मोतियाबिंद सर्जरी के फायदे: आँखों के लिए उत्कृष्ट चयन
Home >Blogs >मोतियाबिंद सर्जरी के फायदे: आँखों के लिए उत्कृष्ट चयन

मोतियाबिंद सर्जरी के फायदे: आँखों के लिए उत्कृष्ट चयन

Summary

इस ब्लॉग में हम मोतियाबिंद के संबंध में कुछ आवश्यक जानकारी देंगे जैसे लाभ, प्रकार, और साइड इफेक्ट जिससे आपको इलाज की योजना बनाने में बहुत मदद मिलेगी।

मोतियाबिंद आंखों की एक चिकित्सा स्थिति है, जिसमें आंख का प्राकृतिक लेंस धुंधला हो जाता है। इसके कारण दृष्टि कम हो जाती है। आमतौर पर यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ उत्पन्न होती है, लेकिन मधुमेह, धूम्रपान और कुछ दवाओं का सेवन मोतियाबिंद के जोखिम कारक हैं। मोतियाबिंद का एकमात्र प्रभावी उपचार सर्जरी ही है।

मोतियाबिंद सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है, जिसे आमतौर पर एक आउट पेशेंट प्रक्रिया के तौर पर ही किया जाता है। अर्थात इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। सर्जरी में प्राकृतिक लेंस को हटाया जाता है और उसके स्थान पर एक आर्टिफिशियल लेंस को लगाया जाता है। अधिकांश लोग सर्जरी के बाद बेहतर महसूस करने लगते हैं।

इस ब्लॉग में हम मोतियाबिंद के संबंध में कुछ आवश्यक जानकारी देंगे जैसे लाभ, प्रकार, और साइड इफेक्ट जिससे आपको इलाज की योजना बनाने में बहुत मदद मिलेगी।

मोतियाबिंद सर्जरी के प्रकार

इस तेज रफ्तार वाली जिंदगी में हर चीज बदल गई है। इसी प्रकार चिकित्सा विश्व में भी आधुनिकीकरण आ गया है। मोतियाबिंद सर्जरी में तकनीक काफी बदल चुकी है और वर्तमान में मोतियाबिंद के इलाज के लिए आधुनिक सर्जरी की जाती है। चलिए उनमें से कुछ मुख्य प्रकार की सर्जरी के बारे में जानते हैं -

  • फेकोमल्सीफिकेशन (फैको): यह एक आधुनिक सर्जरी है, जिसमें आंख के प्राकृतिक लेंस को अल्ट्रासाउंड तरंगों का उपयोग करके तरल पदार्थ में बदल दिया जाता है और आंख से निकाल लिया जाता है। इसके बाद आर्टिफिशियल लेंस लगाया जाता है।
  • एक्स्ट्राकैप्सुलर कैटरैक्ट एक्सट्रैक्शन (ईसीसीई): यह आधुनिक तकनीक नहीं है। इसमें एक बड़ा चीरा लगाया जाता है और मोतियाबिंद को एक साथ निकाल दिया जाता है। कुछ गंभीर मामलों में इस प्रक्रिया का आज भी प्रयोग किया जाता है। 
  • लेजर मोतियाबिंद सर्जरी: लेजर सर्जरी एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें लेज़र की सहायता से प्राकृतिक मोतियाबिंद को काटा जाता है और कृत्रिम लेंस लगाया जाता है। यह एक नई प्रकार की सर्जरी है जो अधिक सटीकता के लिए जाना जाती है।

किस सर्जरी का प्रयोग होगा, इसका निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे - मोतिया का प्रकार, रोगी की प्राथमिकता और उनका वर्तमान स्वास्थ्य।

मोतियाबिंद/कैटरैक्ट सर्जरी के बाद आंख की देखभाल

सर्जरी के बाद देखभाल के लिए कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करने से रिकवरी जल्दी हो जाती है। निम्न दिशा-निर्देशों का पालन करने से बहुत लाभ होगा -

