पैनिक अटैक क्या होता है? - कारण, लक्षण और इलाज
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पैनिक अटैक क्या होता है? - कारण, लक्षण और इलाज

Summary

पैनिक अटैक एक बहुत ही भयावह स्थिति है, जिसका प्रभाव बच्चों पर भी देखा गया है। इस स्थिति को उचित इलाज के साथ ठीक किया जा सकता है। अटैक को ट्रिगर करने वाली स्थिति का पता चलते ही इस रोग का इलाज किया जा सकता है।

खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई तरह की बीमारियां के गिरफ्त में आ रहे हैं। आजकल पैनिक अटैक भी एक तेजी से बढ़ती बीमारी साबित हो रही है। अचानक बहुत तेज दर्द और बेचैनी पैनिक अटैक के लक्षण हैं। इसके अतिरिक्त हृदय गति तेज़ होना, सांस लेने में कठिनाई, और डर की भवना जैसे लक्षण भी पैनिक अटैक के मुख्य लक्षण है। यदि यह लक्षण आपको भी दिखते और प्रभावित कर रहे हैं, तो यह पैनिक अटैक का संकेत है। इस स्थिति को प्रबंधित करने के लिए कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी ज़रूर होनी चाहिए। इसकी जानकारी आपको इस ब्लॉग से मिल जाएगी। पैनिक अटैक के प्रबंधन के लिए आप हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद करने में सक्षम हैं।

पैनिक अटैक क्या है

पैनिक अटैक भय और चिंता की एक तीव्र भावना है। सरल भाषा में कहा जाए तो यह अक्सर तब होता है, जब लोग अपने जीवन में होने वाली किसी घटना को लेकर चिंतित होते हैं या उन्होंने कुछ कठिन या तनावपूर्ण अनुभव का सामना करना पड़ता है। 

पैनिक अटैक एक बहुत ही भयावह स्थिति है, जिसका प्रभाव बच्चों पर भी देखा गया है। इस स्थिति को उचित इलाज के साथ ठीक किया जा सकता है। अटैक को ट्रिगर करने वाली स्थिति का पता चलते ही इस रोग का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए आपको एक अनुभवी और श्रेष्ठ मनोचिकित्सक से मिलने की आवश्यकता होगी। 

पैनिक अटैक के प्रकार

पैनिक अटैक तीन प्रकार होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया है -

  • अप्रत्याशित या अनएक्सपेक्टिड पैनिक अटैक: अप्रत्याशित पैनिक अटैक वह स्थिति है, जिसमें किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं। इस प्रकार के पैनिक अटैक किसी भी स्थिति से संबंध नहीं रखते हैं। 
  • सिचुवेशन पैनिक अटैक: स्थितिगत या सिचुवेशन पैनिक अटैक में किसी स्थिति या फिर किसी खास कारण से अटैक आता है। उदाहरण के लिए कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से बोलने या बोलने के विचार से ही पैनिक अटैक आ जाता है। 
  • सिचुवेशन संवेदनशील पैनिक अटैक: सिचुवेशन संवेदनशील पैनिक अटैक वह स्थिति है, जो परिस्थिति से सम्बंधित होता है, लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं होता कि उस स्थिति के तुरंत बाद आपको पैनिक अटैक आए। इस तरह के पैनिक अटैक सामान्य तौर पर किसी खास तरह के स्थिति के संपर्क में आने के आधे घंटे बाद तक शुरू हो सकता है।

पैनिक अटैक क्यों होता है

पैनिक अटैक के कई कारण होते हैं जैसे - 

  • बच्चपन के बुरे अनुभव: कुछ बच्चे बचपन में ऐसी घटनाओं का शिकार हो जाते हैं, जिससे भविष्य में उनको बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। वह उन घटनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, जिससे उस घटना के बारे में विचार करने मात्र से भी उन्हें पैनिक अटैक आ जाता है। 
  • फैमली हिस्ट्री: यदि घर परिवार में किसी को पैनिक अटैक आता है या पानिक डिसऑर्डर है, तो इस बात की अधिक संभावना कि आपको भी पैनिक डिसऑर्डर परेशान करे। 
  • मानसिक स्वास्थ्य स्थिति: डिप्रेशन, चिंता या अन्य मानसिक बीमारी पैनिक अटैक के मुख्य कारण है। इन सभी स्थितियों में रोगी को एक मनोचिकित्सक से जल्द से जल्द मिलना चाहिए। 
  • हाइपरवेंटिलेशन (अतिवातायनता): रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में बदलाव शरीर में गैस की मात्रा में असंतुलन लाता है, जिससे पैनिक अटैक की स्थिति उत्पन्न होती है। 
  • पर्यावरण में बदलाव: भीड़भाड़ वाले इलाके में अधिक समय तक रहने या बंद कमरे में रहने से पैनिक डिसऑर्डर आ सकता है। 
  • अत्यधिक व्यायाम: अत्यधिक व्यायाम शरीर में रक्त की मात्रा को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है, जिससे पैनिक अटैक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। 

