नवरात्रि व्रत 2025: उपवास के लिए हेल्दी डाइट चार्ट
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नवरात्रि व्रत 2025: उपवास के लिए हेल्दी डाइट चार्ट

Summary

यदि नवरात्रि उपवास में सही डाइट चार्ट का पालन किया जाए तो इससे बॉडी डिटॉक्स और वेट लॉस जैसे लाभ के साथ दिनभर एनर्जी मिलता है। यहां जानिए 9 दिनों का हेल्दी डाइट चार्ट और विज्ञान आधारित टिप्स!

 

इस नवरात्रि, अपने शरीर और मन को एक नई ऊर्जा और ताजगी से भरने का मौका है। नवरात्रि व्रत सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर की सफाई, मेटाबॉलिज्म को तेज करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला एक स्वस्थ जीवनशैली का तरीका भी है। 

सही उपवास और संतुलित आहार के साथ, यह पर्व न केवल आपके वजन को नियंत्रित करता है, बल्कि आपको थकान और कमजोरी से भी बचाता है। इस ब्लॉग में, जानिए नवरात्रि व्रत के दौरान कैसे हेल्दी डाइट प्लान कर आप इस पवित्र त्योहार का पूरा लाभ उठा सकते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपको कोई भी स्वास्थ्य समस्या है, तो हम आपको व्रत और अनुष्ठान को करने की सलाह बिल्कुल नहीं देंगे। यदि आपका स्वास्थ्य बिगड़ता भी है, तो किसी भी घरेलू उपायों की तरफ न जा कर तुरंत एक अनुभवी डॉक्टर से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।

नवरात्रि व्रत और उपवास का महत्व

नवरात्रि व्रत शरीर और मन दोनों के शुद्धिकरण का पर्व है। यह न सिर्फ धार्मिक, बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी शरीर को डिटॉक्स करने, वजन घटाने और जीवनशैली बेहतर करने का बेहतरीन मौका देता है। मेडिकल रिसर्च के अनुसार, सही उपवास इम्यूनिटी बूस्ट करता है और मेटाबॉलिज्म तेज करता है, जिससे डायबिटीजहृदय रोग जैसे खतरे भी कम होते हैं। हर साल करोड़ों लोग नवरात्रि के 9 दिन का उपवास रखते हैं, जिसमें महिलाएं, पुरुष और युवा सभी शामिल होते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के स्वास्थ्य लाभ को देखते हैं, भारत में व्रत/उपवास रखते लोगों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि देखी गई है। नवरात्रि के व्रत न सिर्फ भक्ति भाव, बल्कि साइंटिफिक वेलनेस का भी एक महत्वपूर्ण जरिया है। यही कारण है कि हम भी कह रहे हैं कि उपवास और व्रत आपके स्वस्थ जीवन की कुंजी हो सकती है।

उपवास के दौरान सही डाइट क्यों ज़रूरी है?

सही डाइट नवरात्रि व्रत के दौरान कमजोरी, थकान और स्वास्थ्य समस्याओं से बचाती है। उपवास के समय मिलते न्यूट्रिएंट्स बॉडी को सर्वश्रेष्ठ एनर्जी और पोषण देते हैं। प्रोटीन, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, फाइबर, विटामिन और मिनरल फूड्स को डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी है।

गलत खानपान से डिहाइड्रेशन, मसल लॉस, शुगर क्रैश जैसी समस्या होती है। लगभग 82% लोग उपवास में प्रॉपर डाइट न लेने पर वेट गेन या कमजोरी का सामना करते हैं। इस वजह से हेल्दी डाइट प्लान का पालन करना ज़रूरी है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप अपनी श्रद्धा के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को भी दुरुस्त कर सकते हैं।

उपवास के लिए हेल्दी डाइट चार्ट

नवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए? नवरात्रि शुरू होते ही अक्सर यह सवाल उठता है, जिसका उत्तर हम ब्लॉग के इस भाग में देने वाले हैं। नवरात्रि व्रत के दौरान, सही और संतुलित आहार न केवल शरीर को ऊर्जा और पोषण देता है, बल्कि यह व्रत रखने वालों को कमजोरी और थकावट से भी बचाता है और इसके बारे में हम आपको बार-बार बता भी रहे हैं। नीचे दिया गया डाइट चार्ट हर दिन के लिए हेल्दी और स्वादिष्ट विकल्पों के साथ बनाया गया है, ताकि उपवास में आपको यह न सोचना पड़े कि नवरात्रि के व्रत में क्या खाना चाहिए। 