  • आंख को न छुएं
  • ऑपरेशन के 10 दिनों तक सिर से स्नान करने से बचें
  • आंख को साफ करने के लिए साफ रुई लें और उबले पानी को ठंडा करके उससे आंख धोएं।
  • ऑपरेशन के लगभग 2 सप्ताह तक भीड़-भाड़ वाले इलाके और धूल वाले क्षेत्र में जाने से बचें। 
  • आंख को बचाने के लिए गोगल लगाएं।
  • भारी वस्तुओं को उठाने से बचें और शौच में अधिक समय न लगाएं। 
  • कब्ज की शिकायत होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
  • ऑपरेशन के कुछ दिनों तक स्क्रीन से दूरी बनाएं।

मोतियाबिंद सर्जरी के फायदे

मोतियाबिंद सर्जरी एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। चलिए मोतियाबिंद सर्जरी के फायदों के बारे में जानते हैं -

  • तीक्ष्ण और स्पष्ट दृष्टि: यह इस सर्जरी का सबसे प्रमुख फायदा है। सर्जरी के बाद रोगी को धुंधलापन से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है और वह साफ-साफ देख पाता है। इससे रोगी अपने दैनिक कार्य जैसे पढ़ना, खाना बनाना या ड्राइविंग करना बिना किसी समस्या के कर सकते हैं।
  • चमक से राहत: मोतिया के कारण आंखों में अक्सर तेज चमक होती है, जिसके कारण आंखे तेज रोशनी के प्रति संवेदनशील हो जाती है। मोतियाबिंद के कारण रात में गाड़ी चलाना या धूप में बाहर निकलने में भी परेशानी होती है। मोतिया के ऑपरेशन के बाद इन सभी समस्याओं से आराम मिल जाता है।
  • जीवंत रंग: मोतिया के कारण रंगों की पहचान मुश्किल हो जाती है। इसके कारण जीवन के रंग भी फीके पड़ने लगते हैं। सर्जरी के बाद ऐसा ज्ञात होता है कि जीवन में रंग फिर से भर गए हैं।
  • चश्मों पर कम निर्भरता: मोतियाबिंद सर्जरी के बाद, कुछ लोगों को अब पहले की तरह चश्मे की आवश्यकता नहीं रहती है। आर्टिफिशियल लेंस आपकी दृष्टि को काफी हद तक ठीक कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति बिना चश्मों के देख पाता है।

मोतियाबिंद के ऑपरेशन से दृष्टि सुधार के साथ-साथ जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है। यह एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है, जिसकी सहायता से स्वतंत्रता और आत्मविश्वास में अच्छी खासी वृद्धि होती है। इसलिए मोतियाबिंद की समस्या के लिए एक अच्छे नेत्र चिकित्सक से परामर्श लें और इलाज के सही विकल्प पर विचार करें।

मोतियाबिंद सर्जरी के साइड इफेक्ट

सामान्यतः मोतियाबिंद सर्जरी को एक सुरक्षित और प्रभावी सर्जरी में गिना जाता है। हालांकि बाकी ऑपरेशन की तरह ही मोतियाबिंद सर्जरी के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं, जिनके बारे में व्यक्ति को जरूर पता होना चाहिए। मोतियाबिंद सर्जरी के संभावित जोखिम इस प्रकार हैं - 

  • आंखों से सूजन या खून आना।
  • आंख में दर्द
  • दृष्टि हानि या धुंधला दिखना
  • लेंस का अपनी जगह से हिल जाना
  • पोस्ट-ऑपरेटिव कैप्सुलर ओपेसिफिकेशन (लेंस के पास वाली झिल्ली का धुंधली होना)
  • रेटिनल डिटैचमेंट (बहुत ही कम मामलों में आंख का पर्दा हिल जाता है या फट जाता है)
  • संक्रमण

