ग्लूकोमा क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

ग्लूकोमा क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

Ophthalmology |by Dr. Shubhnav Jain| Published on 20/02/2025

दुनिया भर में अंधेपन के सभी कारणों में ग्लूकोमा एक मुख्य जोखिम कारक है। यह एक गंभीर रोग है, जो आंखों के पूरे ऑप्टिक तंत्र को प्रभावित करता है। यह समस्या मुख्य रूप से आंख के अंदर दबाव बढ़ने के कारण होती है। 

यदि इस स्थिति का इलाज समय पर नहीं होता है, तो इसके कारण स्थायी दृष्टि हानि जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसे हम साइलेंट डिजीज के नाम से भी जानते हैं क्योंकि ग्लूकोमा एक ऐसी स्थिति है, जो बिना लक्षण के अचानक उत्पन्न होती है। यदि आप भी यह सोच रहे हैं कि "क्या ग्लूकोमा का इलाज संभव है?" या इसे कैसे मैनेज किया जाए, तो यह ब्लॉग आपका मार्गदर्शन करेगा। ग्लूकोमा के इलाज के लिए में एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं।

ग्लूकोमा क्या है?

ग्लूकोमा नेत्र रोग का एक समूह है, जो ऑप्टिकल सिस्टम को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे दृष्टि हानि होती है। हमारे आंखों में एक सामान्य प्रेशर होता है, जिसे इंट्राऑक्युलर ऑप्टिकल प्रेशर (IOP) कहा जाता है, लेकिन जब यह प्रेशर बढ़ जाता है, तो इसके कारण हमारे ऑप्टिक नर्व प्रभावित होने लगते हैं। 

ग्लूकोमा एक या दोनों आंखों में विकसित हो सकता है, और यदि समय पर इस स्थिति की पुष्टि और इलाज नहीं होता है तो व्यक्ति कंप्लीट ब्लाइंडनेस या पूर्ण अंधेपन का शिकार हो सकता है, जो फिर से बदला नहीं जा सकता है।

ग्लूकोमा के लक्षण- Symptoms of Glucoma in Hindi

ग्लूकोमा एक साइलेंट चोर है, जिसमें शुरुआती स्थिति में कोई भी लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं और वह धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी की चोरी करते हैं। हालांकि ग्लूकोमा के अगले चरण में कुछ लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जो दर्शाते हैं कि आप ग्लूकोमा जैसे नेत्र रोग से पीड़ित हैं जैसे कि - 

  • धुंधली दृष्टि या देखने में समस्या होना।
  • आंख में दर्द होना या दबाव महसूस होना।
  • गंभीर सिरदर्द होना।
  • अचानक दृष्टि हानि होना।
  • रोशनी के चारों ओर अजीब से आकृति दिखना।
  • आंख में लालिमा होना। 
  • गंभीर मामलों में मतली या उल्टी आना।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो प्रयास करें कि तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें। यदि आप डायबिटिक हैं, तो डॉक्टर ग्लूकोमीटर से शरीर में ग्लूकोज का स्तर माप कर अन्य जांच का सुझाव भी दे सकते हैं।

ग्लूकोमा क्यों होता है?

यह हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ग्लूकोमा का प्राथमिक कारण बढ़ता इंट्राऑक्युलर ऑप्टिकल प्रेशर (IOP) है। इसके कारण नेत्र के पूरे तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि प्रेशर ज्यादा अधिक नहीं होता है, लेकिन कुछ अन्य कारक हैं, जो इसे बढ़ा देते हैं जैसे कि - 

  • आंख से पानी निकलने वाले स्थान का ब्लॉक होना: आंख में एक ऐसी जगह होती है, जहां से लगातार जल निकलता रहता है। यदि यह नहीं निकले, तो इसके कारण आंखों पर अतिरिक्त दबाव देखने को मिलता है। 
  • जेनेटिक कारण: ग्लूकोमा की फैमिली हिस्ट्री भी इस रोग के जोखिम कारक को बढ़ा सकता है। 
  • आयु: 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को इस रोग का खतरा बहुत अधिक होता है, लेकिन वर्तमान में युवा भी इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। 
  • चिकित्सा स्थितियां:डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के कारण भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है। 
  • आंख की चोट: यदि आंख में पहले कभी चोट लगी है, जैसे क्रिकेट खेलते समय बॉल लगना या किसी भेदक पदार्थ का आंख में जाना, तो भी इसके कारण ग्लूकोमा की समस्या उत्पन्न हो सकती है। 
  • लंबे समय तक स्टेरॉयड का उपयोग: स्टेरॉयड का लंबे समय तक उपयोग भी ग्लूकोमा की स्थिति को बढ़ावा देता है, जिससे आपको बच कर रहने की आवश्यकता होती है। 

ग्लूकोमा के प्रकार

ग्लूकोमा के इलाज से पहले इसके प्रकार के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। मुख्य रूप से इस स्थिति के 4 प्रकार होते हैं जैसे कि - 

