अनेक लोगों को किडनी में गांठ यानी सिस्ट की समस्या होती है। इस स्थिति में थिन वॉल में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। विशेषज्ञ के अनुसार, गांठ का आकार एक मटर के दाने से लेकर गोल्फ बॉल जितना बड़ा हो सकता है। अधिकतर मामलों में यह 50 से अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलता है।
किडनी में गांठ होने पर आप खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जिसमें किडनी के आसपास दर्द होना सामान्य है। हालाँकि, कई बार ऐसा भी देखा गया है कि किडनी में गांठ होने पर कुछ मरीजों को इसके लक्षण अनुभव नहीं होते हैं। डॉक्टर सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी के दौरान किडनी में छोटी गांठ की पुष्टि करते हैं।
किडनी की छोटी गांठ का इलाज कई तरह से किया जा सकता है, लेकिन लेप्रोस्कोपी सर्जरी को इसका सबसे सटीक उपचार माना जाता है। इस सर्जरी के दौरान, किडनी में मौजूद छोटी गांठ को बहुत आसानी से बाहर निकाल दिया जाता है। समय पर किडनी में छोटी गांठ का उपचार नहीं कराने पर यह आगे जाकर कैंसर का रूप भी धारण कर सकता है।
अगर आप किडनी में छोटी गांठ के बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो रुक्मणि बिरला हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ देवेंद्र शर्मा द्वारा लिखे इस लेख को अवश्य पढ़ें।
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