क्या बवासीर एक आनुवंशिक बीमारी है? जानिए कारण और जोखिम
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क्या बवासीर एक आनुवंशिक बीमारी है? जानिए कारण और जोखिम

General Surgery | by Dr. B D Soni on 03/06/2025

Table of Contents
  1. बवासीर क्या है और इसके लक्षण क्या है?
  2. क्या बवासीर अनुवांशिक है?
  3. परिवार में बवासीर होने पर आपको कितना खतरा है?
  4. बवासीर के खतरे को बढ़ाने वाले सामान्य कारण
  5. बवासीर से बचने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय
  6. यदि परिवार में बवासीर का इतिहास है तो क्या करें?
  7. बवासीर कैसे ठीक होगा? बवासीर का रामबाण उपाय
  8. निष्कर्ष
  9. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
    1. बवासीर में छाछ कब पीना चाहिए?
    2. क्या पत्थरचट्टा (Kalanchoe pinnata) का बवासीर में उपयोग किया जा सकता है?
    3. क्या बवासीर जानलेवा बीमारी है?
    4. बवासीर में ईसबगोल कैसे खाना चाहिए?
    5. क्या बवासीर मृत्यु का कारण बन सकता है?
    6. क्या वंशानुगत बवासीर ठीक हो सकती है?
    7. कौन सा बवासीर खतरनाक है?
    8. बवासीर में क्या खाना चाहिए?

Summary

बवासीर जेनेटिक बीमारी हो सकती है, लेकिन सही जीवनशैली, आहार और समय पर देखभाल से इसे रोका या नियंत्रित किया जा सकता है। यदि परिवार में इसकी हिस्ट्री है, तो नियमित जांच और घरेलू उपायों के साथ विशेषज्ञ से सलाह लेना बहुत जरूरी है।

बार-बार गुदा से रक्त बहना या फिर उठने बैठने में समस्या बवासीर की समस्या के कुछ प्रमुख कारण है। लेकिन कई बार यह प्रश्न उठता है कि क्या बवासीर की समस्या जेनेटिक या आनुवंशिकी बीमारी है? बवासीर की वजह से होती असुविधा और दर्द किसी के भी जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि क्या यह समस्या आपके परिवार से जुड़ी हुई है? 

इस प्रश्न का उत्तर हम इस ब्लॉग की मदद से ढूंढेंगे। इसके अतिरिक्त इस ब्लॉग से हम इसके कारण और जोखिम कारकों के साथ-साथ इसके कुछ प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे, जिससे कोई भी इस समस्या से स्वयं राहत पा सकता है। यदि बवासीर आपके जीवन को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, तो सबसे पहला काम आप हमारे विशेषज्ञों से परामर्श करें और इलाज लें।

बवासीर क्या है और इसके लक्षण क्या है?

बवासीर (Hemorrhoids या piles) एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली बीमारी है, जिसमें गुदा या मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण दर्द, खुजली, और खून आने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • मल त्याग के दौरान खून आना
  • गुदा में खुजली या जलन
  • गुदा के आस-पास सूजन या गांठ
  • कभी-कभी मल त्याग में कठिनाई और दर्द होना।

यह समस्या हर उम्र के लोगों में हो सकती है, लेकिन खासकर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच यह समस्याएं अधिक होती हैं। यही कारण है कि इस उम्र में आपको अपना ख्याल अधिक रखना होता है। चलिए किस उम्र में बवासीर की समस्या अधिक परेशान करती है, उसे इस चार्ट की मदद से समझने का प्रयास करते हैं - 

क्या बवासीर अनुवांशिक है?

कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता होगा कि क्या बवासीर की समस्या एक जेनेटिक रोग है? चलिए इसके गणित को समझते हैं। कई लोग सोचते हैं कि बवासीर पूरी तरह से जेनेटिक होता है। दरअसल, बवासीर के लिए जेनेटिक प्रवृत्ति एक कारक हो सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। यदि आपके परिवार में बवासीर की फैमिली हिस्ट्री है, तो इससे जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है। यहीं पर जीवनशैली और आहार भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।

यदि आपके घर परिवार में किसी को भी बवासीर की समस्या है और आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं, तो आप बवासीर की समस्या से कोसों दूर रह सकते हैं। लेकिन बवासीर की समस्या को शुरुआती स्टेज पर सही देखभाल और उपायों से आसानी से रोका जा सकता है। 

परिवार में बवासीर होने पर आपको कितना खतरा है?