  • ओपन-एंगल ग्लूकोमा: यह ग्लूकोमा का सबसे आम प्रकार है, जिसकी शुरुआत में लक्षण बिल्कुल नहीं आते और आते भी हैं, तो धीरे-धीरे वह विकसित होते हैं। इसमें आंख से पानी निकलने वाला स्थान ही ब्लॉक हो जाता है, जिससे आंख पर प्रेशर बढ़ता रहता है। इस स्थिति के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज लें, अन्यथा यह नेत्रों में अपरिवर्तनीय नुकसान का कारण बन सकता है। 
  • एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा: यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें दर्द, मतली और दृष्टि हानि जैसे गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसमें तत्काल मेडिकल सहायता चाहिए होती है।
  • जनरल स्ट्रेस ग्लूकोमा: इस स्थिति में आंख में प्रेशर ठीक हो जाता है, लेकिन रक्त प्रवाह में कमी या फिर अन्य कारकों के कारण ऑप्टिक तंत्रिका को अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ता है। 
  • जन्मजात ग्लूकोमा (शिशुओं और बच्चों में): इस प्रकार का ग्लूकोमा बच्चों में जन्म से ही होता है। शिशुओं में इसके लक्षण दिखने में थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन फिर भी कुछ लक्षण है, जो उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि धुंधली आंखें, अत्यधिक आंसू आना और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता। 

ग्लूकोमा का उपचार

ग्लूकोमा की स्थिति को पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन समय पर इलाज करने से दृष्टि हानि को धीमा या रोका जा सकता है। ग्लूकोमा के इलाज में निम्न विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है - 

  • दवाइयां: कुछ दवाएं आंख में एक नियमित प्रेशर बनाने में मदद कर सकती है। इस दवा को कुछ समय तक चलाने का सुझाव अक्सर दिया जाता है। 
  • लेजर थेरेपी: यह एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक है, जिसमें लेजर की मदद से आंख से पानी निकलने की प्रक्रिया को फिर से दुरुस्त किया जाता है। ट्रेबेकुलोप्लास्टी और इरिडोटॉमी दो लेजर प्रक्रियाओं का सुझाव दिया जाता है।
  • ग्लूकोमा ऑपरेशन: लेजर और दवाएं जब काम नहीं आती हैं, तो ग्लूकोमा ऑपरेशन का सुझाव दिया जाता है। ट्रेबेक्यूलेक्टोमी, और ग्लूकोमा ड्रेनेज इंप्लांट, वह दो प्रकार की सर्जरी है, जिनका सुझाव डॉक्टर अक्सर देते हैं। 
  • ग्लूकोमा इंजेक्शन: यह एक आधुनिक इलाज है, जिसमें इंजेक्शन की मदद से इंट्राऑकुलर प्रेशर को मेंटेन किया जाता है। हालांकि अभी भी इस बिंदु पर रिसर्च अभी भी जारी है। 

अंतिम विचार

ग्लूकोमा एक गंभीर नेत्र रोग है, जिसका जल्दी निदान ही इसके प्रसार को रोक सकता है। इसके इलाज के लिए आंखों की नियमित जांच बहुत ज्यादा आवश्यक है। हालांकि ग्लूकोमा पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन दवाओं, लेजर थेरेपी या सर्जरी की मदद से दृष्टि हानि को रोका जा सकता है। इलाज के लिए एक अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं। 

ग्लूकोमा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

ग्लूकोमा में व्यक्ति को क्या खाना चाहिए? 

ग्लूकोमा की स्थिति में स्वस्थ खान-पान इस रोग की प्रगति को धीमा कर सकते हैं जैसे कि - 

  • पत्तेदार हरी सब्जियां
  • ओमेगा-3 
  • विटामिन सी 
  • विटामिन ई 
  • हाइड्रेशन 

ग्लूकोमा में व्यक्ति को क्या नहीं खाना चाहिए? 

ग्लूकोमा की स्थिति में अत्यधिक कैफीन, प्रोसेस्ड फूड और हाई सोडियम वाले आहार का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह आंखों के दबाव को बढ़ाता है।

किन लोगों को ग्लूकोमा होने की अधिक संभावना है? 

निम्न लोगों को ग्लूकोमा की संभावना अधिक होती है - 

  • 40 वर्ष से अधिक आयु
  • फैमिली हिस्ट्री
  • डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर
  • लंबे समय से स्टेरॉयड का उपयोग करने वाले लोग
  • आंख में चोट लगना।

क्या ग्लूकोमा का इलाज केवल दवाओं से किया जा सकता है, या सर्जरी की आवश्यकता है?

यदि ग्लूकोमा की शुरुआत हो रही है, तो दवाओं से इस स्थिति का इलाज संभव है। यदि दवाएं कारगर साबित नहीं होती है और दृष्टि हानि हो रही है, तो लेजर थेरेपी या सर्जरी इसमें आपकी मदद कर सकती है। डॉक्टर ही इलाज के विकल्प का चुनाव करते हैं। 

क्या ग्लूकोमा सिर्फ बुजुर्गों को होता है या युवाओं को भी हो सकता है?

पहले के समय में सिर्फ बुजुर्गों में ही ग्लूकोमा की समस्या होती थी, लेकिन वर्तमान में युवा लोग भी इस रोग से प्रभावित हो रहे हैं। वर्तमान में हमारे सामने छोटे-छोटे बच्चे भी ग्लूकोमा का शिकार होते हुए नजर आ रहे हैं। 

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