मेटाबॉलिज्म (चयापचय) क्या है, बढ़ाने के उपाय और क्या खाएं
Home >Blogs >मेटाबॉलिज्म (चयापचय) क्या है, बढ़ाने के उपाय और क्या खाएं

मेटाबॉलिज्म (चयापचय) क्या है, बढ़ाने के उपाय और क्या खाएं

Summary

चिकित्सा भाषा में कहा जाए, तो मेटाबॉलिज्म शरीर की वह प्रक्रिया है, जिसमें भोजन का परिवर्तन ऊर्जा में होता है। यदि मेटाबॉलिज्म में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, तो व्यक्ति को पेट में गड़बड़ी का सामना करना पड़ता है।

चयापचय या मेटाबॉलिज्म को समझना कोई कठिन कार्य नहीं है। सरल भाषा में कहा जाए, तो यह पेट के द्वारा खाना पचाने की प्रक्रिया है। मेटाबोलिक सिंड्रोम खाना पचाने की समस्या है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और कमर के आसपास शरीर की अतिरिक्त चर्बी और असामान्य कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ने लगता है। इस ब्लॉग में लिखी हुई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यदि आपको मेटाबॉलिज्म के कारण डायबिटीज या फिर हृदय से संबंधित कोई भी समस्या है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे कार्डियोलॉजी डॉक्टरों से परामर्श लें।

मेटाबॉलिज्म क्या होता है

चिकित्सा भाषा में कहा जाए, तो मेटाबॉलिज्म शरीर की वह प्रक्रिया है, जिसमें भोजन का परिवर्तन ऊर्जा में होता है। यदि मेटाबॉलिज्म में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, तो व्यक्ति को पेट में गड़बड़ी का सामना करना पड़ता है। 

कई बार सुनने को मिलता है कि वह व्यक्ति स्लो मेटाबॉलिज्म का सामना कर रहा है या फिर उसका मेटाबोलिक रेट (BMR) स्लो है। इस स्थिति में व्यक्ति को भूख नहीं लगती है, क्योंकि उनका खाना सही से पचता नहीं है और कब्ज की शिकायत होती है। खराब या स्लो मेटाबॉलिज्म कई समस्याओं को बढ़ावा देता है, जैसे त्वचा की समस्याएं, डायबिटीज, पीठ पर दाने, इत्यादि। कुछ मामलों में खराब मेटाबॉलिज्म के कारण हृदय संबंधित विकार भी हो जाते हैं। ऐसे में आपको जल्द से जल्द मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने का इलाज खोजना चाहिए।

मेटाबॉलिज्म स्लो होने के कारण

मेटाबॉलिज्म स्लो होने के कई कारण होते हैं, जिनमें से मुख्य कारणों को नीचे विस्तार से बताया गया है - 

  • कम प्रोटीन का सेवन: लो प्रोटीन इनटेक के कारण भी मेटाबॉलिज्म की समस्या बनी रहती है। इसलिए रोजाना अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा को निश्चित करें।
  • हार्मोन: हार्मोन में बदलाव शरीर के ऊर्जा उत्पादन की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
  • नींद में समस्या: नींद में किसी भी प्रकार की अड़चन मेटाबॉलिज्म को स्लो कर सकते हैं। इससे मधुमेह और मोटापे जैसी स्थितियां का होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • स्ट्रिक्ट डाइट प्लान: वजन कम करने के लिए कुछ लोग स्ट्रिक्ट डाइट प्लान का पालन करते हैं, जिससे वह अपने आहार में कुछ आवश्यक तत्व को मिस कर देते हैं। अंततः यह धीमा चयापचय या स्लो मेटाबॉलिज्म का कारण बनता है।
  • साधारण नमक: अधिकतर रेस्तरां साधारण नमक का प्रयोग करते हैं, क्योंकि वह खाने के स्वाद को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं। लेकिन इस नमक में आयोडीन की मात्रा नहीं होती है, जिससे खाना अच्छे से पच नहीं पाता है। 
  • तनाव: तनाव हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण करता है। कई बार देखा गया है कि अधिक स्ट्रेस के कारण व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है, जो अंततः मेटाबॉलिज्म के उत्पादन को धीमा कर देता है।

मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने का उपाय हर व्यक्ति के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। निम्नलिखित उपायों का पालन कर हर व्यक्ति अपने शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है जैसे -

