ब्लड कैंसर का कारण, लक्षण और उपचार

ब्लड कैंसर का कारण, लक्षण और उपचार

Oncology |by CMRI| Published on 27/04/2023

कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है, जिसमें हमारे शरीर के अनचाहे कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं। कई प्रकार के कैंसर होते हैं और जिस स्थान पर यह कैंसर होता है, वह उसी के नाम से जाना जाता है। इन्हीं में से एक है ब्लड कैंसर। रक्त कैंसर को अंग्रेजी भाषा में ब्लड कैंसर (blood cancer) या ल्यूकेमिया कहा जाता है, जिसमें शरीर की रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और कार्य को प्रभावित करने की क्षमता प्रभावित होती है। यह एक प्रकार का कैंसर है, जिसका संबंध रक्त और अस्थि मज्जा (बोन मैरो) से होता है। 

ज्यादातर कैंसर बोन मैरो से शुरू होता है। बोन मैरो वह स्थान है, जहां पर रक्त का उत्पादन शुरू होता है। यदि समय रहते रक्त कैंसर के लक्षणों की पहचान हो जाती है और पहले स्टेज में स्थिति का पता चल जाता है, तो इससे आपको बहुत लाभ मिलेगा। ब्लड कैंसर के इलाज के लिए आप हमारे कर्क रोग विशेषज्ञ (ऑन्कोलॉजिस्ट) से भी मिल सकते हैं। 

रक्त कैंसर के प्रकार

रक्त कैंसर तीन प्रकार के होते हैं, जैसे - ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा।

  • ल्यूकेमिया: यह एक प्रकार का रक्त कैंसर है जो रक्त और अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में उत्पन्न होता है। इस प्रकार का कैंसर बच्चों और किशोरों में सबसे ज्यादा आम है। 
  • लिम्फोमा: इस प्रकार का ब्लड कैंसर आपकी लिम्फ प्रणाली को प्रभावित करता है। लिम्फ प्रणाली में नसों का एक नेटवर्क होता है, जिसमें लिम्फ नोड्स, स्पलीन, और थाइमस जैसे ग्लैंड मौजूद होते हैं। 
  • मायलोमा: इस प्रकार के कैंसर से बोन मैरो के प्लाज्मा सेल्स प्रभावित होते हैं। इसमें आपकी हड्डी, रक्त और किडनी को क्षति होती है। 

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य रक्त कैंसर के प्रकार होते हैं जैसे - 

  • मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (एमडीएस)
  • मायलोप्रोलिफेरेटिव नियोप्लाज्म (एमपीएन)
  • अमीलॉइडोसिस
  • वाल्डेनस्ट्रॉम मैक्रोग्लोबुलिनमिया
  • अप्लास्टिक एनीमिया

रक्त कैंसर क्यों होता है

चिकित्सा भाषा में कहा जाए तो कैंसर के फैलने के पीछे का कारण जेनेटिक म्यूटेशन है। जेनेटिक म्यूटेशन वह स्थिति होती है, जिसमें डीएनए में कोई स्थाई परिवर्तन आता है, जिससे उसमें उत्परिवर्तन या म्यूटेशन होता है। हमारे शरीर में मौजूद सेल्स या फिर कोशिकाओं का एक मुख्य कार्य यह होता है कि एक समय के बाद पुरानी कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं और नई कोशिकाएं बनती हैं। लेकिन जब पुरानी कोशिकाएं मरती नहीं है, तो वह बोन मैरो में जगह को घेर लेती है और ब्लड कैंसर का निर्माण करती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य कारण हैं जिससे रक्त कैंसर हो सकता है - 

  • ल्यूकेमिया या ब्लड कैंसर का पारिवारिक इतिहास।
  • धूम्रपान एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया (एक प्रकार का कैंसर) के जोखिम को बढ़ाता है।
  • डाउन सिंड्रोम जैसा जेनेटिक रोग
  • मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम जैसा रक्त विकार
  • कीमोथेरेपी का इतिहास
  • रेडिएशन से नकारात्मक प्रभाव
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
  • रुमेटीइड गठिया या ल्यूपस जैसे ऑटोइम्यून रोगों का इतिहास

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य सामान्य कारक भी होते हैं, जो रक्त कैंसर की तरफ इशारा करते हैं जैसे - 

  • बढ़ती उम्र
  • महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ये समस्या आम है
  • अफ्रीकी-अमेरिकियों के मूल निवासी इस रोग के जोखिम कारक के दायरे में होते हैं। 
  • मोटापा या शरीर का अतिरिक्त वजन

ब्लड कैंसर के लक्षण

ब्लड कैंसर की स्थिति में शरीर में असामान्य ब्लड सेल्स की तुलना में सामान्य ब्लड सेल्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके कारण शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं और यह बदलाव लक्षण कहलाते हैं। ब्लड कैंसर की पहचान हमेशा इसके लक्षणों से होती है। कुछ ऐसे लक्षण है जो ब्लड कैंसर की स्थिति में उत्पन्न होते हैं जैसे - 

