हर्निया के प्रकार और उनकी सर्जरी
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हर्निया के प्रकार और उनकी सर्जरी

Summary

हर्निया एक ऐसी समस्या है, जिससे कोई भी व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। शरीर का कोई भी भाग हर्निया की समस्या का शिकार हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह समस्या पेट की मांसपेशियों को ही प्रभावित करती है। हर्निया रोग के अलग-अलग प्रकार होते हैं और इसके लक्षण भी अलग-अलग आते हैं।

हर्निया एक ऐसी समस्या है, जिससे कोई भी व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। शरीर का कोई भी भाग हर्निया की समस्या का शिकार हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह समस्या पेट की मांसपेशियों को ही प्रभावित करती है। 

हर्निया रोग के अलग-अलग प्रकार होते हैं और इसके लक्षण भी अलग-अलग आते हैं। यही कारण है कि हर प्रकार के हर्निया के लिए अलग इलाज के विकल्प का सुझाव दिया जाता है। इस ब्लॉग की सहायता से हम हर्निया के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। हर्निया के इलाज के लिए आप हमारे डॉक्टरों से भी मिल सकते हैं।

हर्निया रोग क्या है?

हर्निया रोग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर के किसी भी अंग की दीवार कमजोर हो जाती है और उसे कमजोर दीवार से कोई अंदरूनी अंग बाहर की तरफ आने का प्रयास करता है। इसके कारण प्रभावित क्षेत्र में दर्द और सूजन होती है और यदि समय पर इलाज न हो तो इसके कारण व्यक्ति को असुविधा, दर्द और अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। 

यहां आप एक बात समझें कि हर्निया की समस्या अपने आप ठीक नहीं होती है। इस स्थिति के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। 

हर्निया की समस्या क्यों होती है?

हर्निया की बीमारी होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें से मुख्य कारणों को नीचे बताया गया है - 

  • भारी वजन उठाना
  • लगातार खांसी आना
  • मल त्यागने के दौरान अधिक जोर लगाना
  • मोटापा
  • प्रेगनेंसी
  • पिछली सर्जरी में लगने वाला चीरा

इन जोखिम कारकों को समझना हर्निया को रोकने या उन्हें जल्दी पकड़ने में मदद कर सकता है।

हर्निया के शुरुआती लक्षण

हर्निया के शुरुआती लक्षणों की पहचान यदि समय पर हो जाए तो इससे आपको बहुत लाभ मिलने वाला है। हर्निया की स्थिति में निम्न लक्षणों की पहचान होने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज लें - 

  • प्रभावित क्षेत्र पर उभार आना।
  • दर्द या बेचैनी, खासकर झुकते, खांसते या उठाते समय।
  • पेट में भारीपन या दबाव महसूस होना।
  • उभार के स्थान पर जलन या दर्द का अनुभव होना।
  • कुछ प्रकार के हर्निया की स्थिति में एसिड रिफ्लक्स, और खाने को निगलने में कठिनाई होना। 

हर्निया के प्रकार

हर्निया कई प्रकार के होते हैं, लेकिन हम उनमें से मुख्य प्रकारों के बारे में बात करने वाले हैं - 

  • इनगुइनल हर्निया: यह सबसे आम प्रकार का हर्निया है, जो सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है। इसमें आंत या मूत्राशय पेट की दीवार के माध्यम से या कमर में इनगुइनल हर्निया नहर में फैल जाता है। इस स्थिति में जांघ के आस-पास के क्षेत्र में उभार, कमर में दर्द या बेचैनी जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। इस स्थिति के इलाज के लिए ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
  • फीमोरल हर्निया: यह भी एक मुख्य लेकिन कम आम हर्निया है, जो इनगुइनल हर्निया लिगामेंट के ठीक नीचे होता है और मुख्य रूप से महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। इसमें कमर या ऊपरी जांघ में गांठ, और दर्द जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके इलाज के लिए मुख्य रूप से लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया का प्रयोग होता है। 
  • अम्बिलिकल हर्निया: यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब पेट के दीवार के माध्यम से कोई अंदरूनी भाग नाभि के पास से बाहर निकलता है। इसमें नाभि के पास सूजन या उभार जैसा महसूस होता है। इसके अतिरिक्त खांसते या भारी सामान उठाते समय व्यक्ति को अधिक समस्या जैसे दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। 
  • हाइटल हर्निया: हाइटल हर्निया की समस्या तब उत्पन्न होती है, जब पेट का ऊपरी भाग डायाफ्राम से होकर छाती की गुहा में चला जाता है। इसके कारण कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि सीने में जलन, एसिड रिफ्लक्स, खाना निगलने में कठिनाई, सीने में दर्द, इत्यादि। इस प्रकार के हर्निया का इलाज जीवनशैली में बदलाव, कुछ दवाएं, या गंभीर मामलों में सर्जरी से संभव है। 
  • इंसीजनल हर्निया: इस प्रकार के हर्निया में अंदरूनी अंग उस क्षेत्र से बाहर आता है, जिस क्षेत्र में अभी हाल-फिलहाल में सर्जरी हुई है और वहां की मांसपेशियां कमजोर भी हो गई हैं। इस स्थिति में हर्निया रिपेयर की आवश्यकता पड़ती है। 
  • एपीगैस्ट्रिक हर्निया: इस प्रकार के हर्निया में नाभि और पसलियों के निचले भाग के बीच पेट की मांसपेशियों के ऊपरी पेट में हर्निया की समस्या परेशान करती है। ब्रेस्टबोन और नाभि के बीच होने वाले गांठ में दर्द हो सकता है। 

