कीमोथेरेपी कम्पलीट गाइड- किस स्टेज में कितनी प्रभावी और कैसे?
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कीमोथेरेपी कम्पलीट गाइड- किस स्टेज में कितनी प्रभावी और कैसे?

Table of Contents
  1. कीमोथेरेपी क्या है और क्यों इसकी जरूरत पड़ती है?
  2. कीमोथेरेपी क्यों दी जाती है?
  3. कीमोथेरेपी के प्रकार और कैसे काम करती है?
  4. कीमोथेरेपी कैसे काम करती है?
  5. कीमोथेरेपी की तैयारी: मरीज और परिवार के लिए जरूरी बातें
    1. व्यक्तिगत और मानसिक तैयारी
  6. कीमोथेरेपी के सामान्य साइड इफेक्ट्स और उनसे निपटने के उपाय
    1. कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट से निपटने के उपाय
  7. कीमोथेरेपी के बाद की देखभाल - Comprehensive Recovery Guide
  8. निष्कर्ष: कीमोथेरेपी - हिम्मत के साथ नई जिंदगी
  9. अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. कीमोथेरेपी में बाल क्यों झड़ते हैं?
    2. कीमोथेरेपी कितने दिन में असर दिखाती है?
    3. किस स्टेज के कैंसर में कीमोथेरेपी शुरू होती है?
    4. क्या कीमोथेरेपी से कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है?
    5. कीमोथेरेपी कितने दिनों तक चलती है?
    6. कीमोथेरेपी के दौरान क्या खाना चाहिए?
    7. क्या हर कैंसर में कीमोथेरेपी आवश्यक है?

Summary

कीमोथेरेपी एक दवा का उपचार है, जो कैंसर की कोशिकाओं को मारती है। इसे कैंसर के अलग-अलग स्टेज और जरूरत के अनुसार दिया जाता है, जैसे सर्जरी से पहले ट्यूमर छोटा करने के लिए, सर्जरी के बाद बची कोशिकाएं खत्म करने के लिए, या जब कैंसर बढ़ चुका हो तो लक्षण कम करने के लिए। सही समय पर इलाज से बेहतर स्वास्थ्य मिलता है।

हम सभी जानते हैं कि कैंसर जैसे गंभीर समस्या का इलाज मिलना भी बहुत मुश्किल होता है। इसी कड़ी में कीमोथेरेपी एक उम्मीद का नाम है। कैंसर के डर के बीच जब डॉक्टर कीमोथेरेपी की बात करता है, तो एक घबराहट और अनजान सी चिंता छा जाती है कि अब क्या होगा, कीमो से कितना असर पड़ेगा, और कितने कीमो के सेशन की आवश्यकता पड़ेगी।

ICMR के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री 2024 की रिपोर्ट के अनुसार हर साल भारत में 13 लाख से अधिक नए कैंसर केस बनते हैं, जिनमें लगभग 60-70% मरीजों को कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ती है। 2025 तक इसमें करीब 12.8% की वृद्धि का अनुमान है, यानी यह आंकड़ा लगभग 16 लाख के करीब होने की संभावना है। यह ब्लॉग आपके लिए एक गाइड के रूप में कार्य करेगा, जिससे आप कैंसर के इलाज की पूरी तरह से समझ सकते हैं, ताकि आप बेहतर फैसला ले सकें, विश्वास के साथ आगे बढ़ सकें और जहां तक हो सके स्वावलंबी बन सकें। एक छोटा कदम सही जानकारी, आपके और आपके परिवार की जान बचा सकता है। कैंसर का इलाज सही समय पर हो, तो आपका जीवन अच्छा रह सकता है। इसलिए कैंसर की पुष्टि होने पर या फिर इसका संदेह होने पर आपको तुरंत एक अनुभवी ऑनकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए और इलाज के विकल्पों पर बात करनी चाहिए।

कीमोथेरेपी क्या है और क्यों इसकी जरूरत पड़ती है?

