पार्किंसंस रोग (Parkinson's) हमारे दिमाग की एक समस्या है, जिसकी वजह से धीरे-धीरे हमारी गति, मुद्रा (Body Posture) और भाषा प्रभावित होती है। हमारे नर्वस सिस्टम को डोपामाइन (Dopamine) नामक रसायन की आवश्यकता होती है, जिससे दिमाग से पूरे शरीर और शरीर से दिमाग तक सिग्नल जाता है। जब नर्वस सिस्टम में डोपामाइन नामक रसायन की कमी होने लगती है, तो इसके कारण पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease) का खतरा बढ़ जाता है और शरीर अपना रोजाना का कार्य नहीं कर पाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 710 मिलियन लोग पार्किंसंस रोग से पीड़ित हैं और इस स्थिति का इलाज ले रहे हैं। वर्तमान में कई स्वास्थ्य संगठन और रिसर्च इंस्टीट्यूट इस रोग के कारण की खोज के लिए रिसर्च कर रहे हैं। कारण का पता लगने पर ही इसका सटीक इलाज संभव हो सकता है। हालांकि इस रोग का प्रबंधन संभव है और वह कैसे है, इसे हम इस ब्लॉग की मदद से जानेंगे। अधिक सहायता के लिए आप कोलकाता में हमारे न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं ।
पार्किंसंस रोग एक उम्र से संबंधित एक समस्या है, जो धीरे-धीरे दिमाग को प्रभावित करती है। इस स्थिति में हमारे दिमाग का एक भाग प्रभावित हो जाता है, जिसकी वजह से इस स्थिति के लक्षण दिखने शुरु हो जाते हैं। पार्किंसंस रोग मुख्य रूप से दिमाग के उन मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं, जो हमारे शरीर को नियंत्रण, संतुलन और गति प्रदान करते हैं। इसके कारण, सोचने समझने की क्षमता, मानसिक स्वास्थ्य, और इंद्रियां प्रभावित होती हैं। इस क्षति के कारण लक्षण धीरे-धीरे समय के साथ दिखने शुरू होते हैं और धीरे-धीरे ही लक्षण गंभीर होने लग जाते हैं।
पार्किंसंस रोग के मुख्य लक्षणों में मांसपेशियों पर नियंत्रण खोना शामिल है। हालांकि, अभी भी कई सारी रिसर्च चल रही हैं, जिसके परिणाम के आधार पर कारण, लक्षण और इलाज के बारे में स्थिति अधिक साफ होगी। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जो उत्पन्न हो सकते हैं जैसे -
जैसे ही आप इन लक्षणों का अनुभव करें, हम आपको सलाह देंगे कि आप तुरंत हमारे डॉक्टरों से मिलें और इलाज के सभी विकल्पों पर बात करें।
पार्किंसंस रोग का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। ऐसा माना जाता है कि जेनेटिक्स और प्राकृतिक कारकों के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। हालांकि इस रोग के कुछ जोखिम कारक हैं, जो इस स्थिति को और भी ज्यादा गंभीर कर सकते हैं जैसे -
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि पार्किंसंस रोग का कोई निश्चित इलाज नहीं है। हालांकि कुछ दवाओं और अन्य इलाज के विकल्पों की मदद से लक्षणों को कम किया जा सकता है, जिससे अंततः जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है और स्थिति का इलाज भी होता है। चलिए उन सभी इलाज के विकल्पों पर बात करते हैं।
पार्किंसंस रोग की दवाएं कई तरह से काम करती हैं। चलिए सभी को एक-एक करके समझते हैं -
पार्किंसंस रोग एक क्रोनिक रोग है, मतलब यह समस्या एक व्यक्ति को लंबे समय तक परेशान करती है। सही देखभाल और उत्तम इलाज की मदद से पार्किंसंस रोग का प्रबंधन आसानी से संभव है। इसके साथ-साथ सक्रिय और स्वस्थ जीवन शैली इलाज में मदद कर सकता है।
इसलिए लक्षणों के अनुभव होते ही तुरंत एक अच्छे और अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज के विकल्पों पर बात करें। जितनी जल्दी स्थिति की पुष्टि होती है, उतना ही प्रभावशाली उपचार होगा। पार्किंसंस रोग ट्रीटमेंट पर अभी भी रिसर्च चल रही है। जैसे ही यह पूरी होगी, हमें पार्किंसंस रोग का स्थाई इलाज भी मिल जाएगा।
पार्किंसंस रोग का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। मुख्य रूप से यह मस्तिष्क में डोपामाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर की कमी के कारण होता है। यह केमिकल गति और कोर्डिनेशन को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होता है।
पार्किंसंस रोग की गंभीरता को 5 चरणों में बांटा गया है -
पार्किंसंस रोग के कई लक्षण हैं, हालांकि कुछ प्रमुख लक्षण हैं जिनका एक व्यक्ति सामना कर सकता है जैसे -
पार्किंसंस रोग कोई ऐसा रोग नहीं है जो फैलता है। अर्थात यह न ही छूने या फिर पार्किंसंस रोग वाले रोगियों के संपर्क में आने से फैले।
Call RBH For Emergencies
07340054470
Available 24*7
Call RBH For Appointments
08062136530
Available 24*7
Map and Directions
Get DirectionsResult of the Authorization Committee | Statutory Compliances | Stent Pricing | Ortho Knee Implant Pricing | Privacy Policy | Cookies Policy | Terms of Services
© 2024 RBH Jaipur. All Rights Reserved.