थैलेसीमिया: कारण, लक्षण और प्रभावी इलाज
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थैलेसीमिया: कारण, लक्षण और प्रभावी इलाज

Summary

जैसे कि हम लोग समझ सकते हैं कि थैलेसीमिया एक जेनेटिक रोग है, जिसके कारण हमारे शरीर की हीमोग्लोबिन के उत्पादन की क्षमता प्रभावित होती है। यह एक ऐसा रोग है, जिसमें बड़ी संख्या में रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया रोग हो सकता है। थैलेसीमिया रोग के दो प्रकार हैं - थैलेसीमिया मेजर और थैलेसीमिया माइनर, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बात भी करने वाले हैं। दोनों में से थैलेसीमिया मेजर अधिक गंभीर रूप है, जबकि थैलेसीमिया माइनर एक ऐसा रूप है, जिसका प्रभाव अधिक नहीं होता है और इलाज के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। 

थैलेसीमिया एक जेनेटिक रोग है, जो मुख्य रूप से हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करता है। हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स में से प्रोटीन में ऑक्सीजन को पूरे शरीर में ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। थैलेसीमिया से प्रभावित लोगों के शरीर में अपर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन होता है या फिर उनके शरीर में इसका स्तर असामान्य रूप से बढ़ता रहता है। 

इस रोग की गंभीरता को समझ कर आप इस रोग के कारण, लक्षण और प्रभावी इलाज के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपको रक्त संबंधित किसी भी रोग के लिए बिना देर किए हमारे अनुभवी एवं सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। इस रोग के कारण, लक्षण और उपलब्ध विकल्पों को समझने के लिए यह एक ब्लॉग काफी है। 

थैलेसीमिया क्या है?

जैसे कि हम लोग समझ सकते हैं कि थैलेसीमिया एक जेनेटिक रोग है, जिसके कारण हमारे शरीर की हीमोग्लोबिन के उत्पादन की क्षमता प्रभावित होती है। यह एक ऐसा रोग है, जिसमें बड़ी संख्या में रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया रोग हो सकता है। थैलेसीमिया रोग के दो प्रकार हैं - थैलेसीमिया मेजर और थैलेसीमिया माइनर, जिनके बारे में हम इस ब्लॉग में बात भी करने वाले हैं। दोनों में से थैलेसीमिया मेजर अधिक गंभीर रूप है, जबकि थैलेसीमिया माइनर एक ऐसा रूप है, जिसका प्रभाव अधिक नहीं होता है और इलाज के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। 

थैलेसीमिया के लक्षण

थैलेसीमिया की स्थिति में लक्षण जल्दी उत्पन्न नहीं होते हैं। हालांकि इस स्थिति में कुछ सामान्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि - 

  • थकान और कमजोरी: जब शरीर में प्रवाह होने वाले रक्त में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है, तो इसके कारण व्यक्ति को थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है। 
  • पीलापन या पीलिया: जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं और रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो जाती हैं, तो इसके कारण त्वचा या आंखों में पीलापन आ जाता है।
  • बच्चों में धीमी वृद्धि और विकास संबंधी देरी: इस रोग के कारण छोटे बच्चों में विकास संबंधित देरी अच्छी खासी होती है। 
  • लीवर का आकार बढ़ना: जैसे-जैसे शरीर की रक्त कोशिकाएं नष्ट होने लगती है, शरीर और पेट में भारीपन महसूस होता है, जिससे लीवर काम करना बंद कर सकता है। 
  • बार-बार संक्रमण होना: स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। 
  • चेहरे पर विकृति होनी:ऐसे मामले बहुत कम होते हैं, लेकिन थैलेसीमिया के कुछ मामलों में लोगों के चेहरे पर विकृति हो सकती है।
  • मूत्र के रंग में बदलाव: इस दौरान मूत्र के रंग में बदलाव होता है, जो कि कई रोग को दर्शाता है। इस लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से मिलें और इलाज लें।

थैलेसीमिया के प्रकार

मुख्य रूप से थैलेसीमिया के दो प्रकार होते हैं। चलिए दोनों को एक-एक करके समझते हैं - 

  • थैलेसीमिया माइनर: यह इस रोग का एक हल्का स्वरूप है। आमतौर पर इस रोग वाले लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं। इस स्थिति का निदान अक्सर ब्लड टेस्ट से होता है, जो कि किसी और रोग की जांच के लिए किया जाता है। इस स्थिति के इलाज के लिए किसी खास विकल्प की आवश्यकता नहीं होती है। स्वस्थ जीवन-शैली से इस रोग का इलाज संभव है।
  • थैलेसीमिया मेजर: थैलेसीमिया मेजर या कूली एनीमिया एक अधिक गंभीर रोग है, जो आपके जीवन के लिए एक खतरा साबित हो सकती है। थैलेसीमिया मेजर वाले व्यक्तियों को स्थिति को मैनेज करने के लिए इलाज की योजना की आवश्यकता होती है, जो उन्हें अपने डॉक्टर से मिलेगी।