कीमोथेरेपी कैंसर के तेजी से बढ़ते और विभाजित होते सेल्स को निशाना बनाने वाली दवाओं का समूह है। यह इलाज कैंसर को रोकने, घटाने, या उसके फैलाव को रोकने के लिए दिया जाता है। यह दवाएं शरीर के पूरे हिस्से में पहुंचती हैं, जिससे कहीं भी फैले कैंसर को हटाया जा सकता है। कीमोथेरेपी कई बार अकेले, कई बार सर्जरी,रेडिएशनथेरेपी या इम्यूनोथेरेपी के साथ दी जाती है। इसका निर्णय अक्सर कुछ टेस्ट जैसे कि PSA, पेट स्कैन जैसे टेस्ट के बाद सुझाते हैं।

कीमोथेरेपी क्यों दी जाती है?

कीमोथेरेपी का सुझाव कई कारणों से दिया जाता है। चलिए उन सभी कारणों को समझते हैं, जिनके कारण आपको कीमोथेरेपी का सुझाव दिया जा सकता है - 

  • कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए
  • सर्जरी/रेडिएशन के बाद कैंसर की कुछ बची हुई कोशिकाओं को मारने के लिए 
  • ऑपरेशन से पहले ट्यूमर को छोटा करने के लिए 
  • एडवांस स्टेज में लक्षणों को कम करने और जीवन काल बढ़ाने के लिए

इन सभी स्थितियों में कीमोथेरेपी का उपयोग होता है। कई बार देखा जाता है कि कैंसर का कौन सा स्टेज है और इसने कितना प्रभाव छोड़ा है।

कीमोथेरेपी के प्रकार और कैसे काम करती है?

चलिए सबसे पहले कीमोथेरेपी के प्रकार के बारे में समझते हैं। मुख्य रूप से तीन प्रकार की कीमोथेरेपी की जाती है। एक-एक करके तीनों को समझते हैं और कुछ और भी प्रकार के कीमोथेरेपी होते हैं, जिन्हें भी हम नीचे समझेंगे - 

  • सिस्टमेटिक कीमोथेरेपी (Systemic Chemotherapy): इस प्रकार की कीमोथेरेपी के लिए आपको अक्सर अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। इस प्रकार के कीमो में आईवी के द्वारा कैंसर की दवा दी जाती है। कुछ मामलों में इसे दूसरे दवाओं के साथ भी दिया जा सकता है। इसमें दवा पूरे शरीर में फैलकर किसी भी प्रकार के छिपी हुई कोशिकाओं को मार देता है। आमतौर पर ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया), लिम्फोमा, मेटास्टैटिक ब्रेस्ट और कोलन कैंसर में इस प्रकार के कीमो को महत्ता दी जाती है।
  • स्थानीय (लोकल) कीमोथेरेपी (Local Chemotherapy): इस प्रकार के कीमो का उपयोग प्रभावित अंग पर किया जाता है। ब्लैडर, त्वचा, या शरीर के एक हिस्से में इंजेक्शन लगाकर कीमोथेरेपी की दवा को प्रभावित क्षेत्र में लगाया जाता है। इस प्रकार के कीमो में साइड-इफेक्ट कम होते हैं, लेकिन यदि कैंसर शरीर के दूसरे अंग में फैल गया है तो यह असरदार नहीं होता है।
  • टार्गेटेड/इम्यूनोथेरेपी (Targeted/Immunotherapy) के साथ कांबिनेशन: अब मेडिकल विज्ञान में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। कैंसर के इलाज में आधुनिक युग में कीमोथेरेपी को टारगेटेड दवाओं या इम्यूनोथेरेपी के साथ मिलाकर दिया जाता है। इससे एडवांस और रेसिस्टेंट कैंसर में भी 30-40% बेहतर मेरिट डेटा सामने आया है।