परिवार में बवासीर होने पर इस बात की संभावना अधिक है कि आप भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं। रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि जिन लोगों के माता-पिता या भाई-बहन को बवासीर होता है, उनमें यह बीमारी होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में लगभग 20-30% अधिक होता है।

लेकिन यह खतरा सिर्फ आनुवंशिकता तक सीमित नहीं है। साथ ही खराब आहार, कब्ज, लंबे समय तक बैठना, और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे कारक भी इस खतरे को बढ़ाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि निष्क्रिय जीवनशैली से जितनी दूरी आप बनाएंगे उतना भला आपका होगा।

बवासीर के खतरे को बढ़ाने वाले सामान्य कारण

बवासीर के खतरे को कई कारण बढा सकते हैं जैसे कि - 

  • कब्ज: यदि लंबे समय से आप कब्ज की समस्या का सामना कर रहे हैं और इस समस्या का कोई भी इलाज नहीं होता है, तो आप भी बवासीर के कब्जे में आ सकते हैं। 
  • ज्यादा समय तक बैठना: एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठने या फिर टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक बैठने से कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • प्रेगनेंसी: महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान गुदा के आस-पास तनाव बढ़ता है, जिससे बवासीर की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • मोटापा: अधिक वजन नसों पर दबाव डालता है, इसलिए अधिक वजन होना या फिर पेट के आस-पास अधिक वजन होना भी बवासीर का एक मुख्य जोखिम कारक है।
  • अस्वस्थ आहार: तला-भुना, मसालेदार और फाइबर की कमी वाला भोजन लंबे समय तक खाने से भी बवासीर की समस्या परेशान कर सकती है।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी: यदि आप कोई भी व्यायाम नहीं करते हैं और न ही कोई ऐसा काम करते है, जिससे आपके शरीर की कैलोरी खत्म नहीं होती है, तो आप भी बवासीर की समस्या से कुछ ही कदम दूर हैं।

बवासीर से बचने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

निम्न आसान एवं प्रभावी उपाय आपको बवासीर की समस्या से दूर रख सकती है - 

  • फाइबर युक्त आहार लें: ताजे फल (सेब, पपीता), हरी सब्जियां, साबुत अनाज, और दालें फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कब्ज को रोकते हैं और मल को नरम बनाते हैं।
  • पर्याप्त पानी पिएं: दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे और मल सॉफ्ट रहे। इससे मल त्याग में कोई तकलीफ नहीं होती है।
  • नियमित व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज चलना या योग से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है, जिससे कब्ज और बवासीर की संभावना कम होती है।
  • कब्ज से बचाव: मल त्याग को लंबे समय तक न टालें। इससे मलाशय पर दबाव बढ़ता है, जिससे बवासीर हो सकती है।
  • सही बैठने की मुद्रा अपनाएं: टॉयलेट पर ज्यादा देर तक बैठने से बचें क्योंकि इससे गुदा पर दबाव बढ़ता है।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: यह न केवल आपकी पाचन शक्ति को कमजोर करते हैं, बल्कि बवासीर के लक्षणों को भी बढ़ाता है।

यदि बवासीर की समस्या आपको हो गई है, और समस्या का अभी शुरुआती चरण है, तो निम्न उपायों का पालन करें - 

  • दिन में 2-3 बार गर्म पानी का Sitz bath लें।
  • एलोवेरा जेल लगाने से सूजन कम करने में मदद मिल सकती है।
  • आलू का रस लगाने से सूजन में राहत मिलती है।
  • डॉक्टर से मिल कर इस स्थिति का इलाज लें।

यदि परिवार में बवासीर का इतिहास है तो क्या करें?

