हाथों या पैरों में झुनझुनी क्यों होती है? जानिए मुख्य कारण
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हाथों या पैरों में झुनझुनी क्यों होती है? जानिए मुख्य कारण

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Summary

हाथों और पैरों में झुनझुनी नसों और रक्त संचार की समस्याओं, डायबिटिक न्यूरोपैथी, विटामिन की कमी, और अन्य स्वास्थ्य कारणों से होती है। समय रहते उपचार और जीवन शैली बदलाव से इसे नियंत्रित कर एक बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन जिया जा सकता है।

हाथों और पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन और कमजोरी जैसे लक्षण अक्सर नसों या रक्त संचार में समस्या की वजह से होती है। कभी-कभी ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको पिन्स और नीडल्स से चुभाया जा रहा है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियों भी प्रभावित होती है। यदि यह झुनझुनी बार-बार हो या साथ में कमजोरी, दर्द, या संतुलन में परेशानी हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर पहचान और उपचार से आप स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकते हैं।

यदि आप भी ऐसे किसी भी लक्षण का सामना कर रहे हैं, तो बिना देर किए न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें और इलाज के विकल्पों पर विचार करें।

हाथों-पैरों में झुनझुनी क्या होती है?

जैसा कि हमने आपको पहले बताया था कि हाथों और पैरों में झुनझुनी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ऐसा महसूस होता है कि आपके हाथ और पैरों में “पिन्स और नीडल्स” लगाए जा रहे हैं। यह एक असामान्य संवेदना है, जिसका सामना कोई भी नहीं करना चाहता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसके कारण सिर्फ झुनझुनी नहीं होती है। इसके साथ सुन्नपन और कमजोरी भी महसूस हो सकती है, जिससे न केवल असुविधा होती है, बल्कि दैनिक कार्यों में भी बाधा उत्पन्न होती है। यह संकेत हो सकता है कि हमारे शरीर में नसों या रक्त संचार में कोई समस्या है।

झुनझुनी होने के आम कारण

झुनझुनी के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें कुछ बेहद सामान्य और अस्थायी हैं, जबकि कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी देते हैं। अक्सर लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या सोने से नसों पर दबाव पड़ने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है, जो सही मुद्रा अपनाने के बाद ठीक भी हो जाती है। इसलिए कई बार इसे सिर्फ एक सामान्य स्थिति ही समझा जाता है। लेकिन यदि झुनझुनी बार-बार होती है या साथ में कुछ अन्य लक्षण भी दिखे, तो इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए। इसके आम कारणों में शामिल है नसों में दबाव, नसों में कमजोरी, और रक्त परिसंचरण में समस्या।

नसों और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्याएं

हाथों और पैरों में झुनझुनी का एक बड़ा कारण नसों का दबाव या नर्व डैमेज है। नसों पर लगातार दबाव या चोट लगने से नसें प्रभावित होती हैं, जिससे झुनझुनी, दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके साथ ही रक्त संचार की खराबी भी झुनझुनी का एक मुख्य कारण बन सकता है। ब्लड सर्कुलेशन समस्या में शरीर के किसी हिस्से तक रक्त का प्रवाह सही तरह से नहीं हो पाता, जिससे उस क्षेत्र में नसों को ठीक तरह से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।

झुनझुनी और डायबिटीज का संबंध

कई मरीज जिनमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा होता है, उसमें झुनझुनी बहुत ज्यादा होती है। डायबिटीज के मरीजों में झुनझुनी होना एक सामान्य स्थिति है। हाई ब्लड शुगर के कारण शरीर की नसों को नुकसान पहुंचता है, जो झुनझुनी, जलन, और कमजोरी की समस्या का कारण बनता है। भारत में लगभग 50-60% डायबिटीज मरीजों को भविष्य में न्यूरोपैथी की शिकायत हो सकती है। हाई ब्लड शुगर को नियंत्रण में लाना इस समस्या से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।

विटामिन की कमी और अन्य स्वास्थ्य कारण

जिस तरह से सही पोषण शरीर को मजबूत बनाता है, उसी तरह विटामिन की कमी भी नसों की समस्या का कारण बन सकती है। खासकर विटामिन B12, B6, B1, और फोलेट की कमी से नर्व डैमेज हो सकते हैं, जो हाथों और पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन का खतरा बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, ऑटोइम्यून डिजीज, किडनी की समस्या, हार्ट की बीमारी, और कुछ दवाइयां भी इस समस्या का कारण हो सकती हैं।

कब झुनझुनी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है?

