ब्रेन ट्यूमर और इसका आधुनिक इलाज
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ब्रेन ट्यूमर और इसका आधुनिक इलाज

Summary

ब्रेन ट्यूमर एक घातक रोग है, जिसमें कैंसर की संभावना लगातार बनी रहती है। हर प्रकार का ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करता है। दुनियाभर में ट्यूमर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं

ब्रेन ट्यूमर एक घातक रोग है, जिसमें कैंसर की संभावना लगातार बनी रहती है। हर प्रकार का ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करता है। दुनियाभर में ट्यूमर के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं, जिस पर ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है। यदि समय रहते इस स्थिति के लक्षणों को समझा नहीं गया, तो स्थिति बहुत ज्यादा कष्टदायक साबित हो सकती है। कई बार इस स्थिति के लक्षण ही लोगों को समझ नहीं आते हैं, जिससे स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाती है। ब्रेन ट्यूमर के इलाज को खोजने से पहले इसके विभिन्न पहलुओं को अवश्य समझना होगा। इसके अतिरिक्त ब्रेन ट्यूमर के इलाज में हमारे विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं। अभी अपना अपॉइंटमेंट तंत्रिका-विज्ञान के साथ बुक करें और इस स्थिति से बाहर निकलें। 

ब्रेन ट्यूमर के प्रकार

मुख्यतः ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं - प्राइमरी और मेटास्टेटिक या सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर। प्राथमिक या प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के भीतर उत्पन्न होते हैं और इस प्रकार के ट्यूमर में कैंसर नहीं होता है। इसके अतिरिक्त ब्रेन ट्यूमर को अलग-अलग प्रकार में वर्गीकृत किया गया है - 

  • मेनिनजियोमा: मेनिनजियोमा सबसे आम प्रकार का ब्रेन ट्यूमर है। सभी ब्रेन ट्यूमर के मामलों में लगभग 30% मामले मेनिनजियोमा ब्रेन ट्यूमर के होते हैं। यह ट्यूमर मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है।
  • एस्ट्रोसाइटोमा: एस्ट्रोसाइटोमा एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर है, जो एस्ट्रोसाइट्स से उत्पन्न होता है। यह एक स्टार के आकार की ग्लियाल कोशिकाएं हैं, जो मस्तिष्क में न्यूरॉन्स का समर्थन और पोषण करता है। इस प्रकार के ट्यूमर सौम्य या घातक हो सकते हैं और इन्हें ग्रेड 1 से 4 में विभाजित किया जाता है। ग्रेड 4 सबसे अधिक आक्रामक और घातक होता है।
  • ग्लियोमा: ग्लियोमा ब्रेन ट्यूमर ग्लियाल कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। इसमें एस्ट्रोसाइट्स, ओलिगोडेंड्रोसाइट्स और एपेंडिमल कोशिकाएं होती हैं। यह सौम्य या घातक हो सकते हैं और स्थान, आकार और व्यवहार में भिन्न होते हैं।
  • मेडुलोब्लास्टोमा: मेडुलोब्लास्टोमा भी एक प्रकार ब्रेन ट्यूमर है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। आमतौर पर 3 से 8 साल के बीच के बच्चों को यह ट्यूमर सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। यह सेरिबैलम से शुरू होता है,जो कि मस्तिष्क का एक भाग है। धीरे धीरे यह शरीर के अन्य भाग को प्रभावित करने लगता है। 
  • पिट्यूटरी एडेनोमा: पिट्यूटरी एडेनोमा एक सौम्य प्रकार का ट्यूमर है, जो पिट्यूटरी ग्लैंड को प्रभावित करता है। इसके कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है और शरीर के विभिन्न कार्यों को यह प्रभावित करता है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण इसके प्रकार, आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • सिरदर्द: आमतौर पर सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य लक्षण है। सिरदर्द की समस्या लगातार बनी रहती है। यह सिरदर्द सुबह के समय प्रभावित करता है। यह सबसे सामान्य लक्षण है।
  • दौरे: ब्रेन ट्यूमर की स्थिति में मस्तिष्क में इलेक्ट्रिकल सर्किट में ब्लॉकेज आता है, जिससे स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है। 
  • मतली और उल्टी: मुख्य रूप से ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के भाग को प्रभावित करता है, जिससे मतली और उल्टी की समस्या उत्पन्न होती है। सिरदर्द के साथ यह लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं। 
  • दृष्टि में समस्याएं: ब्रेन ट्यूमर के कारण साफ-साफ देखने में समस्या होती है। 
  • शरीर में कमजोरी: ब्रेन ट्यूमर से शरीर का एक भाग कमजोर या सुन्न रह सकता है। 
  • बोलने या भाषण में कठिनाई: ब्रेन ट्यूमर से बोलने या भाषा को समझने में कठिनाई होती है। ऐसा होने पर आप एक स्पीच थेरेपिस्ट से भी सलाह ले सकते हैं। 
  • व्यवहार में बदलाव: ब्रेन ट्यूमर से व्यवहार में बदलाव होता है। चिड़चिड़ापन, भ्रम या डिप्रेशन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो निदान एवं इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। ब्रेन ट्यूमर के जल्द से जल्द निदान और इलाज से स्थिति में सुधार होना संभव है।

