यदि आप भी कूल्हे में दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, या फिर ऑस्टियोपोरोसिस जैसे गंभीर समस्या से परेशान है, तो इस ब्लॉग से आपको अपनी समस्या का हल मिल जाएगा।
लंबे समय से कूल्हे में दर्द, गठिया, चलने में समस्या या शरीर के निचले भाग में कमजोरी संकेत देता है कि अब आपको कूल्हे बदलने की सर्जरी की आवश्यकता है। सामान्य तौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस या किसी गहरी चोट के इलाज के लिए ही डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का सुझाव देते हैं। इन सभी स्थितियों में कूल्हे का दर्द असहनीय हो जाता है, जिसका कारण जोड़ का क्षतिग्रस्त होना है।
यदि आप भी कूल्हे में दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, या फिर ऑस्टियोपोरोसिस जैसे गंभीर समस्या से परेशान है, तो इस ब्लॉग से आपको अपनी समस्या का हल मिल जाएगा। लेकिन किसी भी प्रकार की समस्या या फिर रोग के इलाज के लिए हम सलाह देंगे कि आप सबसे पहले एक अच्छे हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें ओर्थोपेडिक सर्जन क्षतिग्रस्त जोड़ को आर्टिफिशियल इंप्लांट से बदल देते हैं। सफल सर्जरी के बाद रोगी के जोड़ों की कार्यक्षमता फिर से बहाल हो जाती है और वह सभी लक्षणों से मुक्त भी हो जाते हैं। हिप रिप्लेसमेंट का सुझाव जॉइंट आर्थराइटिस या नेक्रोसिस के रोगियों को दिया जाता है। इस दर्द के कारण रोगी को चलने-फिरने और कुछ दैनिक कार्यों को करने में समस्या आ सकती है। ऑपरेशन के दौरान सर्जन प्रभावित जोड़ को बदलते हैं।
टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का सुझाव डॉक्टर सबसे गंभीर मामलों में ही देते हैं। सबसे पहले डॉक्टर कुछ दवाओं और डीकंप्रेशन तकनीक का प्रयोग करके स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। यदि स्थिति फिर भी नियंत्रित नहीं होती है तो फिर टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का सुझाव दिया जाता है।
मुख्यतः हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी दो प्रकार की होती हैं -
निम्न स्थितियों वाले रोगियों में हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है -
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य स्थितियों में भी टोटल हिप रिप्लेसमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है जैसे -
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद रिकवरी में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। सर्जरी के प्रकार के आधार पर रिकवरी की टाइमलाइन अलग-अलग होती है। आमतौर पर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद अलग-अलग चरणों में रोगी रिकवर होता है जैसे -
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद जीवन की ट्रेन को सही ट्रैक पर लाने के लिए कुछ सावधानियों का पालन किया जाना चाहिए। निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करने से रोगी को बहुत मदद मिल सकती है -
इसके अतिरिक्त कुछ और बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे -
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे - शहर, अस्पताल, सर्जन का अनुभव, सर्जरी का प्रकार, इम्प्लांट का प्रकार, इत्यादि। भारत में हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का औसत खर्च ₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक होता है। कूल्हे की सर्जरी में कितना खर्च आएगा इसका पता डॉक्टर से मिलकर ही चलेगा।
हिप रिप्लेसमेंट प्रक्रिया के बाद डॉक्टर अक्सर फिजियोथेरेपी का सुझाव देते है। ऐसा करने से ऑपरेशन के बाद रिकवरी तेज होती है। इस थेरेपी से जटिलताओं का खतरा भी कम होता है।
बाएं कूल्हे में दर्द के कई कारण होते हैं जैसे -
बाएं कूल्हे में दर्द का कारण जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर शारीरिक परीक्षा करेंगे और कुछ टेस्ट करवाएंगे जैसे एक्स-रे, एमआरआई, या सीटी स्कैन।
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