वर्तमान में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारी बवासीर है, जो अलग-अलग उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। यदि आप पहले से ही बवासीर से पीड़ित हैं या अपनी समझ को बवासीर के लक्षण के बारे में बढ़ाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में हमने बवासीर के प्रकार, लक्षण, कारण और उपचारों को मुख्य रूप से शामिल करने वाले हैं। यदि आप या आपके परिवार के किसी सदस्य को भी ऐसे ही लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो कृपया हमारे प्रोक्टोलॉजिस्ट विशेषज्ञ से परामर्श लें ।
बवासीर, पाइल्स, और हेमोरोइड्स एक गुदा रोग है, जिसका सामना न जाने कितने ही लोग वर्तमान में कर रहे हैं। यह गुदा के आस-पास होने वाली समस्या है, जिसमें गुदा के आस-पास या इसके अंदर की नसों में सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण गांठ बन जाती है, जिसकी वजह से रोगियों को मल त्याग और बैठने में समस्या होती है। बवासीर की समस्या गुदा के अंदर और बाहर दोनों ही स्थान पर हो सकती है।
जब आप बवासीर के लक्षणों को पहचान लेते हैं, तो आप इस रोग का इलाज बेहतर तरीके से कर सकते हैं और दर्द और असहजता से दूरी बना सकते हैं। बवासीर की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न होते हैं -
कई लोगों को कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या बहुत हल्के लक्षण दिखते हैं, जो कुछ दिनों के बाद गायब भी हो जाते हैं। अन्य लोगों के लिए यह स्थिति अधिक दर्दनाक हो सकती है, इसलिए इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत एक गुदा रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
कई कारणों से बवासीर की समस्या एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है। इसके पीछे का मुख्य कारण है, गुदा पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव, जिसकी वजह से सूजन आ जाती है। बवासीर की समस्या निम्न कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है -
यहां हम बवासीर के प्रकारों के बारे में बात करेंगे। बवासीर को उसकी गंभीरता और अन्य कारकों के आधार पर दो प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
वे दो प्रमुख प्रकार हैं - खूनी बवासीर व बादी बवासीर
ब्लीडिंग या खूनी बवासीर एक गुदा रोग है जो गुदा में मौजूद सूजी हुई नसों के कटने या फटने के कारण उत्पन्न होती है। यदि कोई बवासीर के बाद भी बार-बार मल त्यागने जाता है तो बवासीर की नसें फट जाती हैं।
खूनी बवासीर में परहेज
खूनी बवासीर में परहेज करना ज़रूरी है। खूनी बवासीर से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनानी चाहिए -
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज
ब्लीडिंग हेमोरॉयड के उपचार की विधि समस्या की गंभीरता पर निर्भर करती है। हल्के मामलों में, दवाइयों और क्रीम का उपयोग करके सूजन को कम किया जा सकता है। अधिक गंभीर मामलों में सर्जरी के लिए डॉक्टर से परामर्श बहुत ज़रूरी है।
खूनी बवासीर के उपचार के कुछ विकल्पों में निम्नलिखित शामिल हैं -
बादी बवासीर एक गंभीर मलाशय संबंधी समस्या होती है, जिसमें मलाशय की नसें सूज जाती हैं और मलाशय से बाहर लटकती हैं। अंग्रेजी में यह "Grade 3 or Grade 4 hemorrhoids" के रूप में भी जानी जाती है।
बादी बवासीर के लक्षण
बादी बवासीर के लक्षणों में खून आना, खुजली, सूजन और दर्द शामिल है। इसके साथ ही, मल त्याग के समय भी बादी बवासीर के रोगी को बहुत दर्द होता है और मलाशय में खुजली हो सकती है। बादी बवासीर के लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए और समय रहते उपचार की जानकारी के लिए एक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
बवासीर के लिए महत्वपूर्ण उपचार
बवासीर का इलाज स्थिति के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। सामान्य मामलों में उच्च फाइबर आहार लेना, शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखना और नियमित व्यायाम करना जैसी जीवनशैली में परिवर्तन करने से हल किया जा सकता है। खुजली और असहजता जैसे सामान्य लक्षणों का इलाज क्रीम और उबटनों के इस्तेमाल से किया जा सकता है। गंभीर स्थितियों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
कुछ चिकित्सा उपचारों में शामिल हैं -
बवासीर आज बहुत से लोगों की जिंदगी पर प्रभाव डालते हुए एक सामान्य समस्या बन गई है। हालांकि, सही आहार और जीवनशैली के चुनाव के साथ-साथ उचित उपचार विकल्पों के साथ, इस अनचाहे स्थिति का प्रबंधन करना संभव है और इसे एक अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनने से रोका जा सकता है। बवासीर की गंभीरता और प्रकार अलग-अलग हो सकते है और कुछ मामलों में अधिक उन्नत उपचारों की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आप बवासीर के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तोअपने चिकित्सक से परामर्श करेंताकि आपकी व्यक्तिगत उपचार आवश्यकताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ उपचारों का निर्धारण किया जा सके।
बवासीर कई कारणों से हो सकता है। कुछ मुख्य कारण में मल त्याग करते समय जोर लगाना, बैठने की लम्बी अवधि, कब्ज या दस्त का अधिक समय तक होना, ओबेसिटी, और गर्भावस्था शामिल है।
बवासीर उस समय शुरू होता है जब गुदा और मलाशय क्षेत्र की नसें सूज और फूल जाती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। बवासीर की शुरुआती अवस्था में, लोगों को गुदा क्षेत्र में दर्द, खुजली और सूजन जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। कुछ मामलों में मल त्याग करते समय खून भी निकल सकता है।
बवासीर के मरीज को आहार में फाइबर से भरपूर फल और सब्जी जैसे कि गाजर, सेब, पपीता, अनार, कद्दू, गोभी, बैंगन, गोभी आदि, दालें और अन्य खाद्य पदार्थ, अधिक पानी पीना, नारियल पानी, आदि लेने की सलाह दी जाती है।
बवासीर के मरीज को अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची में तले हुए और मसालेदार खाद्य पदार्थ, तीखे और तले हुए नमकीन स्नैक्स, तली हुई चीजें, मिर्च-मसाला वाले खाद्य पदार्थ, आदि शामिल हैं।
बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं:
उच्च फाइबर वाले आहार, होल ग्रेन्स, फल (जैसे सेब और पपीता), सब्जियां (जैसे पालक और ब्रोकली) और फलियों को अपने आहार में शामिल करें। इसके अतिरिक्त खुद को हाइड्रेटेड रखें और मसालेदार, तैलीय या प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
फाइबर युक्त आहार का सेवन करके और मल को नरम करने के लिए हाइड्रेटेड रहकर खूनी बवासीर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त दवाएं और सिट्ज़ बाथ इस स्थिति से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो बैंडिंग, स्क्लेरोथेरेपी या सर्जरी का सुझाव डॉक्टर देते हैं।
मलासन (माला मुद्रा), विपरीत करणी (पैर ऊपर करके दीवार पर मुद्रा) और पवनमुक्तासन (वायु-मुक्ति मुद्रा) जैसे आसन बवासीर से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं और गुदा के आस-पास के रक्त संचार विधि को दुरुस्त बना सकते हैं।
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