ब्रेन ट्यूमर का आधुनिक इलाज

ब्रेन ट्यूमर के इलाज का मुख्य लक्ष्य है ट्यूमर को हटाना और उसे वापस आने से रोकना। इसके लिए डॉक्टर स्थिति का आकलन करते हैं और स्थिति के आधार पर उत्तम इलाज के विकल्प का सुझाव देते हैं। निम्नलिखित इलाज के विकल्पों पर डॉक्टर विचार कर सकते हैं -

  • सर्जरी: सर्जरी का विकल्प गंभीर मामलों में ही दिया जाता है। सर्जरी में सर के एक छोटे से भाग को हटा दिया जाता है और ट्यूमर के स्थान को काट कर ट्यूमर को अपनी जगह पर फिर से लगा दिया जाता है। 
  • रेडियोथेरेपी: सर्जरी के बाद डॉक्टर सुनिश्चित करते हैं कि कैंसर की कोशिकाएं शरीर में रह जाए। इसके लिए सर्जरी के बाद रोगी को रेडियोथेरेपी करवाने की सलाह दी जाती है।
  • कीमोथेरेपी: जैसे कि हमने आपको बताया है कि सर्जरी के बाद रेडियोथेरेपी होती है, लेकिन यदि कैंसर की कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं तो उन सेल्स को मारने के लिए कीमोथेरेपी की आवश्यकता होती है। 
  • रेडियोसर्जरी: यदि आप सर्जरी नहीं करा सकते हैं, तो कैंसर को मारने के लिए रेडियोसर्जरी एक कारगर विकल्प साबित हो सकता है। इस आधुनिक प्रक्रिया में सारी छोटी-छोटी किरणें कैंसर प्रभावित क्षेत्र पर लक्षित की जाती हैं।
  • कारमस्टाइन इम्प्लांट्स (ग्लियल वेफर्स): ट्यूमर के सबसे गंभीर मामलों में कीमोथेरेपी के सबसे नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जाता है, जिसमें एक उपकरण को मस्तिष्क में डाला जाता है। कारमस्टाइन का उपयोग लिम्फोमा, मायलोमा और ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कभी-कभी अन्य कैंसर के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव देते हैं, जिससे सिरदर्द और उल्टी से राहत मिल जाती है। वहीं इलाज के बाद रोगी को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे - 

  • दौरा
  • चलने में कठिनाई
  • बोलने में समस्याएं

स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना बहुत ज्यादा जरूरी है। यहां आपको एक बात समझनी होगी कि ब्रेन ट्यूमर की स्थिति का जल्द से जल्द निदान और इलाज बहुत ज्यादा जरूरी है। ब्रेन ट्यूमर की समस्या फिर से उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में हम आपको एक अनुभवी और श्रेष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलने की सलाह देंगे। 

ब्रेन ट्यूमर से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

ब्रेन ट्यूमर के कितने स्टेज होते हैं?

मुख्यतः ब्रेन ट्यूमर के चार स्टेज होते हैं। यदि डॉक्टर ब्रेन ट्यूमर के तीसरे स्टेज का निदान समय रहते कर लेते हैं और उचित इलाज प्रदान करने में सफल होते हैं, तो रोगी को बचाया जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चौथे स्टेज में ट्यूमर जानलेवा साबित हो सकता है।

आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर का पहला लक्षण क्या होता है?

ब्रेन ट्यूमर के बहुत सारे लक्षणों के बारे में आपको ऊपर ब्लॉग से पता चल गया होगा। लेकिन इस स्थिति के शुरुआती लक्षणों को नीचे बताया गया है - 

  • सिरदर्द
  • मानसिक गतिविधियों में समस्या 
  • दिमाग में या उसके आसपास की संरचना पर दबाव 

ब्रेन ट्यूमर वाले व्यक्ति कब तक जीवित रह सकते हैं?

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी के अनुसार 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए 5 साल तक जीवित रहने की दर लगभग 75% है। 15 से 39 वर्ष के लोगों के लिए यह दर लगभग 72% और 40 या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए यह दर लगभग 21% है। समय रहते उत्तम इलाज आपको इस स्थिति से बचा सकता है।

Written and Verified by:

Dr. Kapil Khandelwal

Dr. Kapil Khandelwal

Senior Consultant Exp: 9 Yr

Neurology

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