यदि झुनझुनी के साथ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए - 

  • लगातार बढ़ती कमजोरी या सुन्नपन
  • हाथ-पैर की मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
  • अस्थिर चलना या संतुलन खोना
  • अचानक चेहरे, हाथ, या पैर में सुन्नपन या कमजोरी
  • बोलने या सोचने में दिक्कत
  • बार-बार झुनझुनी होना जो ठीक न हो

यह किसी गंभीर समस्या जैसे कि स्ट्रोक, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, या गंभीर नर्व डैमेज के संकेत हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देर किए डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

झुनझुनी कम करने के उपाय और जीवनशैली में बदलाव

झुनझुनी को कम करने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं। नियमित एक्सरसाइज, स्वस्थ आहार जिसमें विटामिन भरपूर हो, सही मुद्रा में बैठना और सोना, तनाव कम करना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त योग और मेडिटेशन भी आपको मानसिक शांति प्रदान कर सकते हैं। ब्लड शुगर नियंत्रण, और धूम्रपान से बचाव दो ऐसे पहलू हैं, जिनसे आपको लाभ मिलना निश्चित है। साथ ही, यदि कोई दवा सेवन कर रहे हों तो डॉक्टर से उसकी समीक्षा कराएं। हो सकता है कि किसी दवा के कारण आपको इस प्रकार का साइड इफेक्ट नजर आए, तो वह उस दवा को भी बंद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

हाथों और पैरों में झुनझुनी केवल एक असुविधाजनक अनुभव नहीं, बल्कि शरीर की संकेत प्रणाली भी हो सकती है, जो आपकी नसों, रक्त संचार या विटामिन की कमी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इंगित करती है। इसका नियमित और गंभीर होना अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। समय रहते सही जांच और उपचार से आप इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं और बेहतर जीवन गुणवत्ता प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको या आपके किसी परिचित को बार-बार झुनझुनी महसूस होती है, तो हमारे अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से मिलें और अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा का विश्वास बनाए रखें।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या लंबे समय तक बैठने या सोने से झुनझुनी होना सामान्य है?

हाँ, यह सामान्य है। लेकिन अगर यह बार-बार हो या लंबे समय तक बने रहे तो डॉक्टर से परामर्श और जांच जरूरी है।

हाथ-पैरों में बार-बार झुनझुनी होना किन बीमारियों का लक्षण हो सकता है?

डायबिटीज, न्यूरोपैथी, विटामिन की कमी, ऑटोइम्यून बीमारियां, ब्लड सर्कुलेशन में समस्या आदि इसके सामान्य कारण हैं।

क्या विटामिन B12 लेने से झुनझुनी ठीक हो सकती है?

हां, यदि झुनझुनी का कारण विटामिन B12 की कमी हो तो सप्लीमेंट्स से सुधार हो सकता है। लेकिन कोई भी सप्लीमेंट स्वयं न लें। प्रयास करें कि डॉक्टर से मिलें और सभी विकल्पों पर विचार करें।

डायबिटीज मरीजों में झुनझुनी क्यों ज्यादा होती है?

डायबिटीज के कारण नसों को नुकसान पहुंचता है, जिससे नर्व डैमेज होता है और झुनझुनी की समस्या बढ़ती है।

कब झुनझुनी के लिए डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए?

जब झुनझुनी के साथ कमजोर मांसपेशियां, बोलने में समस्या, एक और शरीर में कमजोरी या सुन्नता हो, तो तुरंत बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Written and Verified by:

Dr. Pushkar Gupta

Dr. Pushkar Gupta

Director Exp: 28 Yr

Neurology

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Dr. Pushkar Gupta is Director of Neurology Dept. at CK Birla Hospital, Jaipur, with nearly 30 years of experience. He handles complex cases of stroke, epilepsy, headaches, CNS infections, tropical neurological diseases and neuromuscular disorders.

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