इलाज के समय के अनुसार भी कीमोथेरेपी के प्रकार अलग-अलग होते हैं जैसे कि - 

  • एडजुवेंट कीमोथेरेपी (Adjuvant Chemotherapy): सर्जरी के बाद दी जाने वाली यह कीमोथेरेपी बची हुई छोटी-छोटी कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि कैंसर फिर से दोबारा ना हो। आमतौर पर इसका इस्तेमाल ब्रेस्ट, कोलन, और ओवरी कैंसर के इलाज में किया जाता है। 
  • नियोएडजुवेंट कीमोथेरेपी (Neoadjuvant Chemotherapy): यह कीमोथेरेपी सर्जरी से पहले दी जाती है, ताकि ट्यूमर का आकार छोटा किया जा सके। इससे ट्यूमर को निकालना आसान हो जाता है। ज्यादातर इसका उपयोग ऐसे ट्यूमर में होता है, जो बड़े या कठिन होते हैं, जैसे कि ब्रेस्ट, ईसोफैगस और रेक्टर (malignant rectal) कैंसर।
  • क्युरेटिव कीमोथेरेपी (Curative Chemotherapy): इसकी मदद से कैंसर को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश की जाती है। इसमें मरीज को तेज़ और सख्त खुराक दी जाती है। अधिकतर इसका प्रयोग ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया), लिम्फोमा आदि जैसे कैंसर में किया जाता है।
  • पैलेटिव कीमोथेरेपी (Palliative Chemotherapy): जब कैंसर पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता है, तो मरीज को दर्द और लक्षणों से आराम देने के लिए यह कीमो दी जाती है। इसका उद्देश्य बीमारी को कंट्रोल करना और जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाना होता है। इस कीमो का उद्देश्य कैंसर को मिटाना नहीं होता है।

अभी हम समझ चुके हैं कि कैंसर के प्रकार क्या हैं। चलिए अब समझते हैं कि यह कैसे काम करता है।

कीमोथेरेपी कैसे काम करती है?

कीमोथेरेपी एक सीमित प्रक्रिया के तहत ही शरीर में प्रभाव छोड़ती है।

  • कीमोथेरेपी दवाएं ‘सेल साइकिल’ (cell division cycle) के अलग-अलग चरण में असर करती है। इसलिए कुछ दवाएं एक्टिवली डिवाइड हो रही कैंसर कोशिकाओं पर ताकतवर, कुछ दूसरों पर अधिक कारगर।
  • चूंकि यह दवाएं शरीर में फैल जाती हैं, इसलिए जल्दी-जल्दी बढ़ने वाले सेल्स (जैसे कि बाल, इम्युनिटी की कोशिकाएं, पेट की परत, और बोन मैरो की कोशिकाएं) पर भी असर डालती हैं, जिससे साइड इफेक्ट्स आ सकते हैं।
  • बेहतर परिणाम के लिए डॉक्टर कई बार अलग-अलग प्रकार की दवाओं का मिलाजुला कोर्स देते हैं।
  • अक्सर कीमोथेरेपी की दवा के साथ, मतली, उल्टी, दर्द और गैस की दवा भी दी जाती है। इससे कीमो के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं का इलाज आसानी से हो पाता है।

कीमोथेरेपी कोई एक गोली या एक इलाज नहीं, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया है, जिसे मरीज के ट्यूमर टाइप, स्टेज, और रिकवरी क्षमता देखकर कस्टमाइज किया जाता है।

कीमोथेरेपी की तैयारी: मरीज और परिवार के लिए जरूरी बातें

कीमोथेरेपी से पहले कुछ चीजें होती हैं, जो मरीजों और उनके परिवार को पता होनी चाहिए। यह टेस्ट, उनकी रिपोर्ट्स और कुछ अन्य आवश्यक तैयारियां से संबंधित बाते होती हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं - 

  • कीमो से पहले वाले टेस्ट: रक्त, लिवर/किडनी फंक्शन, ECG, इन्फेक्शन मार्कर टेस्ट कराना मरीज के लिए अनिवार्य होता है।
  • इन्फेक्शन/दांत-दर्द: कोई भी संक्रमण, टॉन्सिल, मसूड़ों की सूजन का इलाज पहले कराएं, क्योंकि यह आपके इलाज में समस्या खड़ी कर सकते हैं। 
  • प्रजनन और गर्भावस्था की प्लानिंग पहले से कर लें क्योंकि दवा का असर फर्टिलिटी क्षमता पर भी पड़ सकता है। ऐसे में एग या स्पर्म फ्रीजिंग का विकल्प आप चुन सकते हैं। 
  • महिलाएं गर्भावस्था से बचें, और कीमोथेरेपी के दौरान ब्रेस्टफीडिंग न करें।

व्यक्तिगत और मानसिक तैयारी

इस दौरान आपकी मानसिक और व्यक्तिगत तैयारी भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। 

