खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई तरह की बीमारियां के गिरफ्त में आ रहे हैं। आजकल पैनिक अटैक भी एक तेजी से बढ़ती बीमारी साबित हो रही है। अचानक बहुत तेज दर्द और बेचैनी पैनिक अटैक के लक्षण हैं। इसके अतिरिक्त हृदय गति तेज़ होना, सांस लेने में कठिनाई, और डर की भवना जैसे लक्षण भी पैनिक अटैक के मुख्य लक्षण है। यदि यह लक्षण आपको भी दिखते और प्रभावित कर रहे हैं, तो यह पैनिक अटैक का संकेत है। इस स्थिति को प्रबंधित करने के लिए कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी ज़रूर होनी चाहिए। इसकी जानकारी आपको इस ब्लॉग से मिल जाएगी। पैनिक अटैक के प्रबंधन के लिए आप हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद करने में सक्षम हैं।
पैनिक अटैक भय और चिंता की एक तीव्र भावना है। सरल भाषा में कहा जाए तो यह अक्सर तब होता है, जब लोग अपने जीवन में होने वाली किसी घटना को लेकर चिंतित होते हैं या उन्होंने कुछ कठिन या तनावपूर्ण अनुभव का सामना करना पड़ता है।
पैनिक अटैक एक बहुत ही भयावह स्थिति है, जिसका प्रभाव बच्चों पर भी देखा गया है। इस स्थिति को उचित इलाज के साथ ठीक किया जा सकता है। अटैक को ट्रिगर करने वाली स्थिति का पता चलते ही इस रोग का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए आपको एक अनुभवी और श्रेष्ठ मनोचिकित्सक से मिलने की आवश्यकता होगी।
पैनिक अटैक तीन प्रकार होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया है -
पैनिक अटैक के कई कारण होते हैं जैसे -
आमतौर पर पैनिक अटैक की स्थिति में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे कई मामलों में देखा गया है कि जहां कहीं घूमते या फिर परिवार के साथ समय बिताते समय पैनिक अटैक आ जाता है। हालांकि कुछ लक्षण हैं जो पैनिक अटैक संकेत दे सकते हैं जैसे -
पैनिक अटैक की एक सबसे बुरी बात यह है कि रोगी को इस स्थिति के बार बार उत्पन्न होने का भय सताता रहता है।
पैनिक अटैक के लक्षण सामान्यतः किशोरावस्था या जीवन के शुरुआती चरण में दिखने शुरु हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करते हैं। पैनिक अटैक के निम्नलिखित नुकसान हैं -
पैनिक अटैक से बचने के लिए जल्द से जल्द इलाज बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त यदि इलाज के दौरान पैनिक अटैक आता है, तो उपचार बिल्कुल न छोड़ें। शारीरिक व्यायाम आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
पैनिक अटैक की स्थिति में थेरेपी और दवाएं दोनों का प्रयोग होता है। किस प्रक्रिया का प्रयोग होगा यह रोगी की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
थेरेपी के दौरान मनोचिकित्सक रोगी के विचारों के बारे में बात करते हैं और उन्हें सिखाया जाता है कि वह कैसे इस स्थिति से बच सकते हैं और पैनिक अटैक की स्थिति को समझकर उनका सामना कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ पैनिक अटैक के इलाज में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का प्रयोग होता है। कुछ साल्ट की दवाओं का प्रयोग डॉक्टर करते हैं जैसे -
इन दवाओं और थेरेपी के साथ साथ कुछ उपायों का सुझाव डॉक्टर देते हैं जैसे -
नहीं, पैनिक अटैक जानलेवा नहीं है। पैनिक अटैक एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है, जो अचानक और अप्रत्याशित रूप से होता है। हालांकि पैनिक अटैक के कारण मृत्यु जैसा लगता है, लेकिन यह स्थिति जानलेवा नहीं है।
पैनिक अटैक के दौरान, व्यक्ति को हाइड्रेटेड रहना चाहिए और अपने शरीर में पर्याप्त ऊर्जा को बनाए रखना चाहिए। पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए -
पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को निम्नलिखित खाद्य पदार्थ से दूरी बनानी चाहिए -
Call CMRI For Emergencies
08062136598
Available 24*7
Call CMRI For Appointments
08062136595
Available 24*7
Map and Directions
Get DirectionsAuthorization Committee Meeting | Total Transplant | Statutory Compliances | Tariff and Rates | Rate of stent and ortho | Bone bank | Department of Nursing | CMRI School of Nursing | Privacy Policy | Terms of Services | Cookies Policy | Study Protocol DOXPREVENT
© 2024 CMRI Kolkata. All Rights Reserved.