Gastro Science | Posted on 02/01/2024 by Dr. Abhinav Sharma
पैंक्रियास हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन रस और हार्मोन का उत्पादन करता है। पैंक्रियास में सूजन को चिकित्सा भाषा में पैन्क्रियाटाइटिस कहा जाता है, जो कि एक गंभीर स्थिति है। यही कारण है कि जिनको पैंक्रियास में समस्या है, उन्हें इस रोग के बारे में सारी आवश्यक जानकारी होनी चाहिए। पैंक्रियास में सूजन के इलाज के लिए हम आपको सलाह देंगे कि आप एक बार हमारे जठरांत्र चिकित्सक से बात करें और फिर इलाज के बारे में निर्णय लें।
इस ब्लॉग में लिखी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है, जिससे आपको पैंक्रियास में सूजन के लक्षण, कारण और इलाज को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।
पैंक्रियास में सूजन को समझने से पहले समझते हैं कि पैंक्रियास क्या है और उसका क्या कार्य है? अग्न्याशय यानी पैंक्रियास या पैंक्रियाज एक लंबा, चपटा अंग है जो पेट के ऊपरी भाग में स्थित होता है। पैंक्रियास को हिंदी में अग्न्याशय के नाम से जाना जाता है जो कि एक एंजाइम का उत्पादन करता है जिससे खाने को पचाने में मदद मिलती है।
जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि पैन्क्रियाटाइटिस (पैन्क्रियाटाइटिस) पैंक्रियास में सूजन है। पैन्क्रियाटाइटिस एक ऐसी समस्या है, जो एक व्यक्ति को अचानक भी परेशान कर सकती है और कुछ दिनों तक लगातार भी परेशान कर सकती है। कितने समय तक यह समस्या मरीज को परेशान कर रही है, इसी के आधार पर निर्णय लिया जाता है कि वह किस प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस से पीड़ित है।
पैंक्रियास में सूजन का इलाज उसके प्रकार पर निर्भर करता है। पैंक्रियास में सूजन दो प्रकार के होते हैं जैसे -
यह सत्य है कि पैन्क्रियाटाइटिस दो ही प्रकार के होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में परिवर्तित हो जाती है। इस स्थिति में पैंक्रियाज की कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस के लगभग 10 प्रतिशत मामले नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में परिवर्तित हो जाते हैं।
पैंक्रियास में सूजन के बहुत सारे लक्षण उत्पन्न होते हैं, जो दर्शाते हैं कि व्यक्ति को त्वरित इलाज की आवश्यकता है। दोनों प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस में अलग-अलग लक्षण उत्पन्न होते हैं। चलिए दोनों प्रकार के पैन्क्रियाटाइटिस में उत्पन्न होने वाले लक्षणों के बारे में जानते हैं -
यदि पैन्क्रियाटाइटिस अनुपचारित रह जाए, तो इससे पैंक्रियास को काफी नुकसान होता है। जब पैंक्रियास को किसी भी प्रकार का नुकसान होता है, तो मरीज को पाचन समस्याओं और मधुमेह का सामना करना पड़ सकता है। पैन्क्रियाटाइटिस निम्नलिखित कारणों से एक व्यक्ति को परेशान कर सकता है -
कभी-कभी पैन्क्रियाटाइटिस बिना कारण के रोगी को परेशान कर सकता है। जैसे ही आपको लगे कि आप इस स्थिति से परेशान है, तो डॉक्टर से बात करने की सलाह दी जाती है।
ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण रोगी को बहुत परेशान करते हैं, जिसके कारण उन्हें चिकित्सा सहायता लेनी पड़ती है। हालांकि लक्षणों का अनुभव होने पर कुछ बचाव के निर्देशों का पालन कर इस स्थिति के उत्पन्न होने से बचा सकता है -
पैन्क्रियाटाइटिस के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। इसका इलाज लक्षणों और कारणों के आधार पर किया जाता है। निम्नलिखित तरीकों से इस स्थिति का इलाज संभव है -
इसके अतिरिक्त कुछ प्रक्रियाएं हैं, जिससे रोगी को राहत मिल सकती है -
इन सबके साथ-साथ आपको अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता पड़ सकती है। यदि आपको संदेह है कि आपके पैंक्रियास में सूजन है या फिर आप इस रोग से पीड़ित हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे डॉक्टरों से बात करें।
पैंक्रियास की सूजन के प्रकार के आधार पर ठीक होने में लगने वाला समय अलग-अलग होता है। एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस में व्यक्ति कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। गंभीर मामलों में इस स्थिति से उभरने में कई सप्ताह तक का समय लग सकता है। वहीं दूसरी तरफ क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस से ठीक होने का कोई निश्चित समय नहीं है।
पैंक्रियाज में सूजन पैंक्रियाटाइटिस नामक बीमारी होती है। यह एक चिकित्सा आवश्यक स्थिति है, जिसमें दर्द, मतली, उल्टी, बुखार के साथ अन्य लक्षण भी उत्पन्न होते हैं।
पैंक्रियाज में सूजन को ठीक करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर दर्द और सूजन को कम करने पर विचार करते हैं। इलाज के लिए आईवी फ़्लूइड, दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव दिया जा सकता है। कुछ मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
पैंक्रियाज या अग्न्याशय से संबंधित बीमारियों का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या क्या है और वह कितनी गंभीर है। पैंक्रियाज में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं, जिसके इलाज के लिए अलग-अलग तरीकों का उपयोग होते हैं, जिनको हमने ब्लॉग में भी बताया है। अधिक जानकारी के लिए आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों से भी परामर्श ले सकते हैं।