ब्लड में इन्फेक्शन कैसे होता है? यब प्रश्न कई लोगों के मन में आता होगा, जिसका जवाब आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से देंगे। ब्लड इन्फेक्शन वह स्थिति है, जो शरीर में संक्रमण के कारण उत्पन्न होती है। मेडिकल विशेषज्ञों की मानें, तो इस रोग के कारण शरीर के कई अंग अपना सामान्य काम करना बंद कर देते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति को ब्लड इन्फेक्शन के संबंध में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। यदि आप ब्लड इंफेक्शन के दायरे में है या फिर आपको लगता है कि आप इस रोग से पीड़ित हो सकते हैं, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप हमारे इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ से एक बार ज़रूर परामर्श लें और उनसे इलाज के विकल्पों पर बात करें।
चलिए जानते हैं कि ब्लड इन्फेक्शन क्या है, ब्लड में इन्फेक्शन होने से क्या होता है, और इसका इलाज कैसे किया जाता है?
ब्लड इंफेक्शन को अंग्रेजी भाषा में सेप्सिस (Sepsis) या सेप्टिसीमिया (septicemia) कहा जाता है। सेप्सिस आमतौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, जिससे खून में संक्रमण की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ब्लड इंफेक्शन तब होता है जब रक्त में मौजूद रसायन के कारण शरीर में सूजन और जलन उत्पन्न हो। मानव शरीर संक्रमण के प्रति बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया करता है। यह प्रतिक्रिया शरीर को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मृत्यु की संभावना लगातार बनी रहती है। संक्रमण अक्सर फेफड़ों, पेट या मूत्राशय में शुरू होता है और पूरे शरीर में फैल जाता है।
कुछ मामलों में देखा गया है कि सेप्सिस सेप्टिक शॉक का रूप ले लेता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर में अचानक कमी आती है, जो मृत्यु का कारण भी बन सकता है। सेप्टिक शॉक वह स्थिति है, जिसमें संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाता है और शरीर के कुछ अंग अपना कार्य करना बंद कर देते हैं। यह रोग हर व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है लेकिन, यह समस्या बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में सबसे ज्यादा आम है।
बैक्टीरिया के कारण तीन प्रकार के ब्लड इंफेक्शन होते हैं, अर्थात बैक्टीरिया, वायरस और फंगस। यह सभी प्रकार के संक्रमण व्यक्ति के जीवन के लिए खतरा होते हैं। चलिए संक्रमण के प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैं -
ब्लड इन्फेक्शन का निदान जब भी होता है, उसे तीन चरण में विभाजित किया जाता है। पहले चरण में सेप्सिस की शुरुआत होती है। दूसरे चरण में संक्रमण थोड़ा गंभीर होता है और तीसरे चरण में सेप्टिक शॉक की स्थिति उत्पन्न होती है। इन सभी चरणों में अलग अलग लक्षण उत्पन्न होते हैं, लेकिन कुछ लक्षण है जो सभी चरणों में देखने को मिलते हैं जैसे -
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अन्य संक्रमण के कारण ब्लड इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक होता है। जब बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करते हैं, तो वह संक्रमण का कारण बन सकते हैं। यदि इस संक्रमण को समय रहते नहीं रोका जाता है, तो यह सेप्सिस का मुख्य कारण बन जाता है। वायरल संक्रमण, जैसे कोविड-19, इन्फ्लूएंजा, या फंगल संक्रमण के कारण भी ब्लड में इन्फेक्शन की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं।
सेप्सिस के कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि किसी दूसरे स्वास्थ्य समस्या जैसे पुरानी फेफड़ों की बीमारी या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण भी ब्लड इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको ब्लड इंफेक्शन के लक्षण दिखते हैं या फिर इस स्थिति का निदान आपको हुआ है तो तुरंत हमारे डॉक्टर से संपर्क करें।
ब्लड में इंफेक्शन हर व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। लेकिन कुछ लोग इस रोग के दायरे में होते हैं जैसे -
इन सभी जोखिम कारकों में मुख्य सर्जरी का होना भी एक जोखिम कारक है, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि ब्लड इन्फेक्शन के लक्षण महसूस होते ही आपको तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यदि आपको सेप्सिस का निदान हो गया है, तो हम आपको सलाह देंगे कि आप निम्नलिखित उपायों का पालन करें -
इन सबके अतिरिक्त बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा लेने का सुझाव नहीं दिया जाता है। इससे स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।
शुरुआत में एक प्रश्न पूछा गया था कि खून में इन्फेक्शन कैसे ठीक होता है? चलिए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं। सेप्सिस के लिए त्वरित इलाज बहुत ज्यादा अनिवार्य होता है। गंभीर मामलों में इलाज की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है।
इलाज से पहले डॉक्टर कुछ परीक्षण का सुझाव देते हैं जैसे -
जांच के परिणाम के आधार पर यह पुष्टि हो जाती है कि ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) है या नहीं। परिणाम के आधार पर ही इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर इलाज की योजना बनाते हैं। गंभीर मामलों में डॉक्टर आईसीयू में एडमिट करने का सुझाव देते हैं।
संक्रमण के कारण का पता लगाया जाता है और जैसे ही इसका पता चलता है, डॉक्टर उस कारण को खत्म करने के इलाज करते हैं। इलाज के विकल्प रोगी के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करते हैं।
इन खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है।
इन खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है।
ब्लड इन्फेक्शन के इलाज के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में 7 से 10 दिन का समय लग सकता है। संक्रमण का पता चलने के तुरंत बाद दवाओं से इलाज शुरू करना चाहिए। इससे रिकवरी आसान हो जाती है।
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