बवासीर जिसे हेमोराइड या पाइल्स भी कहा जाता है, एक गुदा रोग है, जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं। भारत के लगभग 11% लोग बवासीर की समस्या का सामना कर रहे हैं। यह एक ऐसा रोग है, जिसमें इलाज से पहले परहेज को अहमियत दी जाती है। बवासीर के इलाज के लिए सबसे पहले हम आपको सलाह देंगे कि आप एक अनुभवी गुदा रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें।
बवासीर की स्थिति में गुदा के अंदर और बाहरी भाग में और मलाशय के निचले भाग की नसें सूज जाती है। इस सूजन के कारण उस स्थान पर मस्सों का निर्माण हो जाता है। यह मस्से गुदा के अंदर और बाहर बन सकते हैं। यह समस्या लगभग 60 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी उम्र में परेशान करती है। इसके अतिरिक्त, रिसर्च से यह पता चलता है कि लगभग 66.67% रोगी पुरुष हैं और 33.33% महिलाएं इस रोग से प्रभावित होती हैं।
यह सारे आंकड़े बताते हैं कि बवासीर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसका इलाज और परहेज, बहुत ज्यादा जरूरी है। यदि समय पर इस स्थिति का इलाज नहीं होता है, तो इसके कारण गुदा में होने वाली सूजन बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण बवासीर के मस्से गुदा के अंदर से बाहर की तरफ आ जाते हैं। बवासीर की समस्या के चार ग्रेड होते हैं -
बवासीर को रोकने और इसे मैनेज करने के लिए आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप अपने आहार में फाइबर को जोड़ते हैं, तो मल त्याग में असहजता कम होती है, और मल त्याग के दौरान आपको अधिक जोर भी नहीं लगाना पड़ता है। यदि आप अपने आहार में बदलाव नहीं करते हैं, तो इसके कारण आपके लक्षण गंभीर हो जाएंगे, जिससे आपका जीवन और भी अधिक कष्टदायक हो जाएगा।
बवासीर की स्थिति में आपको निम्न चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है और यह बवासीर के उपायों की सूची का पहला कदम होता है -
बवासीर की स्थिति में आपको निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है -
बवासीर की रोकथाम और प्रबंधन आहार विकल्पों पर बहुत अधिक निर्भर करता है। यदि आप आहार में फाइबर की मात्रा को बढ़ाते हैं, खुद को हाइड्रेट रखते हैं, तो आपको बवासीर के लक्षणों से आराम मिल सकता है। हालांकि बवासीर का इलाज पूर्ण रूप से संभव नहीं है, लेकिन परहेज और प्रबंधन से एक अच्छा जीवन व्यतीत किया जा सकता है। यदि अधिक परेशानी होती है और आप सोच रहे हैं कि बवासीर कैसे ठीक करें, तो बिना किसी देरी के आपको एक अनुभवी गुदा रोग विशेषज्ञ से इलाज लें।
हां, फाइबर युक्त आहार लेने से मल नरम हो जाता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा मिलता है, जिससे बवासीर होने या बिगड़ने वाले तनाव को कम किया जा सकता है।
इसबगोल (साइलियम भूसी) एक प्राकृतिक फाइबर सप्लीमेंट है, जो मल को नरम करता है, जिससे मल त्याग आसान हो जाता है। बवासीर के इलाज में डॉक्टर अक्सर इसबगोल का सुझाव देते हैं।
छाछ हाइड्रेटिंग एजेंट है और इसमें प्रोबायोटिक्स होता है, जो आंत के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसकी मदद से पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है और कब्ज की समस्या से राहत भी मिलती है।
बवासीर के कुछ लोगों में दूध पीने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह कब्ज की समस्या का कारण बनता है। लेकिन सबके लिए यह अनिवार्य नहीं है। यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है, जिसका उत्तर आपके डॉक्टर दे सकते हैं।
खूनी बवासीर के मामलों में ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना आवश्यक है, जो कब्ज का कारण बन सकता है। कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ, अधिक तला-भुना भोजन, मसालेदार व्यंजन और शराब से दूरी बनाएं।
पाचन तंत्र की समस्या वाले लोगों को तेल, घी, और मक्खन के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। हालांकि आप शुद्ध घी और शुद्ध मक्खन का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं।
बवासीर की स्थिति में आप गर्म पानी पी सकते हैं, क्योंकि इससे कब्ज की समस्या से आराम मिल सकता है और मल को भी यह गर्म करता है, जो बवासीर के लक्षणों से राहत दिलाता है।
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