यह 9 दिनों का हेल्दी डाइट चार्ट है, जो वजन कम करने और ऊर्जा बनाए रखने के लिए उपयुक्त है - 

दिन

ब्रेकफास्ट

मिड मील

लंच

स्नैक्स

डिनर

पहला दिन

पनीर-कुट्टू चीला

सेब, नारियल पानी

दही-साबूदाना खिचड़ी

शकरकंदी चाट

बेक्ड साबूदाना कटलेट

दूसरा दिन

चिया-सीड्स बनाना शेक

नारियल पानी

फ्राइड पनीर + फ्रूट बाउल

फ्रूट चाट

लौकी का सूप

तीसरा दिन

राजगीरा-मखाना हलवा

पपीता, नींबू पानी

फ्रूट रायता

खीरा-सलाद या ग्रीन टी

पनीर खीर या कटलेट

चौथा दिन

बादाम-किशमिश हलवा

संतरा जूस

लौकी सब्जी + राजगीरा रोटी + सेब रायता

मखाना खीर

सलाद या लौकी सूप

पांचवां दिन

4-5 भीगे बादाम + स्ट्रॉबेरी शेक

नींबू पानी + फ्रूट

बेक्ड साबूदाना टिक्की + दही

रोस्टेड मखाना

कुट्टू रोटी + आलू-टमाटर सब्जी

छठा दिन

अरबी कटलेट + चीकू मिल्क शेक

नाशपाती-पुदीना नींबू पानी

दही के साथ आलू टिक्की

कुट्टू पकौड़ी (बेक्ड) + इमली चटनी

बादाम मिल्क

सातवां दिन

दूध-फल

नारियल पानी

समा खिचड़ी + सलाद

चाय + रोस्टेड ड्राईफ्रूट्स

पनीर टिक्का

आठवां दिन

साबूदाना पोहा + लस्सी

फल

कुट्टू पूरी + दही वाली अरबी

पनीर

साबूदाना खिचड़ी

नौंवा दिन

बादाम वाला दूध

ऑरेंज जूस

अनानास-अनार रायता

फ्रूट चाट/रोस्टेड मखाना

समा के चावल की खिचड़ी + सब्जियां

इन फूड्स में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। नवरात्रि डाइट में स्मूदी भी अच्छा ऑप्शन है, जो एनर्जी बनाए रखने और हाइड्रेशन में मदद करती है।

उपवास के दौरान किन चीजों से बचें

उपवास के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना होता है। हम यहां पर सिर्फ खान-पान की बात कर रहे हैं। उपवास के दौरान आप चीज़ों से बच कर भी अपने स्वास्थ्य को दुरुस्त रख सकते हैं -

  • डीप-फ्राइड स्नैक्स जैसे पकोड़े, आलू चिप्स, समोसे आदि का सेवन न करें क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया को बिगाड़ते हैं और पेट में भारीपन, गैस, अपच और सूजन पैदा कर सकते हैं।
  • पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड जैसे कि पैकेट बिस्कुट, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स, फ्रोजन फूड से बचाव करें। इनमें प्रिजर्वेटिव्स और एडिटिव्स होते हैं, जो शरीर में टॉक्सिन जमा करते हैं और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।
  • ज्यादा नमक का सेवन वर्जित है क्योंकि यह शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ाता है, जिससे सूजन और ब्लोटिंग हो सकती है। व्रत के दौरान सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें।
  • अत्यधिक शक्कर या मिठाइयों से बचें क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा कर थकावट और कमजोरी का कारण बन सकता है।
  • फुल-फैट डेयरी उत्पाद जैसे कि फुल क्रीम दूध, क्रीम युक्त चीज़, घी की आवश्यकता से ज्यादा मात्रा न लें, क्योंकि यह फैट बढ़ा सकता है और पाचन को प्रभावित कर सकता है।
  • मीठे पेय जैसे कि सोडा, पैक्ड जूस, एनर्जी ड्रिंक का सेवन न करें क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में शक्कर और केमिकल्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  • कच्चा या सही से न पका हुआ खाना न खाएं क्योंकि यह पेट में संक्रमण और पाचन संबंधी बीमारियां पैदा कर सकता है।
  • अधिक तला-भुना और मसालेदार खाना न लें क्योंकि यह अपच, एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