  • जिसे कैंसर है, उसे मानसिक शांति देने का प्रयास करें और उनके साथ अच्छा समय बिताएं। 
  • सकारात्मक सोच बनाए रखें और उनकी हर छोटी बड़ी खुशियों का ख्याल रखें।
  • परिवार/मित्रों का एक ‘केयर सर्कल’ बनाएं जो इलाज/रोकथाम, नैतिक संबल और घर के काम सम्भालें।
  • सर्जरी से पहले स्कूल, ऑफिस और फाइनेंस संबंधित सभी चीजों की प्लानिंग पहले से कर लें।
  • जब तक आपका कीमोथेरेपी चल रहा है, तब तक आप मेडिटेशन या फिर किसी सपोर्ट ग्रुप से जुड़ जाएं। इस स्थिति में प्रवचन में जाना भी आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
  • अपना रूटीन डायरी या ‘ट्रीटमेंट जर्नल’ में नोट करें, रिकवरी को मॉनिटर करने में मदद मिलती है।

कीमोथेरेपी के सामान्य साइड इफेक्ट्स और उनसे निपटने के उपाय

कीमोथेरेपी की स्थिति में कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स होते हैं, जिनका सामना आप अपने जीवन में कर सकते हैं जैसे कि - 

  • बाल झड़ना, जिसमें आइब्रो और आईलैश भी प्रभावित हो सकते हैं।
  • थकान और कमजोरी आना। इस थेरेपी के दौरान शरीर की ऊर्जा गिरती है। थेरेपी के दौरान या फिर बाद में ज्यादा सोने का मन करता है।
  • मतली, उल्टी, दस्त, कब्ज जैसी समस्या आम है क्योंकि इससे पेट और डाइजेशन पर बुरा असर पड़ता है।
  • मुंह और पेट के छालों से स्वाद एवं भूख में बदलाव आता है।
  • इन्फेक्शन का रिस्क बहुत ज्यादा होता है, जिसके पीछे का कारण इम्यून सिस्टम का कमजोर होना या WBCs का घट जाना है।
  • प्लेटलेट्स कम होने से खून अधिक बहता है।
  • त्वचा में रैश, खुजली, नाखून-त्वचा में रंग बदलाव, तंत्रिका संबंधी समस्या (पैर/हथेली में झनझनाहट/सुन्नपन) इत्यादि जैसे कुछ अन्य साइड इफेक्ट हैं, जिनका सामना आपको करना पड़ सकता है।

कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट से निपटने के उपाय

इन आसान और प्रभावी उपायों की मदद से आप कीमोथेरेपी के उपायों से लड़ने में सक्षम हो सकते हैं - 

  • बाल छोटे करा लें और एसे शैंपू का उपयोग करें, जिससे आपके सिर के त्वचा को कोई नुकसान न पहुंचे।
  • पेट के लिए हल्का भोजन करें और तली भुनी चीजों से दूरी बनाएं। खाने के बाद थोड़ा टहलना और आवश्यकता के अनुसार उल्टी की दवा का सेवन करें।
  • जब तक आप बाहर है, बीमार लोगों से दूरी बनाएं, और साफ सफाई वाले क्षेत्रों में ही जाएं।
  • प्रयास करें कि किसी भी प्रकार की चोट न लगने दें, यदि किसी भी कारणवश चोट लगती है तो तुरंत इलाज लें और खून को ज्यादा बहने से रोकें।
  • मॉइश्चराइजर, ग्लिसरीन बेस्ड माउथ वॉश, सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
  • मानसिक देखभाल के लिए सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें और अपना ध्यान आर्ट, संगीत, और मेडिटेशन में लगाएं। 
  • तेज बुखार, सांस की दिक्कत, खून आना, सख्त दर्द, या गंभीर कमजोरी की स्थिति में तुरंत डॉक्टर को बताएं।

अधिकतर मामलों में कीमोथेरेपी के बाद साइड इफेक्ट उत्पन्न होते हैं। इसलिए यदि आपको भी ऐसा कुछ नजर आता है, तो आपको सबसे पहले धैर्य रखना होगा और अधिक समस्या दिखने पर डॉक्टर से मिलना होगा।

कीमोथेरेपी के बाद की देखभाल - Comprehensive Recovery Guide

कीमोथेरेपी के बाद आपको यह समझना पड़ेगा कि कैंसर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। वह सिर्फ कुछ समय के लिए ही हारा है। यदि आप सही से खुद का ख्याल नहीं रखते हैं, तो कैंसर की समस्या फिर से उत्पन्न हो सकती है। निम्न गाइड का पालन करते रहें - 