थैलेसीमिया के कारण

हमने आपको शुरुआत में ही कहा था कि थैलेसीमिया एक जेनेटिक रोग है, जो बच्चों को उनके माता-पिता से विरासत में मिलता है। जो जीन थैलेसीमिया के कारण होते हैं, वह क्रोमोसोम में पहले से ही स्थिति होते हैं। यदि आपके परिवार में किसी को भी यह रोग है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप भी इस रोग के खतरे के दायरे में आते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ देश जैसे कि भूमध्यसागरीय, मध्य पूर्वी, दक्षिण पूर्व एशियाई और अफ्रीका में भी यह रोग अधिक आम है। 

थैलेसीमिया का निदान

आमतौर पर थैलेसीमिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट की आवश्यकता पड़ती है। कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट में हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच हो सकती है। कम स्तर बताता है कि स्थिति गंभीर है और इलाज की आवश्यकता है। इस टेस्ट के परिणाम के आधार पर ही डॉक्टर अन्य जांच का सुझाव दे सकते हैं। थैलेसीमिया का संदेह होने पर तो सटीक निदान के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

थैलेसीमिया को रोकने के उपाय

हालांकि थैलेसीमिया को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन भविष्य में इस रोग को फैलने से रोका जा सकता है - 

  • जेनेटिक काउंसलिंग: परिवार शुरू करने से पहले, जेनेटिक काउंसलिंग कराना बहुत ज़रूरी है। ऐसे में यह रोग भविष्य में आपके बच्चों तक नहीं जाएगा।
  • प्रसवपूर्व जांच: प्रेगनेंसी से पहले भी आप यह जांच करा सकते हैं कि आपके होने वाले बच्चे में थैलेसीमिया रोग है या नहीं।
  • कैरियर टेस्टिंग: कुछ समुदाय के लोग इस रोग के करियर होते हैं, जिनमें किसी भी प्रकार के लक्षण उत्पन्न नहीं होते हैं। कैरियर टेस्टिंग से उन लोगों को चिन्हित किया जा सकता है।

थैलेसीमिया के लिए उपचार के विकल्प

वर्तमान में, थैलेसीमिया रोग का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन यदि हम लक्षणों को कम करते हैं, तो जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। इलाज के विकल्प इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति को थैलेसीमिया माइनर है या मेजर। चलिए दोनों ही स्थिति में इलाज के विकल्पों के बारे में जानते और समझते हैं - 

थैलेसीमिया माइनर के लिए इलाज

आमतौर पर इस स्थिति के इलाज के लिए किसी विशिष्ट उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन नियमित जांच और निगरानी की मदद से इस स्थिति का इलाज आसानी हो सकता है। 

थैलेसीमिया मेजर के लिए इलाज

थैलेसीमिया मेजर के उपचार के विकल्पों में निम्न शामिल है - 

  • रक्त आधान: यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें ब्लड को चढ़ाया जाता है, जिससे स्वस्थ हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर बना रहता है। 
  • आयरन चेलेशन थेरेपी: यह शरीर से अतिरिक्त आयरन को खत्म करने में मदद करता है, जो बार-बार ट्रांसफ्यूजन के कारण शरीर में जमा हो जाता है।
  • बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट: कुछ मामलों में, यह प्रक्रिया थैलेसीमिया मेजर को ठीक करने की क्षमता प्रदान करती है। इसका विकल्प गंभीर मामलों में ही दिया जाता है।

निष्कर्ष

इस बात में कोई संशय नहीं है थैलेसीमिया एक गंभीर जेनेटिक रोग है, जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करती है, जिससे कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि थैलेसीमिया का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन यदि स्थिति का निदान सही समय पर हो जाए, तो इसके लक्षणों को आसानी से मैनेज किया जा सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार आसानी से हो सकता है। यदि आप या आपके किसी भी प्रियजन को थैलेसीमिया के लक्षण दिखते हैं, तो सही उपचार योजना सुनिश्चित करने के लिए किसी विशेषज्ञ से चिकित्सा सलाह लेने में संकोच न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

थैलेसीमिया माइनर और मेजर के बीच क्या अंतर है?

थैलेसीमिया माइनर रोग का एक हल्का रूप है, जहां व्यक्ति में एक असामान्य जीन होता है और आमतौर पर उसे लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। थैलेसीमिया मेजर एक अधिक गंभीर रूप है, जहां दोनों जीन असामान्य होते हैं, जिससे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं और नियमित चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।

थैलेसीमिया को रोकने के उपाय क्या है?

संभावित जोखिमों की पहचान करने के लिए जेनेटिक परामर्श, प्रसव पूर्व परीक्षण और गर्भावस्था से पहले कैरियर स्क्रीनिंग के माध्यम से थैलेसीमिया को रोका जा सकता है।

थैलेसीमिया के लिए कौन से परीक्षण किए जाते हैं?

थैलेसीमिया के निदान और निगरानी के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) और हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस जैसे ब्लड टेस्ट किए जाते हैं।

क्या थैलेसीमिया को पूरी तरह से ठीक करना संभव है?

वर्तमान में थैलेसीमिया का कोई स्थाई इलाज नहीं है। हालांकि, रक्त आधान (Blood transfusion) और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे उपचार इस स्थिति को प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।

Written and Verified by:

Dr. Shubham Bhattacharya

Dr. Shubham Bhattacharya

Consultant Exp: 15 Yr

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