाएं: विटामिन डी का कार्य आपके शरीर में कैल्शियम को अवशोषित कराना है। सूरज की रोशनी और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे वसायुक्त मछली और फोर्टिफाइड ग्रेन्स इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: वजन उठाने वाले व्यायाम के साथ चलना, दौड़ना और रेजिस्टेंस ट्रेनिंग हड्डियों के घनत्व को बेहतर बनाते हैं और हड्डियों को होने वाले नुकसान को कम करते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान हड्डियों के नुकसान को बढ़ाते हैं और शरीर के कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता को कम करता है। धूम्रपान बंद करने से हड्डियों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
  • शराब का सेवन सीमित करें: अत्यधिक शराब पीने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और गिरने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे चोट भी लग सकती है। शराब का सेवन सीमित करें। 
  • गिरने से बचें: ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों में फ्रैक्चर का एक प्रमुख कारण गिरना ही है। प्रयास करें कि चलते या फिर किसी भी काम को करते समय अपने बैलेंस को बनाए रखें।
  • स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार के सेवन को बढ़ाएं। इससे समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है और हड्डियां भी मजबूत होती हैं। 
  • नियमित बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं: नियमित BMD टेस्ट फ्रैक्चर होने की संभावना को पहले से ही बता सकता है। इसके लिए डॉक्टर से मिलें और इस जांच को कराने के बारे में पूछें।

निष्कर्ष

ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों में फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ सकता है या वह आसानी से टूट भी सकती हैं। हालांकि, नियमित व्यायाम, कैल्शियम युक्त आहार और धूम्रपान से दूरी जैसे अच्छी आदतों से हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। हड्डी रोग विशेषज्ञों से नियमित जांच कराएं और स्वस्थ रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले 

क्या ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है? 

हां, ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है। इस दौरान हल्की सी भी चोट या फिर धीरे से भी गिरने के कारण हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ सकता है। 

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए कौन से परीक्षण हैं? 

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए सबसे आम परीक्षण DXA स्कैन है, जिससे हड्डियों के डेंसीटी की जांच होती है। प्रारंभिक जांच के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग भी किया जा सकता है। 

ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में कितना समय लगता है?

ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज इसके स्टेज पर निर्भर करता है। अधिकांश लोगों को जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता होती है, जिसमें अक्सर ज्यादा समय लगता है। कितना समय लगेगा, इसका जवाब डॉक्टर जांच के बाद ही दे पाएंगे। 

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