Internal Medicine | by Dr. Sujoy Mukherjee | Published on 14/02/2024
वर्तमान में लोगों का जीवन बहुत व्यस्त हो गया है। इस समय के दौरान लोग अपने लिए जरा सा भी समय नहीं निकाल पाते हैं। सुबह जल्दी उठने से लेकर रात में सोने तक मानव जीवन गंभीर रूप से बदल गया है, जिसके कारण व्यक्ति के शरीर को बिल्कुल भी आराम नहीं मिल पाता है। इसी कारणवश लोगों को जन्म से ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दिन भर काम और निष्क्रिय जीवन शैली एक व्यक्ति को बहुत सुस्ती और थकान से भर देता है। लगातार थकान शरीर को कमजोर करने लगेगा, जिसके कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है। इस ब्लॉग में हम शरीर में सुस्ती और थकान दूर करने के उपाय बताएंगे, जिससे आपको बहुत मदद मिलेगी।
नोट: यह सारे उपाय कई लोगों के लिए लाभकारी साबित हुए हैं। यदि आप सुस्ती और थकान के साथ किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे विशेषज्ञों से या फिर एक अनुभवी इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर से संपर्क करें।
अकसर ऐसा देखा गया है कि काम के अतिरिक्त बोझ और बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण लोगों को सुस्ती और थकान का अनुभव होता है। कई बार ऐसा लग सकता है कि आप सिर्फ काम के पीछे भाग रहे हैं और काम खत्म नहीं हो रहा है। इन सब की वजह से आपको हर समय थकान का अनुभव हो सकता है।
सुस्ती के सामान्य कारण इस प्रकार हैं -
आपको डरने की आवश्यकता नहीं है। आप अकेले इस स्थिति का सामना नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में कई लोग इस स्थिति का सामना कर रहे हैं जो इसे एक आम समस्या बनाता है। चलिए सुस्ती और थकान दूर करने के उपाय के बारे में जानते हैं।
उपायों से पहले यह जान लेते हैं कि शरीर में सुस्ती से संबंधित समस्याएं कौन-कौन सी हैं। कई मामलों में देखा गया है कि सुस्ती और थकान कुछ प्रमुख बीमारियों का संकेत देते है जैसे -
कुछ उपायों की सहायता से शरीर की सुस्ती को दूर किया जा सकता है जैसे -
डॉक्टर इलाज से पहले कुछ जांच करवाते हैं, जैसे ब्लड टेस्ट और मूत्र परीक्षण। डॉक्टर जांच के परिणाम के आधार पर इलाज की योजना बनाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जांच के बाद सुस्ती और थकान के कारण का पता चलता है, जिसके अनुसार इलाज की योजना बनाई जाती है। यदि किसी चिकित्सा रोग के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है, तो डॉक्टर उस रोग का इलाज करते हैं।
वहीं कुछ मामलों में यह मनोवैज्ञानिक कारणों से होता है, जिसका इलाज भी उसी के अनुसार होता है। सामान्यतः ऊपर कुछ उपायों को बताया गया है, जिनका पालन करने से थकान और सुस्ती से राहत मिल सकती है।
हम आपको सलाह देंगे कि बिना इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर से परामर्श लिए किसी भी दवा का सेवन न करें। यदि डॉक्टर किसी भी दवा के सेवन का सुझाव देते हैं तो उनका सेवन समय पर करें और एक भी डोज को मिस न करें।
थकान और आलस के कई कारण है, लेकिन तनाव, पर्याप्त नींद न मिलना, अस्वस्थ आहार और निष्क्रिय जीवन शैली इसके मुख्य कारण है। बिना सोचे समझे किसी भी उपाय का पालन न करें। प्रयास करें कि सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लें और उनके सुझाव के आधार पर ही कोई उपाय या फिर इलाज लें।
व्यायाम एक बहुत ही लाभकारी उपाय है। इसके कारण रोगी को कई लाभ होता है और वह आलस्य से भी दूर हो सकता है। रोजाना कुछ मिनटों का व्यायाम आपके ऊर्जा को बढ़ा सकता है और व्यवहार में भी सुधार कर सकता है। थकान और आलस्य से बचने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम अपनी जीवनशैली में जोड़ें।
सुस्ती को भगाने के निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से बहुत लाभ मिलेगा -