कैंसर का नया इलाज: इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी
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कैंसर का नया इलाज: इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी

Table of Contents
  1. इम्यूनोथेरेपी क्या है और यह कैंसर से कैसे लड़ती है?
  2. टारगेटेड थेरेपी क्या है और यह कीमोथेरेपी से कैसे अलग है?
  3. इम्यूनोथेरेपी बनाम टारगेटेड थेरेपी: कौन सा इलाज बेहतर है?
  4. इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी के फायदे
  5. निष्कर्ष
  6. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
    1. कौन से तीन कैंसर का इलाज करना सबसे कठिन है?
    2. इम्यूनोथेरेपी के तीन प्रकार क्या हैं?
    3. इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी काम करने में कितना समय लेती है?
    4. क्या इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी हर कैंसर के लिए काम करती हैं?
    5. क्या यह दोनों थेरेपी सभी रोगियों के लिए प्रभावी हैं?
    6. क्या इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी को एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है?

Summary

इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी कैंसर से लड़ने की उम्मीद लेकर आती है। यह शरीर की रक्षा प्रणाली को मजबूत करके और सीधे कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करके मारते हैं। यह इलाज कम साइड इफेक्ट्स के साथ जीवन की गुणवत्ता सुधारते हैं और कैंसर के कई मरीजों को जीवन की आस देते हैं।

कैंसर के बारे में सुनते ही ऐसा लगता है कि पूरे परिवार पर मृत्यु की छाया आ गई है। यह बीमारी एक व्यक्ति को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी प्रभावित करती है। लेकिन यहां आपको अब समझना होगा कि इस खतरनाक स्थिति का इलाज विज्ञान से संभव है। यदि आप हमारे ऊपर विश्वास रखते हैं, तो हम मिलकर नई तकनीक के साथ इस कैंसर के खिलाफ लड़ाई को जीत सकते हैं। 

इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी कैंसर (Targeted Therapy) के खिलाफ एक उम्मीद की किरण साबित हो रही है। यह न केवल शरीर, बल्कि पूरे शरीर की रक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने का कार्य करता है। 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इम्यूनोथेरेपी से जुड़े उपचारों ने कुछ प्रकार के कैंसर में 30% तक रोगी के जीवन काल को बढ़ाया है। यदि आप या आपके प्रियजन कैंसर से जूझ रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि अब डरने की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय बेहतर और कम साइड इफेक्ट वाले इलाज का चुनाव करें। यदि आप भी ऐसे इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो बिना देर किए हमारे कैंसर रोग विशेषज्ञ से मिलें और इलाज लें। 

इम्यूनोथेरेपी क्या है और यह कैंसर से कैसे लड़ती है?

इम्यूनोथेरेपी, सरल भाषा में कहा जाए तो यह आपके शरीर की सुरक्षा तंत्र (immune system) को जागरूक करती है, ताकि वह कैंसर की कोशिकाओं को पहचान सके और उन्हें समय पर नष्ट कर पाए। जैसे आपके शरीर के सुरक्षाकर्मी बाहरी दुश्मनों से लड़ते हैं, उसी प्रकार इम्यूनोथेरेपी कैंसर के खिलाफ लड़ाई में आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है।

चलिए इसे एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते हैं। मान लीजिए, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली एक पुलिस है, जो अपराधियों (कैंसर कोशिकाओं) को पकड़ने में असमर्थ हुई है, क्योंकि यह अपराधी दूसरे लोगों के बीच में छुप जाते थे। इस स्थिति में इम्यूनोथेरेपी उन अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को नई तकनीक देते हैं। जैसे कि चेकपॉइंट इन्हिबिटर्स, जो आपके शरीर की उन "ब्रेक्स" को हटाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को छिपने देते हैं। कई बड़े मेडिकल संस्थानों में 2024 में हुई रिसर्च के आधार पर हम यह कह सकते हैं इम्यूनोथेरेपी ने विशेष रूप से लंग कैंसर, ब्लड कैंसर और मेलेनोमा (त्वचा कैंसर) के रोगियों के जीवन को दोगुना किया है। 

टारगेटेड थेरेपी क्या है और यह कीमोथेरेपी से कैसे अलग है?

टारगेटेड थेरेपी एक ऐसी दवा या तकनीक है, जो ऐसे क्षेत्र को निशाना बनाते हैं, जहां कैंसर कोशिकाएं होती हैं, और जहां से इनकी वृद्धि होती है। यदि कीमोथेरेपी एक जाल है, जो पूरे क्षेत्र को जला देता है, तो टारगेटेड थेरेपी उस जाल को इतना खास बनाती है कि वह केवल कैंसर कोशिकाओं को ही निशाना बनाते हैं।

टारगेटेड थेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं जीन के स्तर पर काम करती हैं, जिससे स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान होता है और मरीजों को कम साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, HER2 पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर में टारगेटेड थेरेपी ने रोग के नियंत्रण में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, टारगेटेड थेरेपी के कारण 20-40% रोगियों की उम्र में 5 वर्षों तक के जीवनकाल में वृद्धि हुई है।

इम्यूनोथेरेपी बनाम टारगेटेड थेरेपी: कौन सा इलाज बेहतर है?

