विटामिन B12 ऊर्जा, तंत्रिका, रक्त निर्माण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी, याददाश्त कमजोर, डिप्रेशन और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।
कई बार छोटी-सी शारीरिक कमजोरी हमें बड़ा झटका दे देती है। आमतौर पर लोग थकान, भूलने की समस्या, चक्कर आना, अथवा रोजमर्रा के कामों में कठिनाई होना महसूस करते हैं, लेकिन वजह समझ नहीं पाते कि ऐसा क्यों हो रहा है।
अक्सर लोग समझते हैं कि यह सिर्फ बुढ़ापे की निशानी है, लेकिन वह समझ नहीं पाते हैं कि आपका शरीर अंदर ही अंदर पोषण की कमी का सामना कर रहा होता है? वर्तमान में लोग दिन-रात काम में व्यस्त रहते हैं, अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते और एक छोटे से पोषक तत्व की कमी के कारण जीवन भर कई सारी समस्याओं का सामना करते हैं। इसके कारण उनके जीवन की गुणवत्ता, आत्मविश्वास और स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।
भारत समेत दुनिया में 2023 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 15% वयस्कों व 47% शहरी महिलाओं में विटामिन बी 12 की कमी पाई गई है। सौभाग्य से B12 की यह कमी सही जानकारी, भोजन और समय पर जांच से आसानी से दूर हो सकती है। हम इस ब्लॉग में विटामिन B12 की कमी के कुछ लक्षण भी बताएंगे, जिन्हें समझ कर आप एक अनुभवी डॉक्टरों से विशेषज्ञ सलाह भी ले सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
सबसे पहले समझते हैं कि विटामिन B12 क्या है? विटामिन बी 12 (कोबालामिन) एक जरूरी जल में घुलने वाला विटामिन है, जो शरीर में बहुत से कार्यों के लिए जाना जाता है, जैसे कि डीएनए, लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) का निर्माण, तंत्रिका तंत्र की सुरक्षा, आदि। शरीर इसे खुद नहीं बनाता, इसलिए हमें आहार या सप्लीमेंट्स के माध्यम से इसे लेना चाहिए। विटामिन B12 मुख्यतः: मांस, दूध, दही, अंडा, मछली, पनीर जैसे पशु भोजन तथा फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों (सीरियल, न्यूट्रिशनल यीस्ट, ब्रेड) में मिलता है। हमें इन सभी खाद्य पदार्थों को अपने आहार में थोड़ा-थोड़ा करके जोड़ना चाहिए।
विटामिन बी12 को खाने के कई फायदे होते हैं जैसे कि -
विटामिन B12 की कमी के कारण कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और यही सारी समस्याएं विटामिन B12 की कमी के लक्षण होते हैं, जैसे कि -
कई बार यह लक्षण धीरे-धीरे नज़र आते हैं, जिससे रोग समय से पकड़ में नहीं आता। विटामिन बी 12 की गंभीर कमी के मामलों में मानसिक भ्रम, निराशा, और यहां तक कि चलने व बैलेंस में परेशानी हो सकती है।
विटामिन B12 की कमी को कम करने के लिए आप प्राकृतिक स्रोत का उपयोग करें। निम्न खाद्य पदार्थों से आप विटामिन B12 को ले सकते हैं -
कुछ लोगों में खास तौर पर विटामिन बी12 की कमी हो सकती है जैसे कि -
हम सरल भाषा में यह भी कह सकते हैं कि शाकाहारी होना विटामिन बी12 का एक जोखिम कारक है।
यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह ब्लड टेस्ट (खून की जांच - Serum B12) का सुझाव देते हैं। इस टेस्ट में कुछ पैरामीटर होते हैं, जो बताते हैं कि विटामिन B12 कितना होना चाहिए जैसे कि -
वहीं हर व्यक्ति के अनुसार शरीर की b12 की डोज अलग-अलग होती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर व्यक्ति के उम्र और स्थिति के अनुसार रोजाना डोज (Recommended Dietary Allowance) इस प्रकार हैं -
विटामिन B12 की कमी से बचने के लिए आपको निम्न उपायों और उपचार से बहुत मदद मिलने वाली है -
विटामिन B12 आपकी ऊर्जा, स्मृति, दिल, तंत्रिका तंत्र व आत्मविश्वास के लिए ज़रूरी है। थकान, कमजोरी या बार-बार संक्रमण दिखे तो आज ही डॉक्टर से मदद लें। समय पर इलाज से हर समस्या सुलझ सकती है। इस छोटी सी जागरूकता से आप और आपका परिवार स्वस्थ रह सकता है। इसके अतिरिक्त शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर तुरंत एक अनुभवी डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज के सभी विकल्पों पर विचार करें।
हाँ, विटामिन B12 की कमी मेगालोब्लास्टिक एनीमिया व कमजोरी का कारण बनती है, इसलिए डॉक्टर इस स्थिति का भी ख्याल रखते हैं।
विटामिन B12 सप्लीमेंट उन लोगों में असर नहीं करते, जिनका शरीर इसे अवशोषित नहीं कर पाता है, जैसे कि परनीशियस एनीमिया, पाचन विकार, उम्र बढ़ना, या कुछ दवाएं लेने वाले लोग।
शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन B12 के अच्छे स्रोत निम्न है -
विटामिन B12 की जांच के लिए खून की जांच, Serum B12 टेस्ट (150 pg/mL से कम कमी) की आवश्यकता होती है।
डॉक्टर की सलाह से यदि कोई भी सप्लीमेंट लिया जाता है, तो वह सुरक्षित माना जाता है। वह आपके शरीर और आपके द्वारा उत्पन्न होने वाले लक्षणों को समझकर उसी के आधार पर दवाओं का सुझाव देते हैं।
विटामिन B12 की आवश्यकता हर व्यक्ति में उम्र और उनके स्वास्थ्य के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं जैसे कि -
Written and Verified by:
Dr Rahul Mathur has undergone International Training in Internal Medicine from the United Kingdom. He previously worked with Mahatma Gandhi Hospital, Apex Hospitals and Metro Hospital Jaipur and conducted several free medical camps. With eight years of experience, he always chooses to reflect liability, empathy, and hard work as his foremost principles for excellence. Dr Mathur has worked on various topics in medicine and published numerous research papers at National & International conferences. He acknowledges that the medical field is constantly evolving with new technologies & practices. Therefore, he keeps himself associated with some prestigious organisation & attend regular healthcare workshops.
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