  • बुखार, ठंड लगना
  • थकान, कमजोरी का लगातार बने रहना
  • भूख न लगना और जी मिचलाना
  • बिना कारण वजन घटाना या अचानक वजन घटना
  • रात में पसीना आना
  • हड्डी और जोड़ों में दर्द
  • पेट की परेशानी
  • सिर दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • बार-बार संक्रमण होना
  • खुजली वाली त्वचा या त्वचा पर दाने
  • गर्दन, अंडरआर्म्स या कमर में सूजन और लिम्फ नोड्स

रक्त कैंसर का उपचार

रक्त कैंसर के इलाज के लिए अलग-अलग विकल्पों का सुझाव दिया जाता है। ब्लड कैंसर के प्रकार के आधार पर ही डॉक्टर इलाज की योजना बनाते हैं। ब्लड कैंसर के सामान्य प्रकार के मामले में निम्नलिखित विकल्पों पर डॉक्टर विचार करते हैं - 

  • स्टेम सेल ट्रांसप्लांट: स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त अस्थि मज्जा को स्वस्थ रक्त कोशिकाओं के साथ बदला जाता है। मेडिकल भाषा में इस प्रक्रिया को बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी कहते हैं। 
  • कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी प्रक्रिया में कैंसर रोधी दवाओं का उपयोग किया जाता है, जिससे शरीर में कैंसर कोशिकाओं का विकास बाधित हो जाता है। ब्लड कैंसर की दवाओं के सेवन से पहले आपको अपना भोजन समय पर कर लेना चाहिए। कई मामलों में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से पहले कीमोथेरेपी का प्रयोग होता है। 
  • रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया को करने के पीछे का उद्देश्य दर्द या परेशानी से राहत पाना है। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से पहले भी डॉक्टर रेडिएशन थेरेपी का सुझाव दे सकते हैं। 
  • इम्यूनोथेरेपी: रक्त कैंसर से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना जरूरी है। ऐसा करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव देते हैं जैसे - मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और सीएआर टी-सेल थेरेपी इम्यूनोथेरेपी।

रक्त कैंसर की रोकथाम

रक्त कैंसर की रोकथाम के लिए कोई विशिष्ट निर्देश नहीं हैं। लेकिन निम्नलिखित निर्देशों का पालन कर रक्त कैंसर की रोकथाम में बहुत मदद मिल सकती है -

  • स्वस्थ आहार लें: स्वस्थ आहार से कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, होल ग्रेन, और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
  • तनाव से बचें: तनाव कैंसर के जोखिम को बढ़ाने की क्षमता रखता है। इसलिए, तनाव से बचने के लिए योग, ध्यान, या अन्य तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए।
  • धूम्रपान न करें: धूम्रपान कैंसर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है। कई बार आपने गुटखा, तंबाकू और सिगरेट के पैकेट पर देखा भी होगा कि धूम्रपान से कैंसर हो सकता है। इसलिए धूम्रपान न करें और यदि आप करते हैं, तो इसे छोड़ने का प्रयास करें।
  • शराब के सेवन को सीमित करें: शराब का अधिक सेवन करने से कैंसर के जोखिम को बढ़ावा मिलता है। इसलिए अल्कोहल के सेवन को सीमित करें।

रक्त कैंसर से बचने के उपाय

रक्त कैंसर से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं - 

  • नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं: नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच से रक्त कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है और समय रहते उत्तम इलाज प्राप्त कर सकते हैं। 
  • पारिवारिक इतिहास के बारे में जानकारी: यदि आपके परिवार में किसी को रक्त कैंसर की शिकायत है, तो आपको रक्त कैंसर होने का खतरा अधिक खतरा हो सकता है। इसलिए अपने परिवार की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी रखें और यदि कोई संशय हो तो हमारे अनुभवी डॉक्टर से बात करें। 
  • रक्त कैंसर के जोखिम कारकों से बचें: ब्लड कैंसर के जोखिम कारकों में धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, और सूर्य की हानिकारक किरणें शामिल हैं। इन जोखिम कारकों से बचने से रक्त कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

ब्लड कैंसर से संबंधित अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न 

 

क्या ब्लड कैंसर जानलेवा बीमारी है?

यदि रक्त कैंसर का इलाज समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा में ब्लड कैंसर के इलाज में काफी सफलता मिली है। प्रारंभिक अवस्था में ब्लड कैंसर के इलाज से जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है। 

ब्लड कैंसर कितना खतरनाक है?

ब्लड कैंसर कितना खतरनाक है, इसका पता उसके प्रकार और बीमारी की गंभीरता से चलता है। कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर के कारण व्यक्ति के जीवन को अत्यधिक खतरा हो सकता है। 

ब्लड कैंसर फर्स्ट स्टेज लक्षण क्या है?

ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं - 

  • थकान
  • कमजोरी
  • बुखार
  • वजन कम होना
  • गले में खराश
  • बार-बार संक्रमण होना
  • त्वचा पर चकत्ते
  • नाक से या मुंह से खून आना

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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