हर्निया सर्जरी के प्रकार

हर्निया के इलाज के लिए कई प्रकार की सर्जरी की जाती है। रोगी के वर्तमान स्वास्थ्य के आधार पर निम्न में से किसी भी एक सर्जरी का सुझाव दिया जा सकता है - 

  • ओपन हर्निया सर्जरी: यह एक पारंपरिक सर्जरी है, जिसमें मांसपेशियों की दीवारों को रिपेयर किया जाता है। सर्जरी करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर एक बड़ा चीरा लगाया जाता है, जिसकी मदद से सर्जरी सफलता और सुगमता से हो पाती है। हालांकि कुछ गंभीर मामलों में ही अब ओपन हर्निया सर्जरी का सुझाव दिया जाता है। 
  • लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी: यह एक आधुनिक एवं मिनिमल इनवेसिव सर्जरी है, जिसमें हर्निया को रिपेयर करने के लिए सर्जिकल क्षेत्र के आस-पास कुछ छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इसमें दूरबीन का उपयोग होता है, जिसे लेप्रोस्कोप कहा जाता है। इस दूरबीन में एक कैमरा और लाइट भी होती है, जिससे सर्जरी और सटीकता से हो पाती है। 
  • रोबोटिक हर्निया रिपेयर: यह एक आधुनिक सर्जरी है, जिसमें सर्जरी करने के लिए रोबोट का उपयोग होता है। रोबोट की सहायता से सर्जरी में अधिक सटीकता आ पाती है, जिसकी वजह से पेशेंट जल्दी रिकवर हो कर अपने सामान्य जीवन में वापस लौट सकता है। 

सर्जरी के अतिरिक्त प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे सर्जरी अधिक सफल और सुरक्षित रहती है। कुछ प्रक्रियाओं का प्रयोग सर्जरी के दौरान हो सकता है जैसे कि -

  • हर्निया मेष रिपेयर: हर्निया की समस्या को ठीक करने के लिए कमजोर मांसपेशियों पर मेष लगाया जाता है, जिससे इस स्थिति के फिर से उत्पन्न होने का जोखिम कम हो जाता है। आमतौर पर सिंथेटिक मेष का उपयोग सर्जरी में होता है। 
  • एंडोस्कोपिक तकनीक: मेष रिपेयर सर्जरी करने के लिए एंडोस्कोपिक तकनीक का उपयोग होता है। इसमें एक दूरबीन का उपयोग होता है, जिसकी मदद से रिकवरी में ज्यादा समय भी नहीं लगता है और निशान भी नहीं पड़ता है। 

निष्कर्ष

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हर्निया की समस्या किसी का भी जीवन गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। हालांकि शुरुआती निदान और इलाज इस स्थिति में आपकी बहुत मदद कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के संदेह होने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें। 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


हर्निया ऑपरेशन के बाद क्या परहेज करें?

हर्निया ऑपरेशन के बाद अक्सर यह सलाह दी जाती है कि आप अपने डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन सही से करें। मुख्य रूप से भारी वजन उठाने, जोर लगाने और कब्ज से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त आप अपने आहार का खास ख्याल भी रख सकते हैं।

हर्निया की मेष में कितना खर्च आता है?

हर्निया मेष का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि मेष का प्रकार, अस्पताल, शहर और मेष रिपेयर करने वाले सर्जन का अनुभव। यही कारण है कि इस प्रश्न का सही और सटीक उत्तर आपको हमारे पास नहीं मिलेगा।

हर्निया ऑपरेशन के बाद रिकवरी में कितना टाइम लगता है?

हर्निया सर्जरी रिकवरी टाइम कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि सर्जरी का प्रकार, व्यक्ति की वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति, इत्यादि। आमतौर पर हर्निया की छोटी सर्जरी के बाद रिकवरी में कुछ हफ्तों का समय लगता है, वहीं बड़े ऑपरेशन में रिकवरी का समय बहुत ज्यादा होता है। 

हर्निया ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?

इस प्रश्न का भी उत्तर कई कारकों के द्वारा प्रभावित हो सकता है। हर्निया ऑपरेशन के खर्च को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है - 

  • मेष का उपयोग
  • अस्पताल का चुनाव
  • शहर और डॉक्टर का चुनाव

Written and Verified by:

Dr. Abhinav Sharma

Dr. Abhinav Sharma Exp: 16 Yr

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