गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक जठरांत्र संबंधी (पाचन संबंधित) मार्ग की सूजन की समस्या है। इसके कारण मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसको पेट के फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, जिसके कारण लोग इसे इन्फ्लूएंजा का एक प्रकार भी मान लेते हैं, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिससे दुनिया भर के लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इस रोग के कारण पेट और आंतों में सूजन देखने को मिलती है, जिसके पीछे का कारण वायरल, बैक्टीरियल या पैरासाइट संक्रमण हो सकता है।
इस स्थिति को अक्सर "पेट के फ्लू" के नाम से भी जाना जाता है। यदि इस स्थिति का इलाज समय पर नहीं हो पाता है, तो इसके कारण व्यक्ति को गंभीर असुविधा, डिहाइड्रेशन और अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति के कारण, लक्षण और बचाव को समझ कर हम इस स्थिति के जोखिम को आसानी से कम कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। पेट संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए हम आपको एक अनुभवी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह भी देंगे।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक जठरांत्र संबंधी (पाचन संबंधित) मार्ग की सूजन की समस्या है। इसके कारण मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसको पेट के फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, जिसके कारण लोग इसे इन्फ्लूएंजा का एक प्रकार भी मान लेते हैं, जो श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है।
वायरस, बैक्टीरिया या पैरासाइट वह संभावित कारण है, जिसकी वजह से गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या उत्पन्न होती है। इनमें से भी वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस सबसे आम प्रकार का गैस्ट्रोएंटेराइटिस है, जिसमें से भी रोटावायरस, नोरोवायरस और एडिनोवायरस पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण मुख्य रूप से अन्य स्वास्थ्य समस्या के आधार पर आधारित होते हैं। हालांकि कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जो दर्शाते हैं कि आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं जैसे कि -
हालांकि यह सारे लक्षण दूसरे स्वास्थ्य समस्या की तरफ भी संकेत करते हैं, लेकिन इन लक्षणों पर भी बारीक नजर रखने की आवश्यकता है, क्योंकि यह आपको जल्द से जल्द स्वस्थ होने में मदद कर सकते हैं।
कई कारक गैस्ट्रोएंटेराइटिस विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं -
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के अधिकतर मामलों में इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हालांकि कुछ मामलों में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसके इलाज के लिए आवश्यक कदम उठाने पड़ते हैं जैसे कि -
हालांकि गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम लेकिन असुविधाजनक स्थिति है, जिससे हमारा दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है, लेकिन इसके कारण, लक्षण और रोकथाम के तरीके को समझने से आप इस स्थिति को काफी हद तक आसानी से मैनेज कर सकते हैं और आप जल्दी स्वस्थ भी हो सकते हैं। याद रखें, स्वच्छ रहें, हाइड्रेट रहें और स्वस्थ आदतों को अपनाएं। अधिक समस्या दिखने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
आमतौर पर डॉक्टर गैस्ट्रोएंटेराइटिस की जांच के लिए फैमिली हिस्ट्री, लक्षणों की पहचान और शारीरिक परीक्षण का ही सहारा लेते हैं। कुछ मामलों में, संक्रमण की पहचान के लिए मल की जांच की जाती है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या का समय इसके कारण के आधार पर निर्भर करता है। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस आमतौर पर 1 से 3 दिनों के बीच तक रहता है, जबकि बैक्टीरियल या पैरासिटिक संक्रमण लंबे समय तक एक व्यक्ति को परेशान कर सकता है।
हां, गैस्ट्रोएंटेराइटिस अत्यधिक संक्रामक रोग है। यह दूषित भोजन या पानी, संक्रमित व्यक्तियों के साथ सीधे संपर्क या वायरस या बैक्टीरिया से दूषित सतहों के माध्यम से फैल सकता है।
दोनों गैस्ट्रोएंटेराइटिस और फूड पॉइजनिंग के लक्षण लगभग एक समान ही होते हैं जैसे कि मतली, उल्टी और दस्त की समस्या होना। हालांकि दोनों के बीच कुछ बातों का अंतर है। फूड पॉइजनिंग मुख्य रूप से खाने में समस्या के कारण होती है, वहीं गैस्ट्रोएंटेराइटिस बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट संक्रमण के कारण होती है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस और इसकी जटिलताओं से बचने के लिए रोकथाम बहुत ज़रूरी है। यहां कुछ जरूरी सुझाव दिए गए हैं, जिनका पालन आप भी कर सकते हैं
Written and Verified by:
Dr. Abhinav Sharma is the Director of Gastroenterology Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur with over 16 years of experience. He specializes in advanced therapeutic GI endoscopic procedures and the treatment of complex gastrointestinal disorders.
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