जब भी कैंसर के इलाज के संबंध में सवाल उठते हैं, तो यह ज़रूर सोचा जाता है कि इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी में से कौन सा बेहतर विकल्प है। सच तो यह है कि दोनों इलाज अपनी-अपनी जगह पर अहम है। एक मरीज के लिए इम्यूनोथेरेपी बेहतर हो सकती है, तो दूसरे के लिए टारगेटेड थेरेपी। यह उनके वर्तमान स्वास्थ्य और अन्य कारकों के आधार पर निर्भर करता है। 

कल्पना कीजिए, एक महिला जो अपने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी से गुजर रही थी, लेकिन साइड इफेक्ट से बेहद परेशान थी। उसके डॉक्टर ने टारगेटेड थेरेपी अपनाई, जिससे उन्हें बेहतर परिणाम मिले और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हुई। वहीं दूसरी तरफ, एक युवक को मेलेनोमा था, जिसके लिए इम्यूनोथेरेपी ने उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया और कैंसर को दूर भगाया।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह दोनों थेरेपी एक-दूसरे के पूरक या सप्लीमेंट हैं, और डॉक्टर मरीज के ट्यूमर के प्रकार, स्थिति और स्वास्थ्य के अनुसार उनका चुनाव करते हैं। इसलिए सही समय पर सही निदान और इलाज की आवश्यकता होती है। 

इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी के फायदे

दोनों ही प्रक्रियाओं के अपने फायदे और अपने नुकसान होते हैं। चलिए हम दोनों ही प्रक्रियाओं के फायदे के बारे में बात करते हैं - 

  • टारगेटिड उपचार: इम्यूनोथेरेपी पूरे शरीर पर होती है, वहीं टारगेटेड थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को सीधा टारगेट करके खत्म किया जाता है। टारगेटेड थेरेपी में शरीर के बाकी भाग में नुकसान कम होता है।
  • कम साइड इफेक्ट्स: पारंपरिक कीमोथेरेपी के मुकाबले टारगेटेड थेरेपी में बहुत कम साइड इफेक्ट उत्पन्न होते हैं, क्योंकि इसमें शरीर के स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता है।
  • बेहतर जीवन गुणवत्ता: दोनों ही प्रक्रियाओं के बाद मुख्य रूप से टारगेटेड थेरेपी के बाद मरीजों में थकान, उल्टी जैसी शिकायत कम होती हैं और जल्दी और बेहतर तरीके से रिकवर करते हैं।
  • लंबे समय तक प्रभाव: कई मामलों में यह दोनों ही प्रक्रियाएं कैंसर की कोशिकाओं को फिर से बनने नहीं देते हैं, वहीं कीमो के बाद कैंसर की समस्या फिर से उत्पन्न हो सकती हैं।

इन दोनों ही प्रक्रियाओं के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं, जिन्हें हमने इनके फायदे के साथ भी लिखा है।

निष्कर्ष

कैंसर से लड़ाई में इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी ने नई उम्मीदों के द्वार खोल दिए हैं। वह पुराने इलाजों की सीमाओं को पार कर, रोगियों को बेहतर परिणाम और बेहतर जीवन की गुणवत्ता प्रदान कर रहे हैं। यदि आप कैंसर के लक्षण महसूस कर रहे हैं या आपके किसी परिचित को कैंसर है, तो आज ही कैंसर रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और इन आधुनिक इलाज विकल्पों के बारे में जानकारी लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

कौन से तीन कैंसर का इलाज करना सबसे कठिन है?

पहले हर प्रकार के कैंसर का इलाज मुश्किल होता था, लेकिन अब पैंक्रियाटिक कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, और लंग कैंसर का इलाज थोड़ा मुश्किल होता है।

इम्यूनोथेरेपी के तीन प्रकार क्या हैं?

तीन प्रकार के इम्यूनोथेरेपी मुख्य रूप से किए जाते हैं जैसे कि - 

  • चेकपॉइंट्स इनहिबिटर्स
  • CAR-T सेल थेरेपी
  • कैंसर वैक्सीन

इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी काम करने में कितना समय लेती है?

अलग-अलग कैंसर और मरीज के अनुसार यह कुछ हफ्तों से महीनों तक चल सकती है। इसका जवाब आपको अपने डॉक्टर से मिलेगा।

क्या इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी हर कैंसर के लिए काम करती हैं?

नहीं, यह इलाज केवल कुछ विशेष प्रकार के कैंसर में प्रभावी होते हैं।

क्या यह दोनों थेरेपी सभी रोगियों के लिए प्रभावी हैं?

प्रभाव रोगी की स्थिति, कैंसर के प्रकार, और जीन प्रोफाइल पर निर्भर करता है।

क्या इम्यूनोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी को एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है?

हां, कई मामलों में इन दोनों का संयोजन अधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर आपको सही सलाह दे सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Chanchal Goswami

Dr. Chanchal Goswami

Consultant - Oncologist Exp: 36 Yr

Oncology

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