Renal Sciences | by Dr. Amlan Chakraborty | Published on 28/02/2024
किडनी कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो किडनी में शुरू होती है। किडनी हमारे शरीर में दो बीन के आकार के अंग है, जो रीढ़ के दोनों ओर स्थित होते हैं। गुर्दा का कार्य हमारे शरीर में रक्त को छानकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना है। गुर्दे इसके अतिरिक्त कई कार्य करते हैं, जैसे हार्मोन का निर्माण और रक्तचाप को नियंत्रित करना।
वहीं किडनी कैंसर के सिवाय भी बहुत सारी समस्याएं हैं जो एक व्यक्ति को परेशान कर सकती है जैसे - गुर्दे का कैंसर, क्रोनिक किडनी रोग, एक्यूट किडनी रोग, इत्यादि। आमतौर पर डॉक्टर किडनी का कैंसर निकालने के लिए इस अंग को ही निकाल देते हैं। वहीं कुछ मामलों में दोनों किडनी खराब हो जाती है, तो किडनी ट्रांसप्लांट इकलौता विकल्प बचता है। किडनी कैंसर एक प्रमुख रोग है, जिसके बारे में सभी को आवश्यक जानकारी ज़रूर पता होनी चाहिए, जो आपको इस ब्लॉग में मिलने वाली है।
वयस्कों में किडनी कैंसर का सबसे आम प्रकार रीनल सेल कार्सिनोमा (RCC) है। हालांकि अन्य कैंसर के प्रकार भी एक व्यक्ति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। बच्चों में, विल्म्स ट्यूमर नामक एक अलग किस्म का गुर्दे का कैंसर अधिक आम है।
किडनी कैंसर के कई कारण है जैसे धूम्रपान, आर्सेनिक के संपर्क में आना, गुर्दे के कैंसर की फैमिली हिस्ट्री, सीटी स्कैन, इत्यादि। सीटी स्कैन के कारण गुर्दे के कैंसर के मामले बहुत कम देखे गए हैं। हालांकि यह जांच कभी-कभी गुर्दे के कैंसर का अनजाने में पता लगा सकती है।
अच्छी खबर यह है कि जब गुर्दे का कैंसर का निदान शुरुआती अवस्था में होता है और ट्यूमर छोटा होता है, तभी कैंसर का पता चल जाता है। शुरुआती चरण में कैंसर केवल किडनी तक ही सीमित होता है। इसके कारण उपचार के विकल्प बढ़ जाते हैं और सफलता के दर में भी वृद्धि होती है।
किडनी कैंसर के शुरुआती मामलों में कोई खास लक्षण नहीं दिखते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, लक्षण दिखने लगते हैं। यही कारण है कि आमतौर पर किडनी कैंसर का पता तब चलता है जब इसका प्रसार शुरू होता है।
किडनी कैंसर के संभावित लक्षण इस प्रकार है -
किडनी कैंसर का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन कुछ जोखिम कारक हैं, जो इस रोग की संभावना को बढ़ाते हैं। निम्नलिखित कारणों से किडनी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है जैसे -
गुर्दे के कैंसर का इलाज ट्यूमर के चरण और ग्रेड, साथ ही आपकी उम्र और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। डॉक्टर उपचार के विकल्पों में सर्जरी, एब्लेशन, रेडिएशन थेरेपी, दवा, इम्यूनोथेरेपी और कुछ मामलों में कीमोथेरेपी शामिल करते हैं। चलिए सभी इलाज के विकल्पों पर एक-एक करके विचार करते हैं -
सर्जरी: अधिकांश गुर्दे के कैंसर के चरणों के लिए सर्जरी को प्राथमिक उपचार के रूप में देखा जाता है। डॉक्टर कई सर्जिकल विकल्पों पर विचार करते हैं जैसे -
एब्लेशन: कभी-कभी गर्मी और ठंड कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम होते हैं। जिन लोगों की सर्जरी नहीं हो सकती है, उनका इलाज क्रायोबलेशन या रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन से हो सकता है।
रेडिएशन थेरेपी: इस प्रक्रिया का सुझाव उन लोगों को दिया जाता है, जिनके पास केवल एक ही किडनी होती है और वह सर्जरी नहीं करवा सकते हैं। इस मामले में डॉक्टर रेडिएशन थेरेपी का सुझाव देते हैं। रेडिएशन थेरेपी का उपयोग अक्सर गुर्दे के कैंसर के लक्षणों, जैसे दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।
लक्षित दवा चिकित्सा: कुछ दवाएं होती हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने और उत्पन्न होने से रोकती हैं। इन दवाओं का मुख्य कार्य कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकना है। जब डॉक्टर को लगता है कि सर्जरी करना उचित नहीं है तो डॉक्टर इन दवाओं का सुझाव देते हैं।
इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी में व्यक्ति प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दवाएं दी जाती है। हालांकि सर्जरी के साथ इस थेरेपी का प्रयोग किया जाता है।
कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी गुर्दे के कैंसर के लिए एक मानक उपचार नहीं है। हालांकि कुछ मामलों यह थेरेपी मददगार साबित हो सकती है। अधिकतर मामलों में कीमोथेरेपी दवाएं दी जाती हैं, जिसके साथ डॉक्टर रोगी को अपने आहार में अच्छे से परिवर्तन करने को बोलते हैं।
यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें गुर्दे में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है। इसमें ट्यूमर का निर्माण होता है, जो आसपास के ऊतकों और अंगों को प्रभावित करता है।
यह तब होता है, जब गुर्दे की कोशिकाओं में DNA क्षतिग्रस्त हो जाता है। क्षतिग्रस्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बना सकती हैं।
कई कारक हैं, जो किडनी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
यदि आपको किसी भी प्रकार की किडनी की कोई समस्या परेशान कर रही है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टरों से परामर्श करें।