बवासीर जेनेटिक बीमारी हो सकती है, लेकिन सही जीवनशैली, आहार और समय पर देखभाल से इसे रोका या नियंत्रित किया जा सकता है। यदि परिवार में इसकी हिस्ट्री है, तो नियमित जांच और घरेलू उपायों के साथ विशेषज्ञ से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
बार-बार गुदा से रक्त बहना या फिर उठने बैठने में समस्या बवासीर की समस्या के कुछ प्रमुख कारण है। लेकिन कई बार यह प्रश्न उठता है कि क्या बवासीर की समस्या जेनेटिक या आनुवंशिकी बीमारी है? बवासीर की वजह से होती असुविधा और दर्द किसी के भी जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि क्या यह समस्या आपके परिवार से जुड़ी हुई है?
इस प्रश्न का उत्तर हम इस ब्लॉग की मदद से ढूंढेंगे। इसके अतिरिक्त इस ब्लॉग से हम इसके कारण और जोखिम कारकों के साथ-साथ इसके कुछ प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे, जिससे कोई भी इस समस्या से स्वयं राहत पा सकता है। यदि बवासीर आपके जीवन को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, तो सबसे पहला काम आप हमारे विशेषज्ञों से परामर्श करें और इलाज लें।
बवासीर (Hemorrhoids या piles) एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली बीमारी है, जिसमें गुदा या मलाशय के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण दर्द, खुजली, और खून आने जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ और लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि -
यह समस्या हर उम्र के लोगों में हो सकती है, लेकिन खासकर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच यह समस्याएं अधिक होती हैं। यही कारण है कि इस उम्र में आपको अपना ख्याल अधिक रखना होता है। चलिए किस उम्र में बवासीर की समस्या अधिक परेशान करती है, उसे इस चार्ट की मदद से समझने का प्रयास करते हैं -
कई लोगों के मन में यह प्रश्न उठता होगा कि क्या बवासीर की समस्या एक जेनेटिक रोग है? चलिए इसके गणित को समझते हैं। कई लोग सोचते हैं कि बवासीर पूरी तरह से जेनेटिक होता है। दरअसल, बवासीर के लिए जेनेटिक प्रवृत्ति एक कारक हो सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। यदि आपके परिवार में बवासीर की फैमिली हिस्ट्री है, तो इससे जोखिम कई गुणा बढ़ जाता है। यहीं पर जीवनशैली और आहार भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
यदि आपके घर परिवार में किसी को भी बवासीर की समस्या है और आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हैं, तो आप बवासीर की समस्या से कोसों दूर रह सकते हैं। लेकिन बवासीर की समस्या को शुरुआती स्टेज पर सही देखभाल और उपायों से आसानी से रोका जा सकता है।
परिवार में बवासीर होने पर इस बात की संभावना अधिक है कि आप भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं। रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि जिन लोगों के माता-पिता या भाई-बहन को बवासीर होता है, उनमें यह बीमारी होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में लगभग 20-30% अधिक होता है।
लेकिन यह खतरा सिर्फ आनुवंशिकता तक सीमित नहीं है। साथ ही खराब आहार, कब्ज, लंबे समय तक बैठना, और शारीरिक गतिविधि की कमी जैसे कारक भी इस खतरे को बढ़ाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि निष्क्रिय जीवनशैली से जितनी दूरी आप बनाएंगे उतना भला आपका होगा।
बवासीर के खतरे को कई कारण बढा सकते हैं जैसे कि -
निम्न आसान एवं प्रभावी उपाय आपको बवासीर की समस्या से दूर रख सकती है -
यदि बवासीर की समस्या आपको हो गई है, और समस्या का अभी शुरुआती चरण है, तो निम्न उपायों का पालन करें -
यदि आपके घर परिवार में किसी को भी बवासीर की समस्या है या फिर बवासीर की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री रही है, तो आपको निम्न बातों का खास ख्याल रखना चाहिए -
बवासीर का इलाज आसान है, लेकिन सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। शुरुआती अवस्था में घरेलू उपाय और खानपान सुधार से आराम मिल सकता है। यदि समस्या ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर दवाएं या लेजर थेरेपी का सुझाव भी दे सकते हैं।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय-समय पर Sitz bath लेना बवासीर का रामबाण इलाज माना जा सकता है।
बवासीर एक आम लेकिन कभी-कभी असुविधाजनक समस्या है। यह जेनेटिक समस्या हो सकती है, लेकिन सही देखभाल बवासीर की समस्या को मैनेज करने में मदद कर सकती है। यदि आपके परिवार में बवासीर की फैमिली हिस्ट्री है, तो नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। अब बवासीर से डरना नहीं, बल्कि जागरूक होकर सही कदम उठाना है।
यदि आपको या आपके परिवार को बवासीर की समस्या है, तो हमारे विशेषज्ञों से अभी संपर्क करें और सही इलाज शुरू करें।
बवासीर की समस्या होने पर दही और छाछ का सेवन लाभकारी होता है। कब्ज होने पर दिन में एक बार छाछ पीने से लाभ मिलेगा।
हां, आप पत्थरचट्टा का उपयोग कर सकते है, क्योंकि आयुर्वेद में इसे बवासीर का एक मुख्य इलाज माना गया है। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।
नहीं, यह जानलेवा नहीं है, लेकिन असुविधाजनक जरूर है, इसलिए इस स्थिति में परहेज बहुत ज़रूरी है।
बवासीर में 1-2 चम्मच ईसबगोल को पीएं या छाछ के साथ लें, इससे लाभ ज़रूर मिलेगा।
सामान्य बवासीर से मृत्यु नहीं होती है, लेकिन संक्रमण या अन्य जटिलताएं हो सकती हैं। कोलोन कैंसर इस समस्या से होने वाली एक गंभीर बीमारी है।
हां, सही इलाज और जीवनशैली में नियंत्रण से इस स्थिति को आसानी से मैनेज किया जा सकता है।
बाहरी बवासीर (Thrombosed hemorrhoids) ज्यादा दर्दनाक और खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि इसके कारण व्यक्ति को अधिक असहजता का सामना करना पड़ता है।
बवासीर में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए -
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