यदि आपके घर परिवार में किसी को भी बवासीर की समस्या है या फिर बवासीर की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री रही है, तो आपको निम्न बातों का खास ख्याल रखना चाहिए - 

  • अपने डॉक्टर से परामर्श लें और जरूरी जांच नियमित तौर पर करवाते रहें।
  • विशेष रूप से फाइबर युक्त भोजन और नियमित व्यायाम आपके लिए बहुत लाभकारी है।
  • चाहे पुरुष हो या फिर महिला बवासीर के लक्षण दिखने पर तुरंत घरेलू उपाय अपनाएं और यदि इनसे भी राहत न मिले, डॉक्टर से मिलें।
  • योग, मेडिटेशन और स्ट्रेस मैनेजमेंट से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • तला-भुना और मसालेदार भोजन खाने से बचें, क्योंकि इससे बवासीर की समस्या अधिक प्रभावी हो सकती है।

बवासीर कैसे ठीक होगा? बवासीर का रामबाण उपाय

बवासीर का इलाज आसान है, लेकिन सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। शुरुआती अवस्था में घरेलू उपाय और खानपान सुधार से आराम मिल सकता है। यदि समस्या ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर दवाएं या लेजर थेरेपी का सुझाव भी दे सकते हैं।

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय-समय पर Sitz bath लेना बवासीर का रामबाण इलाज माना जा सकता है। 

निष्कर्ष

बवासीर एक आम लेकिन कभी-कभी असुविधाजनक समस्या है। यह जेनेटिक समस्या हो सकती है, लेकिन सही देखभाल बवासीर की समस्या को मैनेज करने में मदद कर सकती है। यदि आपके परिवार में बवासीर की फैमिली हिस्ट्री है, तो नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। अब बवासीर से डरना नहीं, बल्कि जागरूक होकर सही कदम उठाना है।

यदि आपको या आपके परिवार को बवासीर की समस्या है, तो हमारे विशेषज्ञों से अभी संपर्क करें और सही इलाज शुरू करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बवासीर में छाछ कब पीना चाहिए?

बवासीर की समस्या होने पर दही और छाछ का सेवन लाभकारी होता है। कब्ज होने पर दिन में एक बार छाछ पीने से लाभ मिलेगा।

क्या पत्थरचट्टा (Kalanchoe pinnata) का बवासीर में उपयोग किया जा सकता है?

हां, आप पत्थरचट्टा का उपयोग कर सकते है, क्योंकि आयुर्वेद में इसे बवासीर का एक मुख्य इलाज माना गया है। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।

क्या बवासीर जानलेवा बीमारी है?

नहीं, यह जानलेवा नहीं है, लेकिन असुविधाजनक जरूर है, इसलिए इस स्थिति में परहेज बहुत ज़रूरी है।

बवासीर में ईसबगोल कैसे खाना चाहिए?

बवासीर में 1-2 चम्मच ईसबगोल को पीएं या छाछ के साथ लें, इससे लाभ ज़रूर मिलेगा।

क्या बवासीर मृत्यु का कारण बन सकता है?

सामान्य बवासीर से मृत्यु नहीं होती है, लेकिन संक्रमण या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। कोलोन कैंसर इस समस्या से होने वाली एक गंभीर बीमारी है।

क्या वंशानुगत बवासीर ठीक हो सकती है?

हां, सही इलाज और जीवनशैली में नियंत्रण से इस स्थिति को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।

कौन सा बवासीर खतरनाक है?

बाहरी बवासीर (Thrombosed hemorrhoids) ज्यादा दर्दनाक और खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि इसके कारण व्यक्ति को अधिक असहजता का सामना करना पड़ता है।

बवासीर में क्या खाना चाहिए?

बवासीर में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए - 

  • ताजे फल और हरी सब्जियां
  • ओट्स, ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज
  • दालें और फाइबर युक्त खाना
  • छाछ
  • नमक और मसाले कम करें

Written and Verified by:

Dr. B D Soni

Dr. B D Soni

Consultant Exp: 7 Yr

GastroIntestinal Surgery

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