  • कॉफी: कॉफी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में सक्षम है। इसके साथ-साथ ग्रीन टी भी बहुत ज्यादा लाभदायक साबित हो सकती है।
  • नारियल तेल: नारियल में फैटी एसिड होता है। यह एक लाभकारी तेल है, जिसके सेवन से आपको ज़रूर लाभ मिलेगा।
  • भरपूर नींद लें: नींद की समस्या मोटापे का एक कारण बनता है। अनिद्रा के कारण मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है, जिससे वजन बढ़ने लगता है। इसके कारण भी टाइप 2 मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिसके लिए हम आपको डॉक्टर से मिलने की सलाह देंगे।
  • मसालेदार भोजन खाना: मसालेदार भोजन से मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलती है। मसाले का सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिसके साथ-साथ व्यक्ति का वजन भी बढ़ जाता है।&
  • व्यायाम करें: व्यायाम आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म की दर को बढ़ाता है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग तेजी से फैट बर्न करने में मदद कर सकता है। फैट कम होने से मेटाबॉलिज्म की दर भी तेज हो जाती है।
  • प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं: प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। हमारे शरीर को मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। प्रोटीन से मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद मिलती है।
  • दालचीनी की चाय पिएं: इस चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिससे मेटाबोलिक रेट तेज होता है। दालचीनी फैट हटाने और वेट लॉस में मददगार साबित होता है। मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए आप रात या फिर सुबह दालचीनी की चाय पी सकते हैं।
  • देसी घी का सेवन करें: अतीत में लोगों को पेट से संबंधित समस्याएं नहीं होती थी, क्योंकि वह देसी घी का सेवन करते थे। घी के फैटी एसिड्स पेट में डाइजेस्टिव एंजाइम्स को बढावा देते हैं, जिससे खाना अच्छे से पचता है, जो अंततः मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है।
  • अदरक वाली चाय पिएं: अदरक वाली चाय से ब्लोटिंग की समस्या खत्म होती है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है। अदरक वाली चाय खाने को आसानी से पचाने में मदद करता है।
  • अजवाइन को शामिल करें: अजवाइन पाचन क्रिया तेज करने में मदद करता है। इससे डाइजेस्टिव एंजाइम्स बहुत ज्यादा दुरुस्त हो जाते हैं। यही कारण है कि आपको अजवाइन को अपने आहार में ज़रूर शामिल करना चाहिए।
  • सलाद का सेवन करें: हमेशा से ही सलाद अच्छे मेटाबोलिज्म के लिए आवश्यक माना जाता आया है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सलाद फाइबर से भरपूर होता है और पाचन क्रिया में भी मदद करता है।
  • बाजरे की रोटी: बाजरे की रोटी में फाइबर और रफेज अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इससे बॉवेल मूवमेंट में भी मदद मिलती है और मेटाबॉलिज्म भी अच्छा होता है। 
  • सेब और संतरा खाएं: सेब और संतरा दोनों ही ऐसे फल है, जिनमें रफेज की मात्रा अधिक होती है। साथ ही सेब खाना पेट के डाइजेस्टिव एंजाइम को बढ़ावा देते हैं और मेटाबॉलिक एक्टिविटी को तेज करता है। इसके अलावा संतरे का विटामिन सी पेट साफ करने में मदद करता है।

चयापचय से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

मेटाबॉलिज्म ठीक रखने के लिए क्या खाना चाहिए?

मेटाबॉलिज्म ठीक रखने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए:

  • फल और सब्जियां
  • अच्छे वसा
  • प्रोटीन
  • फाइबर

मेटाबॉलिज्म बढ़ने से क्या होता है?

मेटाबॉलिज्म बढ़ने से शरीर भोजन को ऊर्जा में तेजी से बदलता है। इससे वजन कम करने और ऊर्जा के स्तर में सुधार होता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ने से शरीर को बीमारियों से लड़ने में भी मदद मिलती है।

मेटाबॉलिज्म टेस्ट कैसे होता है?

मेटाबॉलिज्म का टेस्ट रक्त परीक्षण से होता है, जो शरीर में ऊर्जा की खपत को मापता है। इस टेस्ट का सुझाव तब दिया जाता है, जब व्यक्ति को थायराइड हार्मोन के स्तर में कमी या अन्य मेटाबॉलिक विकार की आशंका होती है। लैब में ब्लड सैंपल लिया जाता है और उसका परीक्षण प्रयोगशाला में माइक्रोस्कोप के नीचे किया जाता है। 

चयापचय दर तेज होने से क्या होता है?

तेज चयापचय ऊर्जा और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यदि आपका चयापचय धीमा है, तो आपको थकान, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मांसपेशियों में कमजोरी, ड्राई स्किन, वजन बढ़ना, जोड़ों में सूजन, भारी मासिक धर्म, अवसाद और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

Written and Verified by:

Dr. Raja Dhar

Dr. Raja Dhar

Director & HOD, Pulmonology Exp: 27 Yr

Pulmonology

Book an Appointment

Similar Blogs

Hyperglycemia- What All Should You Know

Hyperglycemia- What All Should You Know

read more
ডায়াবেটিস কী? জেনে নিন এর সম্পূর্ণ তথ্য - লক্ষণ থেকে প্রতিরোধমূলক ব্যবস্থা

ডায়াবেটিস কী? জেনে নিন এর সম্পূর্ণ তথ্য - লক্ষণ থেকে প্রতিরোধমূলক ব্যবস্থা

read more
उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण और इलाज

उच्च कोलेस्ट्रॉल का कारण और इलाज

read more
Did You Know that These Foods can Disrupt Your Hormonal Balance?

Did You Know that These Foods can Disrupt Your Hormonal Balance?

read more

View more

Book Your Appointment TODAY

Diabetes & Endocrinology Doctors in Kolkata

NavBook Appt.WhatsappWhatsappCall Now