Enquire now
Enquire NowCall Back Whatsapp
जानिये लू लगने के लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

Home > Blogs > जानिये लू लगने के लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

जानिये लू लगने के लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

Internal Medicine | Posted on 05/25/2024 by RBH



गर्मियों में तापमान के कई रिकॉर्ड टूटते हैं, जिसकी वजह से घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। तेज तपती गर्मी में दोपहर के समय बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, जिसे लू कहा जाता है। जिन लोगों की इम्युनिटी अच्छी होती है, वह लू को सहन कर लेते हैं, जो नहीं कर पाते हैं, वह बीमार पड़ जाते हैं। वर्तमान में ज्यादातर लोग इन हवाओं को सहन नहीं कर पाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि अपना ख्याल रखें। चलिए समझते हैं कि हीट स्ट्रोक क्या है, लू लगने के लक्षण व इलाज क्या है, लू लगने के घरेलू इलाज क्या है? इत्यादि।

हीट स्ट्रोक क्या है? -

हीट स्ट्रोक (Heatstroke) या सन स्ट्रोक को ही सामान्य भाषा में लू लगना कहा जाता है। हीट स्ट्रोक की समस्या तब होती है, जब एक व्यक्ति लंबे समय तक तेज धूप में रहता है और उनका शरीर उस बढ़ते तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता है। गर्मियों में लू लगने की समस्या बहुत ज्यादा आम है। इस दौरान शरीर का तापमान तो बढ़ता ही है, इसके साथ-साथ पसीना आना भी बंद हो जाता है। ऐसा होने के कारण शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है जिसके कारण शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। लू लगने की स्थिति में शरीर का तापमान लगभग 105°F या इससे अधिक हो जाता है और शरीर में कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो जाती है। सही समय पर इलाज इस स्थिति को जानलेवा होने से रोक सकता है।

लू लगने के लक्षण व उपचार -

यदि लू लगने के लक्षण की पहचान हो जाती है, तो उसका इलाज करना बहुत आसान हो जाता है। चलिए पहले लू लगने के लक्षणों के बारे में जानते हैं - 

लू लगने के कारण निम्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं - 

  • सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ
  • उल्टी आना और शरीर में तेज दर्द होना 
  • त्वचा का सूखना, गर्म होना या लाल होना
  • जी मिचलाना और तेज बुखार 
  • लूज मोशन
  • डिमेंशिया
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • धड़कन तेज होना

इस स्थिति के शुरुआती लक्षण काफी कम होते हैं, लेकिन समय के साथ उनकी तीव्रता बढ़ती जाती है। समय पर इलाज न मिलने पर मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे और मांसपेशियों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके कारण मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए समय रहते इलाज के विकल्प पर विचार ज़रूर किया जाना चाहिए। चलिए हीट स्ट्रोक ट्रीटमेंट के बारे में बात करते हैं। लू लगने की स्थिति में आप तुरंत निम्नलिखित निर्देशों का पालन कर सकते हैं - 

  • लू लगने के बाद तुरंत एक ठंडी या छायादार जगह पर जाएं।
  • तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • हल्के कपड़े पहने। 
  • ठंडे पानी से शरीर को पोछें या धोएं।
  • नींबू-पानी या जूस का सेवन करें।

हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय -

लू लगने के बाद घरेलू उपायों को अपनाकर राहत मिल सकती है। इसके लिए आपको अपने आहार में ठंडे तरल पेय पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। चलिए कुछ घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं - 

  • सेब का सिरका गर्मियों में आवश्यक मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करता है। पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल भी इससे प्राप्त होते हैं। एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब के सिरके को मिलाएं और दिन में दो बार इसका सेवन करें। 
  • चंदनासव एक जड़ी बूटि है, जो अपने शीतल गुणों के लिए जाना जाता है। ठंडी तासीर होने के कारण इससे शरीर में बढ़ी हुई गर्मी या जलन को काफी हद तक कम किया जा सकता है। लू लगने के बाद इस जडी बूटी के सेवन से लाभ होगा। 
  • बेल का रस गर्मियों में एक वरदान होता है। इसमें विटामिन सी और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए लू से बचने के लिए दिन में दो से तीन बार बेल का रस फायदेमंद होगा। 
  • गिलोय का जूस शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है। गिलोय से बुखार में भी काफी आराम मिलता है। 

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य उपाय भी हैं, जिससे आराम मिल सकता है जैसे - 

  • हल्का भोजन करें
  • हल्के एवं बांह को ढकने वाले कपड़े पहनें
  • खाली पेट घर से बाहर न निकलें।
  • धूप में घूमने से बचें
  • अधिक मात्रा में पानी पिएं
  • अधिक गर्मी की स्थिति में नींबू पानी लाभकारी साबित होगा।

निष्कर्ष -

लू लगने पर तुरंत इलाज लें और प्रयास करें कि आप जब तक डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं, घरेलू उपायों का पालन करें। वहीं बच्चों को लू लगने के बाद बिना देर किए उन्हें किसी ठंडी जगह पर ले जाएं और उन्हें ठंडा जूस पिलाएं। इससे उन्हें कुछ राहत मिलेगी। इसके बाद डॉक्टर से परामर्श लें। इस स्थिति को गंभीरता से लें और स्थिति का सही समय पर इलाज प्राप्त करें।

लू लगने से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न -

 

लू लगने के लक्षण क्या होते हैं?

  • शरीर का तापमान बढ़ना
  • सिरदर्द, चक्कर आना और थकान
  • त्वचा का लाल होना और त्वचा में सूखापन
  • अत्यधिक प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना
  • पैरों और पेट में दर्दनाक ऐंठन
  • मतली, उल्टी और पेट में दर्द
  • गंभीर मामलों में, रोगी बेहोश भी हो सकता है।

लू लगना किसे कहते हैं?

लू लगना या हीट स्ट्रोक वह स्थिति है, जिसमें शरीर के तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि होती है। यह समस्या तब होती है जब शरीर पड़ रही गर्मी को दूर नहीं कर पाता है, जिसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं घेर लेती हैं। 

बच्चों को लू लगने के लक्षण क्या है?

बच्चों में लू लगने के लक्षण वयस्कों की तुलना में अधिक गंभीर होते है। बच्चों में लू लगने के निम्न लक्षण उत्पन्न होते है - 

  • 40°C से अधिक बुखार
  • बिना किसी कारण के रोना और चिड़चिड़ापन
  • मुंह और त्वचा में रूखापन और चिपचिपाहट महसूस होना।
  • पेशाब कम आना या गहरे रंग का पेशाब आना

लू से कैसे बचें? 

लू से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जाना चाहिए - 

  • धूप से बचें
  • पर्याप्त तरल पदार्थ पिएं
  • हल्का खाना खाएं और तले भुने खाने से दूरी बनाएं।
  • शरीर को ठंडा रखें और हल्के कपड़े पहने।

लू लगने के बाद दिमाग पर क्या असर होता है?

लू लगने से दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शरीर का तापमान बढ़ने से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे भ्रम, सिरदर्द, दौरे और गंभीर मामलों में कोमा तक की समस्या उत्पन्न होती है।