  • टॉयलेट और कपड़े साफ रखें और अपने आस-पास सफाई रखें।
  • मुंह, छाले, और आंखों का खास ख्याल रखें।
  • हल्का, प्रोटीन युक्त, फाइबर व विटामिन-रिच भोजन खाएं। अपने आहार में दही, दलिया, दाल, ताज़े फल-सब्जियां को शामिल करें।
  • पर्याप्त पानी (2–3 लीटर/दिन) और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें और कैफीन व शराब कम से कम करें।
  • नमक, गहरे तले, भारी मसालेदार, प्रोसेस्ड फूड्स और बाहर का खाना टालें।
  • हर ट्रीटमेंट साइकिल या कीमो के सेशन के बाद डॉक्टर से फॉलोअप ज़रूरी है। वह स्वयं ब्लड टेस्ट, FNAC scan, और लिवर/किडनी टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं।
  • डॉक्टर की हर सलाह, दवा, पोषण और गाइडलाइन्स का पालन करें।

निष्कर्ष: कीमोथेरेपी - हिम्मत के साथ नई जिंदगी

कीमोथेरेपी आज लाखों कैंसर मरीजों के लिए नई ज़िंदगी, बेहतर स्वास्थ्य और उम्मीद लेकर आई है। सही समय पर इलाज, पूरी जानकारी और परिवार के सहयोग से आप इस चुनौती को पार कर सकते हैं।

डर से ऊपर उठें, सवाल पूछें, डॉक्टर से विचार करें और अपना पहला कदम आज ही उठाएं। तुरंत अपना परामर्श सत्र बुक करें क्योंकि हर छोटा कदम बड़ी जीत का कारण बन सकता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

कीमोथेरेपी में बाल क्यों झड़ते हैं?

बाल झड़ना इसलिए होता है, क्योंकि कीमोथेरेपी दवाएं तेजी से बढ़ने वाली सभी कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं, जिनमें बाल की जड़ें भी शामिल हैं। यह असर अस्थायी होता है और इलाज के बाद बाल सामान्य रूप से बढ़ते हैं।

कीमोथेरेपी कितने दिन में असर दिखाती है?

असर कैंसर के प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। आमतौर पर 2-4 सत्रों के बाद ही कुछ सुधार दिखने लगते हैं, लेकिन पूरी उम्मीद के लिए पूरा कोर्स जरूरी होता है।

किस स्टेज के कैंसर में कीमोथेरेपी शुरू होती है?

अधिकतर स्टेज 2 या 3, ऑपरेशन के बाद या एडवांस स्टेज पर कीमोथेरेपी दी जाती है, पर टाइप और बायोलॉजी के हिसाब से शुरुआती स्टेज में भी दी जा सकती है।

क्या कीमोथेरेपी से कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है?

कुछ कैंसर, जैसे ल्यूकेमिया और टेस्टिकुलर कैंसर में पूरी तरह ठीक होने की संभावना अधिक होती है; अन्य में इलाज और स्थिति पर निर्भर करता है।

कीमोथेरेपी कितने दिनों तक चलती है?

आम तौर पर 3-6 महीने तक कीमोथेरेपी चलती है। प्रत्येक 2-3 हफ्ते में एक सत्र होता है। यह अवधि कैंसर टाइप और स्टेज के अनुसार बदलती है।

कीमोथेरेपी के दौरान क्या खाना चाहिए?

हल्का, सुपाच्य, पोषणयुक्त आहार जैसे दाल, सब्जियां, फल, दलिया, और खूब पानी पीना चाहिए। अत्यधिक मसालेदार, तला-भुना और बाहर का खाना टालें।

क्या हर कैंसर में कीमोथेरेपी आवश्यक है?

नहीं, कुछ कैंसर सर्जरी या रेडिएशन से ठीक हो जाते हैं। कीमोथेरेपी की जरूरत डॉक्टर की सलाह और कैंसर के प्रकार पर निर्भर करती है।

Written and Verified by:

Dr. Umesh Khandelwal

Dr. Umesh Khandelwal

Additional Director Exp: 13 Yr

Medical Oncology

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