गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव कैसे करें? जानें इसके कारण, लक्षण और असरदार इलाज
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गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव कैसे करें? जानें इसके कारण, लक्षण और असरदार इलाज

Summary

गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक जठरांत्र संबंधी (पाचन संबंधित) मार्ग की सूजन की समस्या है। इसके कारण मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसको पेट के फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, जिसके कारण लोग इसे इन्फ्लूएंजा का एक प्रकार भी मान लेते हैं, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिससे दुनिया भर के लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इस रोग के कारण पेट और आंतों में सूजन देखने को मिलती है, जिसके पीछे का कारण वायरल, बैक्टीरियल या पैरासाइट संक्रमण हो सकता है। 

इस स्थिति को अक्सर "पेट के फ्लू" के नाम से भी जाना जाता है। यदि इस स्थिति का इलाज समय पर नहीं हो पाता है, तो इसके कारण व्यक्ति को गंभीर असुविधा, डिहाइड्रेशन और अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति के कारण, लक्षण और बचाव को समझ कर हम इस स्थिति के जोखिम को आसानी से कम कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। पेट संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए हम आपको एक अनुभवी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह भी देंगे। 

गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है?

गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक जठरांत्र संबंधी (पाचन संबंधित) मार्ग की सूजन की समस्या है। इसके कारण मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसको पेट के फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, जिसके कारण लोग इसे इन्फ्लूएंजा का एक प्रकार भी मान लेते हैं, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।

वायरस, बैक्टीरिया या पैरासाइट वह संभावित कारण है, जिसकी वजह से गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या उत्पन्न होती है। इनमें से भी वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस सबसे आम प्रकार का गैस्ट्रोएंटेराइटिस है, जिसमें से भी रोटावायरस, नोरोवायरस और एडिनोवायरस पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। 

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण मुख्य रूप से अन्य स्वास्थ्य समस्या के आधार पर आधारित होते हैं। हालांकि कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जो दर्शाते हैं कि आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं जैसे कि - 

  • दस्त: बार-बार पानी जैसा मल का निकलना दर्शाता है कि आप गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे गंभीर समस्या के जोखिम के दायरे में है। 
  • मतली और उल्टी: यह लक्षण कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में भी उत्पन्न हो सकते हैं। हालांकि अन्य लक्षणों के साथ-साथ इस लक्षण का उत्पन्न होना दर्शाता है कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस रोग की संभावना है।
  • पेट में ऐंठन: पाचन तंत्र में सूजन के कारण पेट के क्षेत्र में दर्द या ऐंठन होना एक आम बात है। 
  • बुखार: हल्का बुखार खासकर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बुखार होना गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षणों में एक मुख्य लक्षण है।
  • डिहाइड्रेशन: यदि लगातार उल्टी और दस्त की समस्या उत्पन्न होती है, तो आप डिहाइड्रेशन का भी शिकार हो सकते हैं। 
  • थकान: संक्रमण के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया से थकान या कमजोरी होना एक सामान्य बात है। 

हालांकि यह सारे लक्षण दूसरे स्वास्थ्य समस्या की तरफ भी संकेत करते हैं, लेकिन इन लक्षणों पर भी बारीक नजर रखने की आवश्यकता है, क्योंकि यह आपको जल्द से जल्द स्वस्थ होने में मदद कर सकते हैं।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के जोखिम कारक

कई कारक गैस्ट्रोएंटेराइटिस विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं - 

  • दूषित भोजन और पानी: यदि आप दूषित भोजन और पानी का सेवन करते हैं, तो इसके कारण गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या आपको परेशान कर सकती है। 
  • संक्रमित व्यक्तियों के साथ संपर्क: गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल सकता है। मुख्य रूप से इस संक्रमण के फैलने का स्थान स्कूल, डे केयर सेंटर और अस्पताल होते हैं।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: यदि किसी की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, तो भी वह इस रोग से पीड़ित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त कीमोथेरेपी कराने वाले या फिर एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोग भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं।
  • आयु: बच्चे और बुजुर्ग लोग इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं, जो इस स्थिति को बहुत जटिल बना सकते हैं।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लिए इलाज

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के अधिकतर मामलों में इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हालांकि कुछ मामलों में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसके इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाने पड़ते हैं जैसे कि - 

