हाइपरपिग्मेंटेशन एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें त्वचा के कुछ हिस्से काले पड़ जाते हैं। इस त्वचा के काले धब्बों का मुख्य कारण है मेलेनिन का अधिक उत्पादन जो त्वचा के इस रंग के लिए जिम्मेदार पिगमेंट होता है।
यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें चेहरे पर अलग-अलग प्रकार के धब्बे आ जाते हैं, इसके साथ-साथ उस व्यक्ति के आत्मविश्वास में भी भारी कमी आती है। इसलिए इस स्थिति का इलाज समय रहते कराने की सलाह हम आपको भी देते हैं। अनुभवी त्वचा रोग विशेषज्ञ से अभी मिलें और इलाज के सभी विकल्पों के बारे में बात करें और जानें।
हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण
त्वचा के काले धब्बों के इलाज से पहले इसके कारणों को समझना बहुत ज्यादा जरूरी है। कई कारक हैं, जिसकी वजह से हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या होती है जैसे कि -
- सूर्य के संपर्क में आना: यदि आपकी त्वचा अल्ट्रावायलेट रेज के संपर्क में आती है, तो इससे आपके शरीर में मेलेनिन का निर्माण बहुत ज्यादा होता है, जिससे सनस्पॉट या काले धब्बे बन जाते हैं। इसमें चेहरे और हाथ पर सूर्य का प्रभाव अधिक देखने को मिलता है।
- हार्मोन में बदलाव: अक्सर महिलाओं के शरीर में प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सारे बदलाव आते हैं या फिर जब वह गर्भ निरोधक दवाएं खाती हैं, तो महिलाओं के शरीर में बहुत बदलाव देखने को मिलते हैं। इससे भी त्वचा पर काले धब्बे बन जाते हैं।
- त्वचा की चोट: इस स्थिति को पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन कहा जाता है। त्वचा पर किसी भी प्रकार की समस्या जैसे कि मुंहासे, कट या जलन के कारण शरीर में मेलेनिन उत्पादन में तेजी आती है जिससे काले धब्बे रह जाते हैं।
- दवाएं: कुछ प्रकार की दवाएं, जैसे कि एंटीबायोटिक और कीमोथेरेपी एजेंट के साइड इफेक्ट में काले धब्बे का निर्माण होता है।
- चिकित्सा स्थितियां: एडिसन रोग और थायराइड डिसफंक्शन जैसे विकार भी त्वचा के काले पड़ने में योगदान दे सकते हैं।
हाइपरपिग्मेंटेशन का निदान और उपचार
त्वचा पर किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर सबसे पहला कार्य आपको करना है एक अनुभवी त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें। वह शारीरिक जांच की मदद से हाइपरपिग्मेंटेशन का निदान कर सकते हैं और यदि आवश्यक हो, तो इस स्थिति के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त टेस्ट का सुझाव भी दे सकते हैं।
हाइपरपिग्मेंटेशन के इलाज के लिए अलग-अलग विकल्प मौजूद हैं, जो अलग-अलग तरीकों से कार्य करता है जैसे कि -
- फेस एसिड: बहुत सारे एसिड हैं, जैसे कि अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड (ग्लाइकोलिक, लैक्टिक), एजेलिक एसिड, कोजिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड और विटामिन सी जो हमारे त्वचा के ऊपरी भाग पर प्रभाव डाल कर त्वचा के ऊपरी परत को एक समान कर देते हैं। प्रयास करें कि डॉक्टर के निर्देशों का सही से पालन करें और किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर इन दवाओं को बंद करें।
- रेटिनोइड्स: यह विटामिन ए की दवाएं होती हैं जो त्वचा में गहराई से प्रवेश करते हैं, जिससे दवा का प्रभाव अच्छे से होता है। इस प्रकार की दवाएं झुर्रियों को ठीक करने में मदद कर सकती है। अधिकतर मामलों में ट्रेटिनॉइन नामक दवा का सुझाव डॉक्टर देते हैं, जो अधिक प्रभावी साबित हो सकती है। डफरिन जेल मुंहासे और मलिनकिरण को ठीक करने की क्षमता रखते हैं।
- केमिकल पील्स: इस प्रकार की पील्स हाइपरपिग्मेंटेशन का सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। लेकिन इन पील्स के कारण हमारी त्वचा सूरज के प्रति अति संवेदनशील हो जाती है, जो कि अच्छी बात नहीं है। इससे बचने के लिए सनस्क्रीन आपकी मदद कर सकती है।
