पित्त की पथरी के लिए बेस्ट फूड ऑप्शन यहां जानिए
Home >Blogs >पित्त की पथरी के लिए बेस्ट फूड ऑप्शन यहां जानिए

पित्त की पथरी के लिए बेस्ट फूड ऑप्शन यहां जानिए

Summary

पित्त की पथरी (Gallstones) एक पाचन तंत्र से संबंधित विकार है, जिसमें पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है। आम तौर पर, लीवर में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को घोलने में सक्षम होते हैं।

पित्त की पथरी (Gallstones) एक पाचन तंत्र से संबंधित विकार है, जिसमें पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है। आम तौर पर, लीवर में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को घोलने में सक्षम होते हैं। यदि किसी भी कारणवश लीवर अपना यह कार्य नहीं कर पाता है, तो शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है, और यही अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल और अंततः पथरी में बदल जाता है। 

इसके साथ-साथ पित्त की पथरी के लक्षणों में पेट के ऊपरी दाहिने भाग में दर्द, मतली, उल्टी और गैस की समस्या होती है। कुछ गंभीर मामलों में पित्त की नलिकाएं अवरुद्ध हो जाती है, जिससे पीलिया जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए खान-पान बहुत ध्यान दिया जाना चाहिए। चलिए पित्त की पथरी के लिए बेस्ट फूड और वर्स्ट फूड के बारे में जानते हैं। 

पित्त की पथरी के लिए बेस्ट फूड -

आहार में कुछ बदलाव करके कोई भी पित्त की पथरी को रोकने और उनसे जुड़े लक्षणों को कम कर सकता है। चलिए सबसे पहले जानते हैं कि पित्त की पथरी के लिए बेस्ट फूड कौन से हैं - 

  • फल और सब्जियां: फल और सब्जियां फाइबर, विटामिन और खनिजों का सबसे उत्तम स्रोत है। यह पोषक तत्व पित्त की पथरी के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। सेब, नाशपाती, खरबूज, पालक, गाजर, इत्यादि को अपने आहार में शामिल करें। 
  • होल ग्रेन:होल ग्रेन फाइबर का एक और अच्छा स्रोत है। यदि आप फाइबर को अपने आहार में जोड़ते हैं तो पित्त की पथरी के विकास का जोखिम बहुत कम हो जाता है। विशेष रूप से जई, भूरा चावल, जौ, इत्यादि को अपने आहार में जोड़ें।
  • स्वस्थ वसा: हेल्दी फैट जैसे मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, पित्त पथरी के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। विशेष रूप से जैतून के तेल, अखरोट, और एवोकाडो को अपने आहार में शामिल करें।
  • कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट: कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट कैल्शियम और विटामिन डी का अच्छा स्रोत है। इन दोनों आवश्यक पोषक तत्व का सेवन पित्त की पथरी के विकास के जोखिम को कम कर सकता है।
  • पानी: पानी का मुख्य कार्य शरीर को हाइड्रेट रखना है और पित्त को पतला करने में मदद करना है। इससे पथरी बनने की संभावना बहुत कम हो जाती है। प्रयास करें कि आप एक दिन में कम से कम 2.5 लीटर पानी पीएं। 

पित्त की पथरी के लिए वर्स्ट फूड -

जैसे कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से पित्त की पथरी की समस्या से आराम मिल सकता है, उसी प्रकार कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है जैसे - 

