प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने की सर्जरी को प्रोस्टेटेक्टॉमी (Prostectomy) कहा जाता है। प्रोस्टेट कैंसर की स्थिति में प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने की आवश्यकता होती है। भारत के पुरुषों में सबसे आम कैंसर प्रोस्टेट कैंसर है। हालांकि प्रोस्टेट कैंसर के साथ अन्य स्वास्थ्य समस्या के इलाज के लिए भी इस प्रक्रिया का प्रयोग होता है। प्रोस्टेटेक्टॉमी एक बड़ी सर्जरी है, जिसकी जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए, जो इस प्रक्रिया का सामना करने वाला है। प्रोस्टेट संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के इलाज में हम आपकी मदद कर सकते हैं, इसलिए तुरंत जयपुर में यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श करें परामर्श लें।
प्रोस्टेटेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें प्रोस्टेट ग्लैंड को ही पूर्ण या आंशिक रूप से निकाल लिया जाता है। प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुष प्रजन्न तंत्र का महत्वपूर्ण भाग है, जो मूत्राशय के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य वीर्य का उत्पादन करना है।
वहीं एक रिसर्च में पाया गया है कि औसतन जिन पुरुषों की उम्र 69 के आसपास होती है, वह प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम के दायरे में होते हैं। इस उम्र में हर रोग बहुत ज्यादा प्रभावित करता है, इसलिए यह सर्जरी बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रोस्टेटेक्टॉमी प्रक्रिया को करने के कई कारण होते हैं, जिनमें से मुख्य को नीचे विस्तार से बताया गया है -
रोगी के स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर कई प्रकार के प्रोस्टेटेक्टॉमी की आवश्यकता रोगी को होती है जैसे -
किस प्रकार की प्रोस्टेटेक्टॉमी होने वाली है, इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य के आधार पर लिया जाता है। अलग-अलग प्रकार की सर्जरी में लगने वाला समय भी अलग हो सकता है। प्रोस्टेट को निकालने की सर्जरी में 2 से 4 घंटे का समय भी लग सकता है। इस सर्जरी के दौरान रोगी एनेस्थीसिया के प्रभाव में रहता है, जिसकी वजह से वह सर्जरी के दौरान होश में नहीं रहते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रोस्टेटेक्टॉमी एक प्रमुख सर्जरी है और इसके कुछ जोखिम और संभावित जटिलताएं होती हैं, जिनके बारे में सभी को पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जैसे -
आमतौर पर प्रोस्टेटेक्टॉमी सर्जरी के बाद 1 से 2 दिनों के लिए रोगी को अस्पताल में भर्ति होने की आवश्यकत होती है। हालांकि रोगी को पूर्ण रूप से रिकवर होने में कई हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन उसमें भी कुछ निर्देशों के पालन करने की आवश्यकता पड़ सकती है। उन निर्देशों के पालन से रोगी की रिकवरी भी आसान हो जाती है, और वह संक्रमण के जोखिम से भी दूर रहेंगे। इस दौरान हम रोगी को निम्न निर्देशों के पालन करने की सलाह देते हैं -
आमतौर पर प्रोस्टेटेक्टोमी में 2 से 4 घंटे का समय लगता है। इसमें अलग-अलग सर्जरी होती है, और हर सर्जरी में अलग समय लगता है। इसलिए यह औसत समय है।
सरल शब्दों में कहें तो प्रोस्टेट सर्जरी प्रोस्टेट ग्लैंड को हटाने या उसका कुछ हिस्से को निकालने की सर्जरी है। इस सर्जरी को कई कारणों से किया जाता है जैसे प्रोस्टेट कैंसर या बढ़े हुए प्रोस्टेट का इलाज।
हर सर्जरी की तरह ही प्रोस्टेट सर्जरी के भी कुछ जोखिम और जटिलताएं होती हैं। इन जटिलताओं को टालने के लिए सर्जरी से पहले कुछ टेस्ट होते हैं, जिसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
हां, प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव है। यहां आपको एक चीज समझनी होगी कि प्रोस्टेट कैंसर का इलाज शुरुआती चरणों में ही संभव है। यदि उपचार में देरी होती है, तो इसका प्रभाव पूरे स्वास्थ्य पर पड़ेगा।
इस प्रश्न का उत्तर आपके स्वास्थ्य के आधार पर ही दिया जा सकता है। वर्तमान में इस प्रकार की सर्जरी के लिए लेजर सर्जरी, ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। अधिक जानकारी के लिए परामर्श लें और सभी टेस्ट कराएं।
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