हर साल न जाने कितने ही लोग कैंसर के कारण अपनी जान गवां रहे हैं। लेकिन सही इलाज की योजना और इम्यूनोथेरेपी की मदद से कई लोगों को एक बेहतर जीवन दिया जा सकता है।
कैंसर, एक ऐसी बीमारी है जो हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले रही है। समय के साथ चिकित्सा में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, लेकिन कैंसर का इलाज आज भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य बना हुआ है। हालांकि, अब एक नई तकनीक सामने आई है, जो कैंसर के इलाज में उम्मीद की नई किरण बनकर उभरी है – इम्यूनोथेरेपी। यह एक उन्नत और प्रभावी उपचार पद्धति है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ सक्रिय करती है। इम्यूनोथेरेपी ने कैंसर के उपचार में क्रांति ला दी है और यह उन रोगियों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है, जिनका इलाज पारंपरिक तरीकों से पूरी तरह से संभव नहीं हो पाता।
इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार की जैविक चिकित्सा है, जिसमें शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ सक्रिय और मजबूत किया जाता है। यह उपचार शरीर में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करता है, जो इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में मदद करते हैं। कैंसर कोशिकाओं को शरीर का इम्यून सिस्टम आसानी से पहचान नहीं पाता क्योंकि यह कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने के लिए कुछ विशेष प्रोटीन उत्पन्न करती हैं। इम्यूनोथेरेपी इन कोशिकाओं को पहचानने में मदद करती है, जिससे शरीर उन्हें नष्ट कर सकता है। इसके द्वारा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को टार्गेट किया जाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं पर अधिक सटीक तरीके से हमला किया जा सके।
इम्यूनोथेरेपी की प्रक्रिया शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ सक्रिय करने की है। जब शरीर की इम्यून प्रणाली कैंसर कोशिकाओं को पहचानने में सक्षम हो जाती है, तो वह उन्हें नष्ट करने के लिए विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करती है। कैंसर कोशिकाएं अक्सर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने के लिए अपनी सतह पर विशेष प्रोटीन उत्पन्न करती हैं, जिससे उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। इम्यूनोथेरेपी इन कोशिकाओं को फिर से पहचानने में मदद करती है, जिससे इम्यून सिस्टम उन्हें नष्ट कर सकता है। कभी-कभी, इम्यूनोथेरेपी शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती है, जिससे कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ अधिक प्रभावी तरीके से हमला किया जा सकता है।
इम्यूनोथेरेपी के कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न तरीकों से काम करते हैं और विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज में उपयोगी होते हैं। कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
यह दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की चेकपॉइंट्स को ब्लॉक करती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम कैंसर कोशिकाओं पर अधिक प्रभावी तरीके से हमला कर पाता है। चेकपॉइंट्स ऐसे प्रोटीन होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली की सक्रियता को नियंत्रित करते हैं। जब ये प्रोटीन ब्लॉक हो जाते हैं, तो इम्यून सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है और कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने लगता है।
इस उपचार में शरीर से टी-कोशिकाएं निकाली जाती हैं और उन्हें प्रयोगशाला में ज्यादा सक्रिय और प्रभावी बनाया जाता है। फिर इन कोशिकाओं को शरीर में वापस डाला जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ हमला कर सकें। यह उपचार खासतौर पर उन रोगियों के लिए प्रभावी होता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
यह प्रोटीनयुक्त कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन्हें नष्ट करने में इम्यून सिस्टम की मदद करती हैं। मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कैंसर कोशिकाओं के ऊपर एक विशेष एंटीजन को पहचानने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम उन कोशिकाओं पर हमला कर सके।
ये पदार्थ शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्हें शरीर में प्राकृतिक इम्यून सिस्टम को सक्रिय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ शरीर की प्रतिक्रिया बेहतर हो जाती है।
इम्यूनोथेरेपी उन कैंसरों के इलाज में खासतौर पर उपयोगी साबित हो रही है, जो पारंपरिक उपचारों से ठीक नहीं हो पाते। यह उन रोगियों के लिए एक उम्मीद बन चुकी है जिनका कैंसर के अन्य इलाज से इलाज संभव नहीं होता।
इम्यूनोथेरेपी के कई फायदे हैं जो इसे कैंसर के इलाज में एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं:
इम्यूनोथेरेपी के क्षेत्र में निरंतर शोध जारी है। नई तकनीकों का विकास हो रहा है, जो इसके प्रभाव को और भी बेहतर बना सकती हैं। भविष्य में इम्यूनोथेरेपी के अधिक प्रभावी और किफायती तरीके सामने आ सकते हैं, जिससे कैंसर के इलाज के तरीके पूरी तरह बदल सकते हैं।
इम्यूनोथेरेपी ने कैंसर के इलाज के तरीके में एक नई दिशा दी है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय और मजबूत करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है। इस उपचार की मदद से बहुत से रोगियों को नई उम्मीद मिली है, खासकर उन्हे जिन्हें पारंपरिक उपचारों से कोई फायदा नहीं हुआ। भविष्य में, इम्यूनोथेरेपी कैंसर के इलाज के लिए एक अहम विकल्प बन सकती है, लेकिन किसी भी उपचार से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी है।
इम्यूनोथेरेपी विभिन्न प्रकार के कैंसर, जैसे त्वचा कैंसर (मेलानोमा), मूत्राशय कैंसर, फेफड़े का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर), लिवर कैंसर, किडनी कैंसर, और अन्य प्रकार के ठोस ट्यूमर्स के इलाज में प्रभावी हो सकती है।
हां, इम्यूनोथेरेपी स्टेज 4 कैंसर के इलाज में प्रभावी हो सकती है, खासकर उन मामलों में जहां अन्य उपचार जैसे कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी काम नहीं करते।
इम्यूनोथेरेपी उन मरीजों के लिए उपयुक्त होती है, जिनका कैंसर उन्नत चरण (स्टेज 3 या 4) में पहुंच चुका हो और जिनके लिए पारंपरिक उपचार जैसे कीमोथेरेपी, सर्जरी, या रेडियोथेरेपी पर्याप्त नहीं हो रहे।
इम्यूनोथेरेपी का इलाज रोगी की स्थिति और कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है। सामान्यतः यह उपचार साप्ताहिक या मासिक सत्रों के रूप में किया जाता है। कितने समय के लिए यह इलाज चलेगा, इसका निर्णय डॉक्टर लेते हैं।
इम्यूनोथेरेपी के दौरान मरीज को डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित चेकअप करवाना चाहिए। किसी भी असामान्य लक्षण, जैसे बुखार, थकान, त्वचा पर रैशेज, या दर्द का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
नहीं, इम्यूनोथेरेपी सभी प्रकार के कैंसर के लिए उपयुक्त नहीं है। यह मुख्य रूप से उन कैंसरों में प्रभावी होती है जिनमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम नहीं होती है।
इम्यूनोथेरेपी ने कई मामलों में कैंसर के इलाज में सुधार किया है, लेकिन यह पूरी तरह से सभी रोगियों में कैंसर को ठीक नहीं कर पाती है।
Written and Verified by:
Dr. Indranil Khan is a Consultant in Clinical Oncology Dept. at CMRI, Kolkata, with over 8 years of experience. He specializes in chemotherapy, radiotherapy, immunotherapy and advanced cancer treatment modalities with a focus on precision, palliative care, and patient-centred treatment
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