मानसून में संक्रमण बढ़ जाता है, जिससे डायरिया, डेंगू, फ्लू जैसी बीमारियां होने का खतरा होता है। स्वच्छता, ताजा खाना, साफ पानी और मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएं। लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जैसे ही मानसून की पहली बूँदें ज़मीन को छूती हैं, वातावरण में ताजगी और सुकून पसर जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खूबसूरत मौसम के साथ संक्रमण का खतरा भी तेजी से आगे बढ़ने लगता है, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए खासतौर पर गंभीर हो सकता है।
बारिश की नमी, गंदगी और भीड़भाड़ के कारण वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन तेजी से फैलते हैं। यदि सावधानी न बरती जाए तो मामूली लक्षण गंभीर रोगों में बदल सकते हैं, और आपको अस्पताल का रास्ता दिखा सकते हैं। इसलिए मानसून में अतिरिक्त सतर्कता और स्वच्छता ही आपके परिवार की सुरक्षा की असली चाबी है। यदि आपको छीक, बुखार, पेट दर्द, या कोई अन्य लक्षण महसूस हो तो तुरंत एक अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।
मानसून के समय वातावरण में आद्रता (Humidity) या नमी और तापमान बढ़ जाता है, जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस पनपने के लिए उपयुक्त परिस्थितियों बनाता है। पानी के ठहराव, गंदे जल स्रोत, भीड़भाड़ वाली जगह आदि मानसून में बीमारियों के फैलने के मुख्य कारण हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में मानसून के दौरान डायरिया और वेक्टर जनित बीमारियों (जैसे कि मलेरिया, डेंगू) के मामले 30-40% तक बढ़ जाते हैं।
आंकड़ों की बात करें तो भारत में मानसून सीजन में हर साल करीब 4.5 लाख लोग डायरिया की समस्या का सामना करते हैं और इसी में डेंगू के केस 25% तक बढ़ जाते हैं। यह न सिर्फ रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करते हैं बल्कि स्कूल, ऑफिस और बिजनेस को प्रभावित कर सकते हैं।
आमतौर पर मानसून में कुछ बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं जैसे कि -
मानसून में हेल्थ टिप्स पर ध्यान देना जरूरी है ताकि इन रोगों से बचा जा सके। कुछ टिप्स हम आपको इस ब्लॉग में ही बताने वाले हैं, जिनसे आपको बहुत मदद मिलेगी।
खानपान से पहले आपको दो बातों का खास ख्याल रखने की सलाह हम देंगे। पहली है हेल्दी डाइट और दूसरी है किचन हाइजीन। चलिए उन सावधानियों का पालन करते हैं जिनसे आपको बहुत मदद मिलने वाली है -
आप सिर्फ अच्छा भोजन करके अपने शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं। हम आपको निम्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने का सुझाव देते हैं -
दोनों ही स्टेज ऐसी है जहां अधिक केयर की आवश्यकता होती है। चलिए दोनों ही स्टेज पर किस प्रकार के उपायों की आवश्यकता होती है, समझते हैं -
बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल मानसून हेल्थ केयर की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए दोनों का खास ख्याल रखें और इन उपायों का पालन करते रहें।
यदि मानसून में स्वच्छता का ख्याल आप रखते हैं, तो इसमें आपकी सुरक्षा सबसे पहले होगी। निम्न उपायों का पालन कर आप खुद की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं -
निम्न स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक हो जाता है -
मानसून में संक्रमण से बचना आसान है, यदि आप कुछ बेसिक स्वच्छता टिप्स और खानपान, बच्चों-बुजुर्गों की देखभाल व डॉक्टर की सलाह को प्राथमिकता देते हैं, तो इससे आपको ही लाभ मिलेगा। यदि हल्के भी लक्षण महसूस हों, तो हमारे डॉक्टरों से मिलें और इलाज लें। इस हेल्दी मानसून के लिए छोटे कदमों की शुरुआत करें और खुद भी स्वस्थ रहें, परिवार को भी स्वस्थ रखें।
मानसून में डायरिया, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, वायरल फ्लू, चिकनगुनिया, स्किन इन्फेक्शन, फंगल डिजीज, लेप्टोस्पायरॉसिस जैसी बीमारियां आम होती हैं।
जी हाँ, बाहर का तला-भुना और खुला खाना जल्दी खराब होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इंफेक्शन से बचने के लिए घर का ताजा खाना खाये।
विटामिन-सी, हल्दी, अदरक, तुलसी, नींबू, ताजे फल, दही और पर्याप्त पानी से इम्यूनिटी बूस्ट करें। साफ-सफाई और हेल्दी खानपान ही इम्यूनिटी मजबूत करेगा।
बारिश का पानी अक्सर दूषित और हानिकारक कीटाणुओं से भरा होता है। इससे स्किन इंफेक्शन और अन्य रोग हो सकते हैं। इसलिए पीने या नहाने के लिए शुद्ध जल ही प्रयोग करें।
बच्चों को गीले कपड़े न पहनाएं, नियमित स्नान कराएं, मच्छर से बचाव करने वाले उपाय बरतें, साफ भोजन दें और उनके संपर्क में आई चीजों को अच्छी तरह धोएं।
Written and Verified by:
Consultant - Internal Medicine Exp: 32 Yr
Internal Medicine
Dr. Mahesh Kumar Chowdhury is a Senior Consultant in Internal Medicine Dept. at CMRI Hospital, Kolkata. He specializes in chronic conditions like diabetes, thyroid disorders, and infectious diseases.
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