  • तला हुआ और वसायुक्त भोजन: इस प्रकार के खाद्य पदार्थ पित्त नलिकाओं में संकुचन पैदा कर सकते हैं, जिसके कारण पित्त शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है और पथरी बनने का खतरा लगातार बना रहता है। फ्रेंच फ्राइज, तला हुआ चिकन, मक्खन से भरपूर भोजन, तली हुई सब्जियों से दूरी बनाएं।
  • रिफाइंड कार्ब्स:वाइट ब्रेड, पास्ता, चावल और मिठाइयां जैसे रिफाइंड कार्ब्स शरीर में ग्लूकोज के स्तर को तेजी से बढ़ता है। इसके कारण शरीर अधिक इंसुलिन का निर्माण करते हैं, जिसका सीधा प्रभाव कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर पड़ता है। अंततः पित्त की पथरी का निर्माण हो जाता है।
  • रेड मीट: रेड मीट में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है, जिसका सीधा संबंध पित्त की पथरी के विकास से होता है। 
  • प्रोसेस्ड मीट: हॉट डॉग, सॉसेज, बैकन और सलामी जैसे प्रोसेस्ड मीट में अक्सर सैचुरेटिड फैट, सोडियम और फूड प्रिसर्वेशन अधिक मात्रा में होता है। यह सभी पित्त की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • हाई फैट वाले डेयरी उत्पाद: हाई फैट वाले दूध, पनीर और आइसक्रीम जैसे डेयरी प्रोडक्ट में सैचुरेटेड फैट अधिक होता है। इसका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।
  • शर्करा युक्त पेय पदार्थ: सोडा, जूस और स्पोर्ट्स ड्रिंक में अतिरिक्त चीनी होती है, जिसका मुख्य कार्य शरीर का वजन बढ़ाना है, जो पित्त की पथरी का निर्माण करता है। 

निष्कर्ष -

ऊपर बताए गए चीजों के अतिरिक्त कुछ और भी महत्वपूर्ण बातें होती हैं, जिनका खास ख्याल रखना होता है जैसे - 

  • हर कुछ समय में हल्का भोजन करें
  • आराम आराम से खाना खाएं
  • रोजाना व्यायाम करें

इन आहार संबंधित टिप्स के साथ-साथ अपने डॉक्टर के दिशा-निर्देशों का भी अवश्य ख्याल रखें। यदि आपको पित्त की पथरी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द से जल्द लैप्रोस्कोपिक सर्जन से परामर्श लें।

पित्त की पथरी से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

पित्त की पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है?

पित्त की पथरी के ऑपरेशन को मेडिकल भाषा में कोलेसिस्टेक्टॉमी कहा जाता है। यह दो तरीकों से होता है - 

  • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी: छोटे चीरों के माध्यम से कैमरा और उपकरणों का उपयोग करके पित्त की थैली को ही निकाल लिया जाता है। 
  • ओपन सर्जरी: पेट में एक बड़ा चीरा लगाकर पित्त की थैली को हटाया जाता है। इसे ओपन कट सर्जरी भी कहा जाता है।

क्या पित्त की थैली से पथरी निकल सकती है?

छोटी पथरी जिनका आकार 1 सेमी से कम होता है उन्हें कभी-कभी दवाओं या ईआरसीपी - ERCP (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड चोलैंगियो पैराग्राफ - Endoscopic retrograde cholangiopancreatography) नामक प्रक्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकल सकती हैं। यदि इसका आकार बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो पित्त की पथरी के इलाज के लिए पित्त की थैली को ही निकालने की आवश्यकता होती है। 

पित्त की पथरी का ऑपरेशन कब करवाना चाहिए?

यदि पित्त की पथरी के कारण बार-बार दर्द, पित्त नली में रुकावट या अन्य जटिलताएं होती हैं, तो ऑपरेशन का ही सुझाव दिया जाता है। 

पित्त की पथरी का दर्द कहाँ होता है?

पित्त की पथरी का दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी दाएं भाग, दाहिने कंधे या पीठ के बीच में होता है। यह दर्द अचानक और तेज होता है और यह एक व्यक्ति को कई घंटों तक परेशान कर सकता है।

Written and Verified by:

Dr. Abhinav Sharma

Dr. Abhinav Sharma

Director Exp: 16 Yr

Gastroenterology

Book an Appointment

Similar Blogs

Gastrologist Or Gastroenterologist? - Know The Difference

Gastrologist Or Gastroenterologist? - Know The Difference

read more
दस्त (डायरिया): लक्षण, कारण और असरदार घरेलू इलाज

दस्त (डायरिया): लक्षण, कारण और असरदार घरेलू इलाज

read more
बवासीर में परहेज क्यों जरूरी है? देखें, बवासीर में क्या खाना चाहिए

बवासीर में परहेज क्यों जरूरी है? देखें, बवासीर में क्या खाना चाहिए

read more
कमजोर लीवर के लक्षण, कारण, और उपचार

कमजोर लीवर के लक्षण, कारण, और उपचार

read more

View more

Book Your Appointment TODAY

Treatments in Jaipur

Gastro Science Doctors in Jaipur

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now