- लेजर पील (स्किन रीसर्फेसिंग): इसमें लेजर प्रक्रिया से काले धब्बों को हटाया जाता है। सभी लेजर प्रक्रिया में से एब्लेटिव लेजर अधिक मजबूत और प्रभावी तकनीक है, लेकिन यह जोखिम से भरा हो सकता है। हालांकि नॉन-एब्लेटिव लेजर कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इस संबंध में अपने त्वचा रोग विशेषज्ञ से बात करें।
- इंटेंस पल्स्ड लाइट (IPL): यह भी एक लेजर थेरेपी है, जिसमें सपाट या हल्के धब्बों का इलाज प्रभावी तरीकों से संभव हो पाता है।
- लाइटनिंग क्रीम: कुछ प्रकार की क्रीम जैसे कि नियासिनमाइड और लीकोरिस एक्सट्रैक्ट जैसी दवाएं सपाट धब्बों को हल्का करने में मदद कर सकती हैं। इन दवाओं से परिणाम धीरे-धीरे ही मिलते हैं, लेकिन यह अल्ट्रावायलेट रेज़ से आपको आसानी से बचा सकता है।
हाइपरपिग्मेंटेशन के इलाज के लिए घरेलू उपचार और रोकथाम
हाइपरपिग्मेंटेशन को प्राकृतिक उपचारों से घर पर भी ठीक किया जा सकता है, जिनको प्रमाणित हमारे डॉक्टर भी करते हैं -
- एप्पल साइडर विनेगर: इसमें एसिटिक एसिड होता है, जो त्वचा पर काले धब्बे को ठीक कर सकता है। विनेगर और पानी को बराबर मात्रा में डालें और उसे काले धब्बों पर 2-3 बार लगाएं।
- एलोवेरा:यह ऐसी जड़ी बूटी है, जो प्राकृतिक डी-पिगमेंटिंग एजेंट है। इसे लगाने का सबसे सही तरीका है, रात में इसे लगा कर सो जाएं।
- लाल प्याज: लाल प्याज का अर्क त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम के रूप में कार्य कर सकता है। आप ऐसे प्रोडक्ट की भी तलाश कर सकते हैं, जिसमें यह अधिक मात्रा में हो और उसे निर्देशानुसार लगाएं।
- ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट: ग्रीन टी डी-पिगमेंटिंग गुणों के लिए जानी जाती है, जिसे आप सीधे अपने चेहरे पर लगा भी सकते हैं। वैकल्पिक रूप से एक भिगोए हुए टी बैग को ठंडा करके और इसे दिन में दो बार काले धब्बों पर लगाएं।
- ब्लैक टी वॉटर: एक रिसर्च में यह सामने आया है कि ब्लैक टी वॉटर काले धब्बों को कम करने में मदद कर सकता है। रुई को काली चाय में दो घंटे तक भिगोए और चार हफ्तों तक एक हफ़्ते में छह दिन, और दिन में दो बार दाग-धब्बों पर लगाएं।
- दूध: दूध में लैक्टिक एसिड होता है, जो चेहरे पर हाइपर पिगमेंटेशन को कम कर सकता है। दूध में भिगोई हुई रूई को दिन में दो बार दाग-धब्बों पर लगाएं।
- टमाटर का पेस्ट: लाइकोपीन से भरपूर, टमाटर का पेस्ट हमारे त्वचा को खराब होने से बचा सकता है। प्रयास करें कि 12 सप्ताह तक रोजाना 55 ग्राम ऑलिव ऑयल के साथ टमाटर के पेस्ट का सेवन करें जिससे बहुत मदद मिल सकती है।
- ऑर्किड एक्सट्रैक्ट: यह विटामिन सी के बराबर प्रभाव दे सकता है, इसलिए इसका भी उपयोग काले धब्बों पर लगाएं।
- मसूर दाल (लाल दाल): भिगोए हुई दाल का पेस्ट बना कर 20 मिनट तक चेहरे पर लगाएं और इसे धो लें। इससे बहुत लाभ मिलेगा।
हाइपरपिग्मेंटेशन एक आम स्थिति है, जिसके लिए बहुत सारे इलाज के विकल्प मौजूद है, लेकिन सही उपचार का चयन बहुत ज्यादा आवश्यक है। इसमें आपकी मदद एक अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हाइपरपिग्मेंटेशन कितने समय तक रहता है?
कारण और उपचार के तरीके के आधार पर इस प्रश्न का उत्तर निर्भर करता है। सही समय पर सही इलाज मिलने से यह धब्बे कुछ ही महीनों में अपने आप ठीक होने लग जाएंगे।
क्या मुझे हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए चिकित्सा देखभाल लेनी चाहिए?
यदि ओवर-द-काउंटर दवाओं से कई महीनों तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता है, तो इसके कारण काले धब्बे आपको अधिक परेशान कर सकते हैं और यह आपके आत्मविश्वास को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूर लें।