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प्रोस्टेटेक्टॉमी: उद्देश्य, प्रकार, जोखिम और रिकवरी

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प्रोस्टेटेक्टॉमी: उद्देश्य, प्रकार, जोखिम और रिकवरी

Renal Sciences | Posted on 06/19/2024 by Dr. Devendra K. Sharma



प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने की सर्जरी को प्रोस्टेटेक्टॉमी (Prostectomy) कहा जाता है। प्रोस्टेट कैंसर की स्थिति में प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने की आवश्यकता होती है। भारत के पुरुषों में सबसे आम कैंसर प्रोस्टेट कैंसर है। हालांकि प्रोस्टेट कैंसर के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्या के इलाज के लिए भी इस प्रक्रिया का प्रयोग होता है। प्रोस्टेटेक्टॉमी एक बड़ी सर्जरी है, जिसकी जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए, जो इस प्रक्रिया का सामना करने वाला है। प्रोस्टेट संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के इलाज में हम आपकी मदद कर सकते हैं, इसलिए तुरंत जयपुर में यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श करें परामर्श लें।

प्रोस्टेटेक्टॉमी क्या है?

प्रोस्टेटेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें प्रोस्टेट ग्लैंड को ही पूर्ण या आंशिक रूप से निकाल लिया जाता है। प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुष प्रजन्न तंत्र का महत्वपूर्ण भाग है, जो मूत्राशय के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य वीर्य का उत्पादन करना है।

वहीं एक रिसर्च में पाया गया है कि औसतन जिन पुरुषों की उम्र 69 के आसपास होती है, वह प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम के दायरे में होते हैं। इस उम्र में हर रोग बहुत ज्यादा प्रभावित करता है, इसलिए यह सर्जरी बहुत महत्वपूर्ण है। 

प्रोस्टेटेक्टॉमी का उद्देश्य

प्रोस्टेटेक्टॉमी प्रक्रिया को करने के कई कारण होते हैं, जिनमें से मुख्य को नीचे विस्तार से बताया गया है - 

  • प्रोस्टेट कैंसर का इलाज: हम शुरु से ही इस कारण की बात कर रहे हैं कि प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए प्रोस्टेटेक्टॉमी की जाती है। आमतौर पर, प्रोस्टेटेक्टॉमी का सुझाव कैंसर के प्रारंभिक चरण में ही दिया जाता है, क्योंकि इस चरण में कैंसर शरीर के बाकी भाग तक नहीं पहुंचता है। 
  • बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज (बीपीएच): बीपीएच (Benign Prostatic Hyperplasia) या बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण मूत्र प्रवाह में बाधा तो उत्पन्न होती ही है, इसके साथ-साथ अन्य मूत्र संबंधित समस्या उत्पन्न होने लगती है। इस स्थिति के इलाज के लिए भी प्रोस्टेटेक्टॉमी होती है। 
  • अन्य स्थितियां: इसके अतिरिक्त भी कुछ स्वास्थ्य स्थितियां है, जैसे प्रोस्टेटाइटिस (प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन) या प्रोस्टेट में चोट, जिसमें प्रोस्टेटेक्टॉमी की आवश्यकता पड़ती है। 

प्रोस्टेटेक्टॉमी के प्रकार

रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर कई प्रकार के प्रोस्टेटेक्टॉमी की आवश्यकता रोगी को होती है जैसे - 

  • ओपन प्रोस्टेटेक्टॉमी: यह एक ओपन सर्जरी है, जिसमें पेट में एक चीरा लगाया जाता है और प्रोस्टेट ग्लैंड को निकाल लिया जाता है। गंभीर मामलों में ही इस प्रक्रिया का सुझाव हम देते हैं। 
  • लैप्रोस्कोपिक प्रोस्टेटेक्टॉमी: यह एक आधुनिक सर्जरी है। इस प्रक्रिया में भी चीरा लगता है, लेकिन उसका आकार बहुत छोटा होता है। प्रक्रिया में दूरबीन का प्रयोग होता है, जिसमें एक लाइट और कैमरा भी लगा होता है। इसकी मदद से सर्जरी आसानी और सटीकता से हो सकती है। 
  • लेजर प्रोस्टेटेक्टॉमी: इस प्रक्रिया में, प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने के लिए एक हाई बीम लेजर का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर इस प्रकार की प्रोस्टेटेक्टॉमी का उपयोग बीपीएच के पेशेंट के लिए होता है। हालांकि प्रोस्टेट कैंसर के प्रारंभिक चरण वाले कुछ मामलों में इस सर्जरी का उपयोग होता आया है।
  • दा विंची प्रोस्टेटेक्टॉमी: यह रोबोटिक प्रोस्टेटेक्टॉमी का एक प्रकार है, जिसमें दा विंची सर्जिकल सिस्टम नामक एक रोबोटिक प्रणाली का उपयोग किया जाता है। रोबोटिक प्रोस्टेटेक्टॉमी में रोबोट का प्रयोग होता है। हमारे अस्पताल में दा विंची सर्जिकल सिस्टम से सर्जरी होती है। यह अधिक निंयत्रित होती है। 