पैनिक अटैक के लक्षण

आमतौर पर पैनिक अटैक की स्थिति में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे कई मामलों में देखा गया है कि जहां कहीं घूमते या फिर परिवार के साथ समय बिताते समय पैनिक अटैक आ जाता है। हालांकि कुछ लक्षण हैं जो पैनिक अटैक संकेत दे सकते हैं जैसे - 

  • आने वाले खतरे की भावना पहले से आना
  • लगातार मृत्यु का भय रहना
  • हृदय गति का तेज़ होना
  • पसीना आना और कांपना
  • सांस फूलना और ठंड लगना
  • चेहरे, गर्दन, कान और शरीर में गर्माहट महसूस होना जो लगातार बना रहे
  • मतली या जी मिचलाना
  • पेट में ऐंठन या दर्द
  • छाती और सिर में दर्द
  • चक्कर आना और बेहोशी
  • गले में खिंचाव 
  • निगलने या खाना खाने में परेशानी।

पैनिक अटैक की एक सबसे बुरी बात यह है कि रोगी को इस स्थिति के बार बार उत्पन्न होने का भय सताता रहता है। 

पैनिक अटैक के नुकसान

पैनिक अटैक के लक्षण सामान्यतः किशोरावस्था या जीवन के शुरुआती चरण में दिखने शुरु हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करते हैं। पैनिक अटैक के निम्नलिखित नुकसान हैं - 

  • अत्यधिक तनाव या डिप्रेशन
  • फोबिया का बनना जैसे ड्राइविंग या अपना घर छोड़ना
  • लोगों के सामने जाने से बचना
  • काम या पढ़ाई में समस्या
  • आत्महत्या या आत्मघाती विचारों का अधिक जोखिम
  • शराब की लत या ड्रग्स का सेवन
  • आर्थिक समस्याएं

पैनिक अटैक का इलाज और बचाव

पैनिक अटैक से बचने के लिए जल्द से जल्द इलाज बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त यदि इलाज के दौरान पैनिक अटैक आता है, तो उपचार बिल्कुल न छोड़ें। शारीरिक व्यायाम आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। 

पैनिक अटैक की स्थिति में थेरेपी और दवाएं दोनों का प्रयोग होता है। किस प्रक्रिया का प्रयोग होगा यह रोगी की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। 

थेरेपी के दौरान मनोचिकित्सक रोगी के विचारों के बारे में बात करते हैं और उन्हें सिखाया जाता है कि वह कैसे इस स्थिति से बच सकते हैं और पैनिक अटैक की स्थिति को समझकर उनका सामना कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ पैनिक अटैक के इलाज में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का प्रयोग होता है। कुछ साल्ट की दवाओं का प्रयोग डॉक्टर करते हैं जैसे - 

  • फ्ल्युकसेटाइन (Fluoxetine)
  • पैरोक्सेटाइन (Paroxetine)
  • सरट्रलाइन (Sertraline)

इन दवाओं और थेरेपी के साथ साथ कुछ उपायों का सुझाव डॉक्टर देते हैं जैसे - 

  • अपने दैनिक जीवन शैली को बदलें।
  • नियमित व्यायाम करें
  • पर्याप्त नींद लें
  • कैफीन का उपयोग करने से बचें

पैनिक अटैक से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या पैनिक अटैक जानलेवा है?

नहीं, पैनिक अटैक जानलेवा नहीं है। पैनिक अटैक एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है, जो अचानक और अप्रत्याशित रूप से होता है। हालांकि पैनिक अटैक के कारण मृत्यु जैसा लगता है, लेकिन यह स्थिति जानलेवा नहीं है।

पैनिक अटैक में क्या खाना चाहिए?

पैनिक अटैक के दौरान, व्यक्ति को हाइड्रेटेड रहना चाहिए और अपने शरीर में पर्याप्त ऊर्जा को बनाए रखना चाहिए। पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए - 

  • पानी या अन्य हाइड्रेटेड पेय पदार्थ
  • साधारण कार्बोहाइड्रेट, जैसे कि ब्रेड, अनाज, या फल
  • प्रोटीन, जैसे कि अंडा, पनीर, या मांस

पैनिक अटैक में क्या नहीं खाना चाहिए?

पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को निम्नलिखित खाद्य पदार्थ से दूरी बनानी चाहिए - 

  • कैफीनयुक्त पेय पदार्थ, जैसे कि कॉफी, चाय, या सोडा
  • शराब
  • जंक फूड

Written and Verified by:

Mrs. Aparna Ladha Somani

Mrs. Aparna Ladha Somani

Consultant Clinical Psychologist Exp: 5 Yr

Psychiatry

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