डायरिया या दस्त (Diarrhea) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मल त्याग पतला और बार-बार होता है। यह स्थिति व्यक्ति को दो मुख्य कारणों से परेशान करती है - गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट का फ्लू) (gastroenteritis) या माइक्रोबियल इंफेक्शन (Microbial Infection)
डायरिया या दस्त (Diarrhea) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मल त्याग पतला और बार-बार होता है। यह स्थिति व्यक्ति को दो मुख्य कारणों से परेशान करती है - गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट का फ्लू) (gastroenteritis) या माइक्रोबियल इंफेक्शन (Microbial Infection)।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर वर्ष पूरे विश्व में लगभग 1.7 अरब बच्चों को डायरिया की समस्या होती है। वहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया कुपोषण का मुख्य कारण भी है। डब्ल्यूएचओ की एक और रिसर्च बताती है कि हर साल डायरिया से लगभग 4,43,832 बच्चे जान गवांते हैं, जिनकी उम्र 5 साल से कम कम होती है। वहीं 5 से 9 साल के उम्र के बच्चों के मामलों में इस आंकड़े में 50,851 बच्चों की वृद्धि हो जाती है।
डायरिया या दस्त वह समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतले पानी जैसा मल होता है। यह समस्या कई लोगों को प्रभावित करती है और किसी भी उम्र के लोग इस स्थिति से प्रभावित हो सकते हैं। आमतौर पर डायरिया की समस्या अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक अनुपचारित रह जाए तो इससे छोटे बच्चों और बुजुर्गों को बहुत परेशान होती है। इसलिए इस स्थिति के लक्षणों की पहचान बहुत ज़रूरी है, जिसकी वजह से सही समय पर इलाज हो पाता है।
डायरिया के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं -
डायरिया होने के कई कारण होते हैं। चलिए कुछ मुख्य कारणों को एक-एक करके समझते हैं -
डायरिया के फैलाव के पीछे कई कारण है जैसे -
डायरिया की जांच के लिए किसी विशेष टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। सिर्फ लक्षणों की पुष्टि, फिजिकल एग्जामिनेशन और मेडिकल हिस्ट्री की जांच से स्थिति का निदान संभव है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर मल का सैंपल भी ले सकते हैं, जिसकी जांच लैब में की जाती है। इस जांच से संक्रमण का कारण निर्धारित हो पाता है।
वहीं दूसरी तरफ इलाज के लिए डॉक्टर डायरिया के कारण को ढूंढते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो यदि डायरिया की समस्या किसी संक्रमण के कारण है, तो इसके लिए एंटीवायरल, एंटीपैरासिटिक या एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। दवाओं के साथ-साथ खाने-पीने पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन या उनसे परहेज से डायरिया के इलाज में मदद मिलती है। केले और उबले आलू से आराम मिलेगा। मसालेदार भोजन और डेयरी उत्पाद से लक्षण और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं।
डायरिया से रोकथाम के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान देना होगा जैसे -
यहां आपको एक बात का खास ख्याल रखना होगा कि डायरिया की स्थिति में उचित निदान और उपचार के लिए अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है।
ज्यादातर मामलों में डायरिया की समस्या 2-4 दिनों में बिना किसी विशेष इलाज के ठीक हो जाती है। यदि नहीं होती है तो तुरंत परामर्श लें।
डायरिया की स्थिति में कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन से बहुत लाभ मिलता है जैसे -
डायरिया में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है -
उन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं जिससे शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है।
डायरिया के इलाज के लिए मुख्य रूप से शरीर को हाइड्रेट करें। इसमें ORS और नारियल पानी मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्रिसक्राइब्ड दवाएं भी डायरिया के इलाज में मदद कर सकते हैं।
Written and Verified by:
An MD in Internal Medicine from RNT Medical College, Udaipur, Dr. Kalra has a rich experience spanning over 30 years. He has worked with Tongia Heart and General Hospital Jaipur for nearly twenty years as Head of ICU and intensivist. Later he worked with Jaipur Heart Institute as HOD-CCU and intensivist and thereafter with Fortis Escorts Hospital Director – Internal Medicine.
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