किस प्रकार की प्रोस्टेटेक्टॉमी होने वाली है, इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य के आधार पर लिया जाता है। अलग-अलग प्रकार की सर्जरी में लगने वाला समय भी अलग हो सकता है। प्रोस्टेट को निकालने की सर्जरी में 2 से 4 घंटे का समय भी लग सकता है। इस सर्जरी के दौरान रोगी एनेस्थीसिया के प्रभाव में रहता है, जिसकी वजह से वह सर्जरी के दौरान होश में नहीं रहते हैं। 

प्रोस्टेटेक्टॉमी के जोखिम

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रोस्टेटेक्टॉमी एक प्रमुख सर्जरी है और इसके कुछ जोखिम और संभावित जटिलताएं होती हैं, जिनके बारे में सभी को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जैसे -

  • संक्रमण
  • रक्त हानि
  • मूत्र रिसाव या इसे नियंत्रित करने में कठिनाई
  • इरेक्टाइल डिस्फंशन (इरेक्शन में कठिनाई)
  • नपुंसक्ता

प्रोस्टेटेक्टॉमी से रिकवरी

आमतौर पर प्रोस्टेटेक्टॉमी सर्जरी के बाद 1 से 2 दिनों के लिए रोगी को अस्पताल में भर्ति होने की आवश्यकत होती है। हालांकि रोगी को पूर्ण रूप से रिकवर होने में कई हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन उसमें भी कुछ निर्देशों के पालन करने की आवश्यकता पड़ सकती है। उन निर्देशों के पालन से रोगी की रिकवरी भी आसान हो जाती है, और वह संक्रमण के जोखिम से भी दूर रहेंगे। इस दौरान हम रोगी को निम्न निर्देशों के पालन करने की सलाह देते हैं - 

  • पर्याप्त मात्रा में आराम करें और उन गतिविधियों को करने से बचें, जिसमें अधिक जोर लगाना पड़े।
  • प्रिस्क्राइब्ड दवाओं का सेवन समय पर करें। 
  • घाव की देखभाल करें और संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें या इलाज के विकल्पों पर बात करें।
  • खुद को हाइड्रेट रखें, जिससे मूत्र का प्रवाह फिर से बहाल हो जाए। 
  • पौष्टिकऔर संतुलित आहार लें और एक विशेष डाइट चार्ट का पालन करें।
  • यदि पेशेंट को कैथेटर लगा है, तो निर्देशानुसार इसकी देखभाल करें।
  • मूत्र रोग विशेषज्ञ परामर्श लेते रहें और रिकवरी के बारे में बात करें।

प्रोस्टेटेक्टॉमी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

 

प्रोस्टेट सर्जरी कितने समय तक चलती है?

आमतौर पर प्रोस्टेटेक्टोमी में 2 से 4 घंटे का समय लगता है। इसमें अलग-अलग सर्जरी होती है, और हर सर्जरी में अलग समय लगता है। इसलिए यह औसत समय है। 

प्रोस्टेट सर्जरी क्या है?

सरल शब्दों में कहें तो प्रोस्टेट सर्जरी प्रोस्टेट ग्लैंड को हटाने या उसका कुछ हिस्से को निकालने की सर्जरी है। इस सर्जरी को कई कारणों से किया जाता है जैसे प्रोस्टेट कैंसर या बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज।

क्या प्रोस्टेट सर्जरी सुरक्षित है?

हर सर्जरी की तरह ही प्रोस्टेट सर्जरी के भी कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं। इन जटिलताओं को टालने के लिए सर्जरी से पहले कुछ टेस्ट होते हैं, जिसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। 

क्या प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किया जा सकता है?

हां, प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव है। यहां आपको एक चीज समझनी होगी कि प्रोस्टेट कैंसर का इलाज शुरुआती चरणों में ही संभव है। यदि उपचार में देरी होती है, तो इसका प्रभाव पूरे स्वास्थ्य पर पड़ेगा। 

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए सबसे अच्छी सर्जरी कौन सी है?

इस प्रश्न का उत्तर आपके स्वास्थ्य के आधार पर ही दिया जा सकता है। वर्तमान में इस प्रकार की सर्जरी के लिए लेजर सर्जरी, ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। अधिक जानकारी के लिए परामर्श लें और सभी टेस्ट कराएं।