हर्पीस वायरस से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता, मजबूत इम्यूनिटी, और सुरक्षित यौन संबंध महत्वपूर्ण हैं। लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें; समय पर डॉक्टर से परामर्श और उपचार संक्रमण को नियंत्रित करने व फैलने से रोकने में मदद करता है।
हर साल लाखों लोग त्वचा संबंधित समस्या का सामना करते हैं। सभी त्वचा संबंधित समस्या में से लगभग 12% मामले हर्पीस वायरस के होते हैं। यह आंकड़े खतरनाक नहीं है, लेकिन खतरनाक यह है कि लोग इस स्वास्थ्य समस्या को मामूली छाले या खुजली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। कई परिवारों में यह बीमारी छिपी रह जाती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते जैसे कि शर्म (इसके बारे में ब्लॉग में बताएंगे) या जानकारी का अभाव।
यहां आपको एक बात समझनी पड़ेगी कि हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (HSV) छुपाने से नहीं, सही इलाज और सही सावधानी से मैनेज हो सकती है। यदि आपके या आपके अपने किसी भी परिवार के लोगों के होंठ, मुंह या गुप्तांगों के पास बार-बार दर्दनाक फफोले, खुजली या घाव हो रहे हैं, तो यह समझें कि यह कोई सामान्य इंफेक्शन नहीं है, यह हर्पीस बीमारी है। घबराएं नहीं! सही कदम उठाकर आप खुद को भी सुरक्षित रख सकते हैं और अपने परिवार के लोगों को भी।
यदि आपको लगता है कि आप या आपका कोई करीबी हर्पीस डिजीज से परेशान है, तो आज ही सही सलाह लें। इसके लिए आप हमारे त्वचा विशेषज्ञ से भी मिल सकते हैं। समय रहते इलाज ही सबसे बड़ा बचाव है।
चलिए सबसे पहले जानते हैं कि हर्पीस क्या होता है? हर्पीस एक वायरल बीमारी है, जो हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस (HSV) के कारण होने वाला एक त्वचा रोग है। यदि यह वायरस शरीर के नर्वस सिस्टम में एक बार चला जाए तो कई सालों तक छिपा रह सकता है और आपके शरीर के इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर यह तुरंत हमला कर देता है।
दो मुख्य प्रकार के हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस आपको प्रभावित कर सकते हैं जैसे कि -
2024 की एक स्टडी के अनुसार, भारत में करीब 20 करोड़ लोग HSV-1 से संक्रमित हैं, जबकि HSV-2 के मामलों में भी हर साल बढ़ोतरी हो रही है। इस बढ़ते मामलों में युवा वर्ग का योगदान बहुत ज्यादा है।
चलिए अब दूसरे प्रश्न की तरफ चलते हैं - यह कैसे फैलता है? इसके फैलने के कई कारक हो सकते हैं जैसे कि -
हर्पीस डिजीज से बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई, सुरक्षित यौन संबंध और मजबूत इम्युनिटी। आइए जानते हैं आसान लेकिन असरदार टिप्स, जिससे आप हर्पीस रोग को जड़ से ठीक कर सकते हैं -
आपको यह समझना होगा कि भारत में जननांग हर्पीस तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध और सही जानकारी की कमी है।
खुद को और अपने पार्टनर को बचाने के लिए:
एक हालिया हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल करीब 5 से 6 लाख नए जननांग हर्पीस केस रिपोर्ट होते हैं। उसी रिपोर्ट में यह भी सिद्ध हुआ है कि सही यौन शिक्षा की कमी के कारण इलाज में देरी होती है, जिससे यह मामले फैलते भी हैं।
सबसे पहले समझते हैं कि हर्पीस के लक्षण क्या है -
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। खुद से घाव न छेड़ें, न फोड़ें। सबसे ज़रूरी है खुद डॉक्टर न बने। ऐसा करने से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है। अक्सर लोगों को पता भी होता है कि उन्हें यह समस्या यौन संबंध के कारण हुई है, लेकिन फिर भी वह इसके इलाज पर शर्म के कारण विचार नहीं करते हैं। ऐसा न करें, लक्षण दिखने पर तुरंत परामर्श लें।
हर्पीस के दोबारा संक्रमण के लिए आप निम्न उपायों का पालन कर सकते हैं -
हर्पीस डिजीज से डरने की जरूरत नहीं है। बस सही जानकारी और जागरूकता की जरूरत है। सही इलाज, सही सावधानी और मजबूत इम्यून सिस्टम से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। यदि आपको या आपके किसी अपने को हर्पीस के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो देरी न करें। अभी हमें कॉल करें, अपना परामर्श सत्र बुक करें और अपने और अपने परिवार के मुस्कान का खास ख्याल रखें।
हर्पीस में आपको निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है।
हर्पीस की स्थिति में आप निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं -
सही इलाज से यह गंभीर नहीं होता। लापरवाही करने से घाव बढ़ सकते हैं, बार-बार संक्रमण हो सकता है या दूसरों में फैल सकता है।
डॉक्टर से सलाह लें, टेस्ट कराएं और एंटीवायरल दवाएं शुरू करें। घरेलू उपाय तभी करें जब डॉक्टर सलाह दें।
इम्युनिटी बढ़ाकर हर्पीस से बचना बहुत आसान है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए निम्न उपायों का पालन करें -
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