इन सभी चीजों से बचने पर शरीर हाइड्रेटेड, हल्का और स्वस्थ रहता है, जिससे नवरात्रि उपवास का पूरा लाभ मिलता है और थकावट से बचा जा सकता है। हालांकि इसके अतिरिक्त भी उपवास से संबंधित कुछ और बातें होती हैं, जो आपको पता होनी चाहिए जैसे कि - 

  • जल उपवास लाभदायक है - जल उपवास शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है, किडनी और लिवर को रेस्ट देता है। लेटेस्ट मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, 24 घंटे के जल उपवास से 18% ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है और इम्यूनिटी बूस्ट होती है। बहुत अधिक कमजोरी महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
  • उपवास के लिए साबूदाना की खिचड़ी - साबूदाना की खिचड़ी नवरात्रि में सबसे अधिक प्रचलित भोजन है। इसमें कार्ब्स, प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर होता है, जो उपवास में एनर्जी और पेट फुलनेस देता है।
  • नवरात्रि व्रत के भजन और मानसिक ऊर्जा - भजन और पूजा के समय मानसिक ऊर्जा, पॉजिटिविटी और रिलैक्सेशन मिलता है। हर दिन भजन और मेडिटेशन करने से डिप्रेशन की समस्या 35% तक कम होती है। शारीरिक ही नहीं, मन की सेहत के लिए भी व्रत फायदेमंद है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या नवरात्रि व्रत में वजन घटाया जा सकता है?

हां, वैज्ञानिक रूप से सही डाइट और हाइड्रेशन से नवरात्रि के उपवास में 1-2 किलो तक वजन कम किया जा सकता है। रिसर्च में पाया गया है कि फास्टिंग डिटॉक्स और फैट लॉस में सफल है।

नवरात्रि उपवास में कौन-से फल और ड्राई फ्रूट्स सबसे अच्छे हैं?

केला, पपीता, सेब, अनार, संतरे जैसे फल और बादाम, मखाना, किशमिश, काजू, अखरोट सबसे उपयुक्त है। इसमें पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन अधिक होते हैं।

क्या डायबिटीज के मरीज नवरात्रि व्रत रख सकते हैं?

डॉक्टर की सलाह से ही उपवास करें। दही, कम GI वाले फल, मखाना, प्रोटीन रिच फूड्स खाना सुरक्षित है, शक्कर वाले आइटम्स और प्रोसेस्ड फूड को अवॉइड करें।

नवरात्रि डाइट चार्ट में प्रोटीन कैसे शामिल करें?

पनीर, दही, दूध, राजगीरा, साबूदाना, ड्राई फ्रूट्स को डाइट में नियमित रूप से शामिल करें। इससे मसल्स लॉस, थकावट और कमजोरी दूर रहती है।

क्या नवरात्रि में दिनभर एनर्जी बनाए रखने के लिए स्मूदी पीना सही है?

हां, स्मूदी (मिल्क + चिया सीड्स, स्ट्रॉबेरी, बनाना) से ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रहता है और दिनभर ताजगी महसूस होती है। यह डाइजेशन को भी तेज करता है।

Written and Verified by:

Dr. Sukumar Mukherjee

Dr. Sukumar Mukherjee

Consultant Exp: 20 Yr

Internal Medicine

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(Prof) Dr. Sukumar Mukherjee has been associated with CMRI since 1990. His area of interest has been Internal Medicine and Rheumatology. He has been awarded the Life  Time Bangabishuan Award by the Govt. West Bengal in the year 2014, Jamini Anand Life Time Achievement Award as Medical Teacher in 2011-MCESA. He has also been awarded the Dhanwantari  Award in 2008. He has been awarded the WHO Fellowship on Clinical Management of AIDS in Sydney and Melbourne, Australia in 1989. He has been the Dean of the Indian College of Physicians, President of the Indian Association of Clinical Medicine (2003-2004).

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