पैंक्रियास में सूजन - लक्षण, कारण और इलाज
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पैंक्रियास में सूजन - लक्षण, कारण और इलाज

Summary

 पैंक्रियास में सूजन के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टर से एक बार ज़रूर बात करें और फिर इलाज का निर्णय लें। इस ब्लॉग में लिखी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है

पैंक्रियास हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन रस और हार्मोन का उत्पादन करता है। पैंक्रियास में सूजन को चिकित्सा भाषा में पैन्क्रियाटाइटिस कहा जाता है, जो कि एक गंभीर स्थिति है। यही कारण है कि जिनको पैंक्रियास में समस्या है, उन्हें इस रोग के बारे में सारी आवश्यक जानकारी होनी चाहिए। पैंक्रियास में सूजन के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक बार हमारे जठरांत्र चिकित्सक से बात करें और फिर इलाज के बारे में निर्णय लें।

इस ब्लॉग में लिखी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है, जिससे आपको पैंक्रियास में सूजन के लक्षण, कारण और इलाज को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

पैन्क्रियाटाइटिस (पैंक्रियास में सूजन) क्या है?

पैंक्रियास में सूजन को समझने से पहले समझते हैं कि पैंक्रियास क्या है और उसका क्या कार्य है? अग्न्याशय यानी पैंक्रियास या पैंक्रियाज एक लंबा, चपटा अंग है जो पेट के ऊपरी भाग में स्थित होता है। पैंक्रियास को हिंदी में अग्न्याशय के नाम से जाना जाता है जो कि एक एंजाइम का उत्पादन करता है जिससे खाने को पचाने में मदद मिलती है।

जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि पैन्क्रियाटाइटिस (पैन्क्रियाटाइटिस) पैंक्रियास में सूजन है। पैन्क्रियाटाइटिस एक ऐसी समस्या है, जो एक व्यक्ति को अचानक भी परेशान कर सकती है और कुछ दिनों तक लगातार भी परेशान कर सकती है। कितने समय तक यह समस्या मरीज को परेशान कर रही है, इसी के आधार पर निर्णय लिया जाता है कि वह किस प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित है।

पैन्क्रियाटाइटिस(पेनक्रियाज में सूजन) के प्रकार

पैंक्रियास में सूजन का इलाज उसके प्रकार पर निर्भर करता है। पैंक्रियास में सूजन दो प्रकार के होते हैं जैसे -

  • एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस (acute pancreatitis): एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस वह स्थिति है, जिसमें पैंक्रियास में सूजन अचानक से आ जाती है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिससे रोगी को जान का खतरा भी अधिक होता है। एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित रोगियों का इलाज संभव है और वह पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते हैं। 
  • क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस (chronic pancreatitis): क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस वह स्थिति है, जो एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस के बाद उत्पन्न होती है। इस स्थिति में पैंक्रियास में सूजन लंबे समय तक एक व्यक्ति को परेशान करती है। इस स्थिति के उत्पन्न होने का मुख्य कारण लंबे समय तक शराब पीना या धूम्रपान करना है। क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित मरीजों को गंभीर दर्द और पैंक्रियास की विफलता का सामना करना पड़ सकता है। 

यह सत्य है कि पैन्क्रियाटाइटिस दो ही प्रकार के होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में परिवर्तित हो जाती है। इस स्थिति में पैंक्रियाज की कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस के लगभग 10 प्रतिशत मामले नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में परिवर्तित हो जाते हैं।

पैंक्रियास में सूजन के लक्षण

पैंक्रियास में सूजन के बहुत सारे लक्षण उत्पन्न होते हैं, जो दर्शाते हैं कि व्यक्ति को त्वरित इलाज की आवश्यकता है। दोनों प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस में अलग-अलग लक्षण उत्पन्न होते हैं। चलिए दोनों प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस में उत्पन्न होने वाले लक्षणों के बारे में जानते हैं - 

एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षणों

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द जो खाने के बाद बढ़ जाए
  • पेट दर्द जो पीठ तक जाए
  • पेट को छूने पर दर्द होना
  • बुखार के साथ ठंड लगना, मतली और उल्टी
  • कमजोरी और सुस्ती।

क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण

  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द
  • खाने के बाद पेट में दर्द बढ़ना
  • अचानक वजन घटना
  • स्टीटोरिया या मल में अधिक बदबू आना

पैंक्रियास में सूजन के कारण

यदि पैन्क्रियाटाइटिस अनुपचारित रह जाए, तो इससे पैंक्रियास को काफी नुकसान होता है। जब पैंक्रियास को किसी भी प्रकार का नुकसान होता है, तो मरीज को पाचन समस्याओं और मधुमेह का सामना करना पड़ सकता है। पैन्क्रियाटाइटिस निम्नलिखित कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकता है -

  • पित्त की थैली की पथरी
  • शराब का अधिक सेवन
  • कुछ दवाएं
  • रक्त में उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर 
  • रक्त में उच्च कैल्शियम का स्तर
  • पैंक्रियाज का कैंसर
  • पेट की सर्जरी या चोट
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस
  • संक्रमण
  • मोटापा
  • एक्सीडेंट

कभी-कभी पैन्क्रियाटाइटिस बिना कारण के रोगी को परेशान कर सकता है। जैसे ही आपको लगे कि आप इस स्थिति से परेशान है, तो डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है।