  • सबसे आवश्यक है, अपने शरीर को हाइड्रेट रखना। तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने के लिए पानी, साफ शोरबा या ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन का उपयोग करें।
  • अपने शरीर को आराम करने का समय देना रिकवरी के लिए बहुत ज़रूरी है।
  • उल्टी के बाद, प्रयास करें कि हल्का भोजन ही खाएं और तला, मसालेदार और अधिक फैट युक्त भोजन के सेवन से दूरी बनाएं।
  • लक्षणों से राहत के लिए एंटी-डायरियल एजेंट (जैसे, लोपरामाइड) या मतली को रोकने वाली दवाएं आपके लिए कारगर साबित हो सकती हैं। प्रयास करें कि डॉक्टर के सलाह के बाद ही इन दवाओं का सेवन करें।
  • यदि स्थित अधिक गंभीर हो और डिहाइड्रेशन के कारण बेहोशी की स्थिति उत्पन्न हो, तो तुरंत डॉक्टरी सहायता लें। 

निष्कर्ष

हालांकि गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम लेकिन असुविधाजनक स्थिति है, जिससे हमारा दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है, लेकिन इसके कारण, लक्षण और रोकथाम के तरीके को समझने से आप इस स्थिति को काफी हद तक आसानी से मैनेज कर सकते हैं और आप जल्दी स्वस्थ भी हो सकते हैं। याद रखें, स्वच्छ रहें, हाइड्रेट रहें और स्वस्थ आदतों को अपनाएं। अधिक समस्या दिखने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के निदान के लिए कौन से परीक्षण किए जाते हैं?

आमतौर पर डॉक्टर गैस्ट्रोएंटेराइटिस की जांच के लिए फैमिली हिस्ट्री, लक्षणों की पहचान और शारीरिक परीक्षण का ही सहारा लेते हैं। कुछ मामलों में, संक्रमण की पहचान के लिए मल की जांच की जाती है।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या कितने दिनों तक रहती है?

गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या का समय इसके कारण के आधार पर निर्भर करता है। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस आमतौर पर 1 से 3 दिनों के बीच तक रहता है, जबकि बैक्टीरियल या पैरासिटिक संक्रमण लंबे समय तक एक व्यक्ति को परेशान कर सकता है।

क्या गैस्ट्रोएंटेराइटिस संक्रामक है?

हां, गैस्ट्रोएंटेराइटिस अत्यधिक संक्रामक रोग है। यह दूषित भोजन या पानी, संक्रमित व्यक्तियों के साथ सीधे संपर्क या वायरस या बैक्टीरिया से दूषित सतहों के माध्यम से फैल सकता है। 

गैस्ट्रोएंटेराइटिस और फूड पॉइजनिंग के बीच क्या अंतर है?

दोनों गैस्ट्रोएंटेराइटिस और फूड पॉइजनिंग के लक्षण लगभग एक समान ही होते हैं जैसे कि मतली, उल्टी और दस्त की समस्या होना। हालांकि दोनों के बीच कुछ बातों का अंतर है। फूड पॉइजनिंग मुख्य रूप से खाने में समस्या के कारण होती है, वहीं गैस्ट्रोएंटेराइटिस बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट संक्रमण के कारण होती है।

गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव के सुझाव

गैस्ट्रोएंटेराइटिस और इसकी जटिलताओं से बचने के लिए रोकथाम बहुत ज़रूरी है। यहां कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं, जिनका पालन आप भी कर सकते हैं

  • स्वस्थ आदतों को अपनाएं
  • सुरक्षित एवं साफ पानी पिएं
  • खाने-पीने के मामलों में सावधानी बरतें
  • संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें
  • अधिक समस्या दिखने पर तुरंत परामर्श लें

Written and Verified by:

Dr. Abhinav Sharma

Dr. Abhinav Sharma

Director Exp: 16 Yr

Gastroenterology

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An expert in Therapeutic GI Endoscopic procedures, Dr. Sharma after completing his MBBS from JLN Medical College, Ajmer and MD from SMS, earned his DM in Gastroenterology from SGPGIMS, Lucknow in 2006. Post completing his MBBS from JLN Medical College, Ajmer in 1996 and MD from SMS Medical College, Jaipur in 1999, he pursued further specialisation in Gastroenterology i.e. DM (Doctorate of Medicine in Gastroenterology) from SGPGIMS, Lucknow in 2006.

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