कई बार बच्चे जन्म से ही कुछ समस्याओं का सामना करते हैं, तो कुछ मामलों में जन्म के बाद कुछ समस्याएं अचानक से उत्पन्न होती हैं। बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकार एक ऐसी समस्या है, जिसके बारे में बात करना बहुत ज्यादा जरूरी है। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में लगभग हर 6 में से 1 बच्चे को विकासात्मक या न्यूरोलॉजी संबंधित विकार है। बच्चे कई समस्या का सामना कर सकते हैं, जिनमें से मुख्य है ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD), अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), मिर्गी और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी।
कई बार बच्चे जन्म से ही कुछ समस्याओं का सामना करते हैं, तो कुछ मामलों में जन्म के बाद कुछ समस्याएं अचानक से उत्पन्न होती हैं। बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकार एक ऐसी समस्या है, जिसके बारे में बात करना बहुत ज्यादा जरूरी है। ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में लगभग हर 6 में से 1 बच्चे को विकासात्मक या न्यूरोलॉजी संबंधित विकार है। बच्चे कई समस्या का सामना कर सकते हैं, जिनमें से मुख्य है ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD), अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), मिर्गी और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी।
इन सभी समस्याओं के कारण बच्चों को विकास, व्यवहार और जीवन की समग्र गुणवत्ता से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति के प्रभावी इलाज और बेहतर परिणाम के लिए शुरुआती पहचान बहुत ज्यादा जरूरी है। बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकार के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर त्वरित इलाज के लिए एक अनुभवी एवं श्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
बच्चों में कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होती हैं, जिसमें से बच्चों में सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार निम्नलिखित है -
कुछ मामलों में देखा गया है कि वायरल संक्रमण के कारण भी न्यूरोलॉजिकल विकार हो सकते हैं, इसलिए किसी भी समस्या को नजरअंदाज किए बिना अपना सारा कार्य अच्छे से करें।
बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकारों के इलाज के लिए उसे पहचानना बहुत ज्यादा जरूरी है। कुछ लक्षण विशिष्ट आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ लक्षण है, जो इस स्थिति का संकेत देते हैं जैसे कि -
कुछ तंत्रिका संबंधी समस्याएं बच्चों में जन्म के समय से ही मौजूद होते हैं, जिन्हें हम जन्मजात स्थितियां या कंजेनिटल इश्यू कहते हैं। यह बच्चों की समस्या उन्हें अपने माता-पिता या पूर्वजों से मिलती है। अलग-अलग तरीकों से जन्मजात स्थितियां उत्पन्न होती हैं, जैसे कि - जेनेटिक म्यूटेशन, जन्म से पहले की चोट या प्रेगनेंसी के दौरान कोई समस्या होना। चलिए इसे उदाहरण के द्वारा समझते हैं -
बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकारों का इलाज इसके कारण और प्रकार पर निर्भर करता है जैसे कि -
बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकारों को मैनेज करने के लिए इसके लक्षणों की पहचान बहुत ज्यादा जरूरी है। सबसे पहला कार्य करें कि अपने बच्चे के स्वास्थ्य की नियमित जांच करें और देखें कि उसमें कैसे बदलाव आ रहे हैं। कुछ नकारात्मक बदलाव दिखे, तो तुरंत एक अच्छे एवं अनुभवी विशेषज्ञ से बात करें।
हमारे पास ऐसे मामलों को बेहतर तरीके से संभालने के लिए एक विशेष टीम भी है। अपने बच्चे के बेहतर जांच और इलाज के लिए आप हमसे भी संपर्क कर सकते हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकारों के निदान और उपचार में माहिर होते हैं। वह व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ मिल कर आपको एक उत्तम और श्रेष्ठ इलाज प्रदान कर सकते हैं।
कुछ जीवनशैली में बदलाव और घर पर सहायक देखभाल लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई भी लापरवाही न करें और तुरंत एक अच्छे एवं अनुभवी विशेषज्ञ से परामर्श लें।
सामान्य लक्षणों में विकास संबंधी देरी, मांसपेशियों की टोन में असामान्यताएं, दौरा पड़ना, व्यवहार में बदलाव, कॉर्डिनेशन स्थापित करने समस्या और भोजन करने में कठिनाई शामिल है। इन संकेतों की प्रारंभिक पहचान शीघ्र मूल्यांकन और हस्तक्षेप आवश्यक है।
Written and Verified by:
An MCh in Neurosurgery from SMS Medical College and a Fellowship in Cerebrovascular Surgery and Micro Neurosurgery from Helsinki University Central Hospital, Dr. Amit Chakrabarty has over 18 years of experience in the field. The areas of his special interest include Neurovascular surgery and Skull base surgery. He has published widely in various national and international journals of repute.
Similar Neurosciences Blogs
Book Your Appointment TODAY
© 2024 RBH Jaipur. All Rights Reserved.