पैंक्रियास में सूजन से बचाव

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण रोगी को बहुत परेशान करते हैं, जिसके कारण उन्हें चिकित्सा सहायता लेनी पड़ती है। हालांकि लक्षणों का अनुभव होने पर कुछ बचाव के निर्देशों का पालन कर इस स्थिति के उत्पन्न होने से बचा सकता है -

  • शराब का सेवन सीमित करें और धूम्रपान छोड़ें: शराब का सेवन और धूम्रपान शरीर के लिए हानिकारक होता है। यदि शराब का सेवन बंद कर सकते हैं, तो बहुत बढ़िया होगा अन्यथा उसे सीमित करने का सुझाव दिया जाता है। वहीं धूम्रपान पूरी तरह छोड़ने के लिए डॉक्टर अपने हर मरीज को कहते हैं। इससे पैंक्रियास से विषाक्त पदार्थ को निकालने में मदद मिलती है, और पैन्क्रियाटाइटिस के जोखिम को कम करने में भी मदद मिलती है। 
  • हृदय-स्वस्थ आहार लें: कम वसा वाले आहार का सेवन करने से शरीर को खाना पचाने में मदद अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल जमा भी नहीं होता है, जिससे पित्त की पथरी की संभावना भी प्रबल हो जाती है। पित्त की पथरी पैंक्रियास में सूजन का मुख्य कारण भी है। इसकी वजह से एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करें और वजन कम करने का प्रयास करें। वजन
  • कम करने के लिए पूरी प्रक्रिया का प्रयोग करें। सिर्फ खाना-पीना छोड़कर वजन कम नहीं किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। 

पैंक्रियाटाइटिस का इलाज

पैन्क्रियाटाइटिस के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। इसका इलाज लक्षणों और कारणों के आधार पर किया जाता है। निम्नलिखित तरीकों से इस स्थिति का इलाज संभव है -

  • दर्द की दवाएं: पैन्क्रियाटाइटिस के कारण रोगी को गंभीर दर्द का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों का सबसे पहला प्रयास दर्द को नियंत्रित करना होता है, जिसके लिए वह दर्द निवारक दवाएं देते हैं। 
  • आईवी फ़्लूइड: प्रयास करें कि आप स्वयं को प्राकृतिक रूप से हाइड्रेट रखें। इसके लिए डॉक्टर बांह की नस के माध्यम से आईवी फ़्लूइड लगा सकते हैं।
  • पोषण: दस्त और उल्टी के कारण शरीर कमजोर हो जाता है, जिससे बचने के लिए सही पोषण की आवश्यकता होती है। 
  • पित्त की थैली निकालने की सर्जरी: पित्त की पथरी के इलाज के तौर पर पित्त थैली को ही निकालने का सुझाव डॉक्टर देते हैं, जिससे पैंक्रियास में सूजन की समस्या हल हो सकती है। 

इसके अतिरिक्त कुछ प्रक्रियाएं हैं, जिससे रोगी को राहत मिल सकती है - 

  • एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड चोलैंगियोपैरेग्रोफी
  • ईआरसीपी प्रक्रिया
  • दवाएं

इन सबके साथ-साथ आपको अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता पड़ सकती है। यदि आपको संदेह है कि आपके पैंक्रियास में सूजन है या फिर आप इस रोग से पीड़ित हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टरों से बात करें।

पैंक्रियाटाइटिस से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न


पैंक्रियास की सूजन कितने दिनों में ठीक होती है?

पैंक्रियास की सूजन के प्रकार के आधार पर ठीक होने में लगने वाला समय अलग-अलग होता है। एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस में व्यक्ति कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। गंभीर मामलों में इस स्थिति से उभरने में कई सप्ताह तक का समय लग सकता है। वहीं दूसरी तरफ क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस से ठीक होने का कोई निश्चित समय नहीं है।

पैंक्रियाज में सूजन कौन सी बीमारी होती है?

पैंक्रियाज में सूजन पैंक्रियाटाइटिस नामक बीमारी होती है। यह एक चिकित्सा आवश्यक स्थिति है, जिसमें दर्द, मतली, उल्टी, बुखार के साथ अन्य लक्षण भी उत्पन्न होते हैं।

पैंक्रियाज में सूजन को ठीक करने के लिए क्या करें?

पैंक्रियाज में सूजन को ठीक करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर दर्द और सूजन को कम करने पर विचार करते हैं। इलाज के लिए आईवी फ़्लूइड, दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव दिया जा सकता है। कुछ मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।

क्या पैंक्रियाज का इलाज संभव है?

पैंक्रियाज या अग्न्याशय से संबंधित बीमारियों का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या क्या है और वह कितनी गंभीर है। पैंक्रियाज में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं, जिसके इलाज के लिए अलग-अलग तरीकों का उपयोग होते हैं, जिनको हमने ब्लॉग में भी बताया है। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों से भी परामर्श ले सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Abhinav Sharma

Dr. Abhinav Sharma

Director Exp: 16 Yr

Gastroenterology

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An expert in Therapeutic GI Endoscopic procedures, Dr. Sharma after completing his MBBS from JLN Medical College, Ajmer and MD from SMS, earned his DM in Gastroenterology from SGPGIMS, Lucknow in 2006. Post completing his MBBS from JLN Medical College, Ajmer in 1996 and MD from SMS Medical College, Jaipur in 1999, he pursued further specialisation in Gastroenterology i.e. DM (Doctorate of Medicine in Gastroenterology) from SGPGIMS, Lucknow in 2006.

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