किसी भी प्रकार की जटिलता दिखने पर तुरंत एक अच्छे डॉक्टर से परामर्श करें और इस स्थिति के इलाज के बारे में विचार करें।

मोतियाबिंद के ऑपरेशन में खर्च

मोतियाबिंद के ऑपरेशन का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे -

  • ऑपरेशन का प्रकार
  • लेंस का प्रकार, मोनोफोकल लेंस, मल्टीफोकल लेंस, और टोरिक लेंस
  • अस्पताल या क्लीनिक का स्थान
  • नेत्र चिकित्सक का अनुभव

मोतियाबिंद ऑपरेशन के खर्च के बारे में अधिक जानकारी आपको हमारे डॉक्टर से संपर्क करके मिल जाएगी। आमतौर पर भारत में मोतियाबिंद ऑपरेशन का खर्च 25,000 रुपये से लेकर 1,40,000 रुपये तक होता है। अधिक जानकारी के लिए आप हमसे भी संपर्क कर सकते हैं।

मोतियाबिंद से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

क्या मोतियाबिंद का ऑपरेशन दोबारा हो सकता है?

हां, मोतियाबिंद का ऑपरेशन दोबारा हो सकता है, लेकिन ऐसा होने की संभावना बहुत कम है। आमतौर पर यह तब होता है, जब ऑपरेशन के बाद लेंस में धुंधलापन आ जाता है या लेंस अपनी जगह से हिल जाता है।

मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए?

आमतौर पर, मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद कम से कम 1-2 दिन आराम करना चाहिए। हालांकि कुछ सप्ताह तक आपको कुछ सामान्य निर्देशों का पालन करना होगा जैसे भारी वस्तुएं उठाने से बचना, झुकने और तेज रोशनी में जाने से बचना चाहिए।

मोतियाबिंद में कौन सा लेंस लगता है?

मोतियाबिंद में विभिन्न प्रकार के लेंस लगाए जाते हैं, जिनमें मोनोफोकल, मल्टीफोकल और टोरिक लेंस शामिल हैं। आपके लिए सबसे उपयुक्त लेंस का चुनाव आपकी आंख के वर्तमान स्थिति के साथ-साथ दृष्टि की आवश्यकताओं और जीवनशैली पर निर्भर करता है।

मोतियाबिंद किसकी कमी से होता है?

मोतियाबिंद किसी भी पोषक तत्व की कमी से नहीं होता है। इसके कुछ जोखिम कारक होते हैं जैसे बढ़ती उम्र, मधुमेह, धूम्रपान और कुछ दवाओं का उपयोग।

मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कितना समय लगता है?

मोतियाबिंद के ऑपरेशन में आमतौर पर 15-30 मिनट लगते हैं। यह एक आउट पेशेंट प्रक्रिया है, जिसका अर्थ है कि आपको उसी दिन घर जाने की अनुमति दी जाएगी।

Written and Verified by:

Dr. Bhaskar Ray Chaudhuri

Dr. Bhaskar Ray Chaudhuri

Consultant - Ophthalmologist Exp: 25 Yr

Ophthalmology

Book an Appointment

Dr. Bhaskar Ray Chaudhuri, MS (Gold Medalist), DO (AMU), Fellow, LVPEI, Hyderabad, is a consultant
ophthalmologist in the Department of Ophthalmology in CMRI, Kolkata. He was trained in Cornea and Anterior
Segment Diseases at L V Prasad Eye Institute, Hyderabad and has a rich experience of over 25 years. He specializes
in Cataract Surgery (including sophisticated implants like Toric and Multifocal lenses), corneal transplants and Eye
Banking, Keratoconus, corneal collagen cross-linking, Ocular Surface diseases, Corneal Stem Cell Transplantation
and surface reconstruction, Dry Eye Diseases, and Glaucoma.

Related Diseases & Treatments

Treatments in Kolkata

Ophthalmology Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now